भरतपुर. नगर निगम भरतपुर में बुधवार को साधारण सभा की बैठक आयोजित होने वाली थी, लेकिन पार्षदों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार कर (Councillors boycott Nagar Nigam meeting) दिया. पार्षदों ने सभागार के बाहर डमी महापौर और आयुक्त बनकर बैठक आयोजित कर विरोध जताया. वहीं सभागार में सिर्फ महापौर, आयुक्त और 16 पार्षद ही मौजूद रहे. ऐसे में साधारण सभा की बैठक आयोजित नहीं हो सकी.
पार्षद शिवानी दायमा ने बताया कि नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार कई-कई महीने बाद साधारण सभा की बैठक सिर्फ वित्तीय स्वीकृति और सहमति के लिए आयोजित करते हैं. शहर की सफाई व्यवस्था, नाली, सड़क और विकास को लेकर कभी भी बैठक आयोजित नहीं की जाती. विकास पर ध्यान नहीं दिया जाता है. ऐसे में 65 में से करीब 49 पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया.
पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर सभागार के बाहर ही एक डमी बैठक आयोजित कर ली. इस बैठक में 2 पार्षदों को डमी आयुक्त और महापौर बना दिया गया. उसके बाद सभी पार्षदों ने बारी-बारी से शहर की समस्याओं को उनके सामने रखा. पार्षदों के बहिष्कार के चलते बुधवार को साधारण सभा की बैठक आयोजित नहीं हो सकी.
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45 करोड़ के भवन के लिए बैठक: पार्षदों ने बताया कि नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार 45 करोड़ रुपए की लागत का एक भवन निर्माण करवाना चाहते हैं. जबकि हाल ही में पार्षदों को गुमराह करके 60 करोड़ का शहर की सफाई का ठेका दिया गया है. बावजूद इसके शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई है.
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अब उसके बाद भवन निर्माण के नाम पर सभी पार्षदों की 45 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति पर सहमति के लिए यह बैठक आयोजित की जा रही है. पार्षदों का आरोप था कि नगर निगम में पट्टों में घोटाला किया गया. बीते दिनों फर्जी पट्टे के कई प्रकरण सामने आए. लेकिन उन पूरे प्रकरण में नगर निगम और उसकी विधि शाखा पूरी तरह से लिप्त है. अब नगर निगम बड़े हाथियों को इस पूरे मामले में बचाना चाहता है.