भरतपुर. बयाना तहसील के निवासी एक दलित परिवार इनामी डकैतों की धमकियों के चलते गांव छोड़ने को मजबूर है. दलित परिवार ने सोमवार को जयपुर में सचिवालय के बाहर खड़े होकर न्याय की गुहार लगाई. साथ ही परिवार के सदस्य इच्छामृत्यु की मांग भी कर रहे हैं. दरअसल, पीड़ित परिवार के मामले में ईटीवी भारत उनके गांव पहुंचा. यहां उनकी परेशानी से जुड़े पूरे मामले को जानने की कोशिश की.
इस दौरान जिले में रहने वाले परिवार ने दंबगों की दंबगई से परेशान होकर गांव को छोड़ा. लेकिन बयाना के सीओ चेतराम से हमारी बात हुई तो उन्होंने बताया कि इन पर आरोप है वो इनामी डकैत है, जिनकी तलाश पुलिस को भी है. साथ ही सीओ ने बताया कि पीड़ित ने करीब 1 साल पहले सीताराम, धर्मेंद्र, रईस और एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
पुलिस अधिकारियों का कहना है की पीड़ित की ओर से करीब 1 साल पहले दर्ज कराए गए मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि इनामी डकैतों की तलाश जारी है. साथ ही पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दलित परिवार ने जयपुर में जाकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. इस संबंध में स्थानीय पुलिस, प्रशासन के पास में कोई भी सूचना नहीं है.
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बयाना के सीओ चेतराम सेवदा ने बताया कि पीड़ित ने करीब 1 साल पहले सीताराम, धर्मेंद्र, रईस और एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. सभी मुलजिम आपराधिक प्रवृत्ति के आदमी हैं. साथ ही सीताराम और अन्य पर डकैती व अन्य आपराधिक मामले दर्ज होने के साथ ही इनाम भी घोषित है. इनके खिलाफ भरतपुर समेत धौलपुर करौली में भी मामले दर्ज हैं. सीओ चेतराम सेवदा ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद में मुलजिम की काफी तलाश की गई. लेकिन पकड़ में नहीं आए. ऐसे में सभी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है.
पूरे मामले में एक मुलजिम गिरफ्तार
सीओ चेतराम सेना ने बताया कि पुलिस की ओर से फिर से क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें करीब 2 माह पूर्व अपराधी रईस को गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि अन्य अपराधी अभी तक पुलिस पकड़ से दूर हैं. सेवदा ने बताया कि डांग क्षेत्र में लगातार सर्च ऑपरेशन और जांच जारी रहती है. साथ ही गार्ड भी तैनात कर रखे हैं. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि उसके बाद से पीड़ित परिवार के पास अपराधियों की ओर से किसी प्रकार की धमकी देने की घटना की सूचना पुलिस को प्राप्त नहीं हुई.
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कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
भरतपुर जिला कलेक्टर जोगाराम ने इस संबंध में बताया कि इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. गौरतलब है कि जयपुर में शासन सचिवालय के बाहर जिले के पीड़ित ने दबंगों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से परेशान होकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी. पीड़ित परिवार का कहना है कि वह बीते 1 साल से न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिल रहा है. मजबूरन उनको गांव छोड़ना पड़ा है.