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'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान के तहत कार्रवाई, अधिकारियों ने 3 हजार लीटर सिंथेटिक दूध कराया नष्ट

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत भरतपुर की तहसीलों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने कई जगह मावा कारखानों में छापामार कार्रवाई की और मावा, दूध, घी, क्रीम के सैंपल लिए. वहीं ऊंचा नागला के पास एक मावा कारखाने में करीब 300 हजार लीटर सिंथेटिक दूध जब्त पकड़ा और उसे नष्ट कराया.

synthetic milk caught in Bharatpur, adulteration in Bharatpur
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कार्रवाई
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Published : Oct 27, 2020, 9:52 PM IST

भरतपुर. राज्य सरकार के आदेश के बाद सोमवार से भरतपुर जिले में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान शुरू हुआ. जिले की तहसीलों में जब स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी सैम्पल लेने के लिए निकले तो बाजारों में हड़कंप मच गया और व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए. भरतपुर शहर में भी मगलवार को शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत एसडीएम संजय गोयल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर की अटलबंद मंडी में स्थित कई मावा फैक्ट्रियों पर छापा डाला और मावा, दूध, घी, क्रीम के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे.

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कार्रवाई

वहीं अधिकारी उस समय चकरा गए, जब ऊंचा नगला के पास एक मावा कारखाना में छापा के दौरान करीब 3000 लीटर सिंथेटिक दूध जब्त किया. जो इस कदर पत्थर की तरह जमा हुआ था कि उसे हथौड़े से ही तोड़ा जा सका. दूध इतना पत्थर की तरह मजबूत होता है, यह वाकया शायद पहली बार ही अधिकारियों को देखने को मिला था. सिंथेटिक दूध को नष्ट कर दिया गया है.

दरअसल, दीपावली त्यौहार के मद्देनजर मिलावट के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों ने कई जगह मावा कारखानों पर छापा मारा. कारखानों में जहरीले पदार्थ से मिठाई और मावा तैयार किया जा रहा था, जिसके बाद कारखाने में तैयार 10 क्विंटल मावा को प्रशासन ने नष्ट किया और दूध को भी नष्ट किया.

पढ़ें- अजमेरः बिजयनगर में चला 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान, 1 हजार 12 किलो पुराना मावा सीज

उपखंड मजिस्ट्रेट संजय गोयल स्वास्थ्य अधिकारियों के नेतृत्व की टीम ने शहर में कई जगह मावा, क्रीम और घी की दुकानों पर छापा डाला, लेकिन तभी सूचना मिली थी कि चिकसाना थाना इलाके में आगरा जयपुर नेशनल हाईवे पर स्थित ऊंचा नगला के पास एक मावा कारखाना है, जहां हजारों लीटर की मात्रा में सिंथेटिक दूध का उपयोग किया जा रहा है.

सूचना पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और जांच की तो वहां रखे हजारों लीटर दूध की स्थिति को देख अधिकारी चौंक गए, क्योंकि दूध जिसे लोहे के हथोड़े से भी मुश्किल से तोड़ा जा सका. उपखंड मजिस्ट्रेट संजय गोयल ने बताया कि शहर में मिलावटी मावा, घी, दूध के खिलाफ कई जगह कार्रवाई की गई है. जहां कई जगह मिलावटी दूध व मावा को नष्ट किया गया है और एक जगह दो से तीन हजार लीटर दूध जो गलत पाया गया है. उसे नष्ट कराया गया है और कई जगह दूध व मावा के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए है.

भरतपुर. राज्य सरकार के आदेश के बाद सोमवार से भरतपुर जिले में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान शुरू हुआ. जिले की तहसीलों में जब स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी सैम्पल लेने के लिए निकले तो बाजारों में हड़कंप मच गया और व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए. भरतपुर शहर में भी मगलवार को शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत एसडीएम संजय गोयल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर की अटलबंद मंडी में स्थित कई मावा फैक्ट्रियों पर छापा डाला और मावा, दूध, घी, क्रीम के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे.

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कार्रवाई

वहीं अधिकारी उस समय चकरा गए, जब ऊंचा नगला के पास एक मावा कारखाना में छापा के दौरान करीब 3000 लीटर सिंथेटिक दूध जब्त किया. जो इस कदर पत्थर की तरह जमा हुआ था कि उसे हथौड़े से ही तोड़ा जा सका. दूध इतना पत्थर की तरह मजबूत होता है, यह वाकया शायद पहली बार ही अधिकारियों को देखने को मिला था. सिंथेटिक दूध को नष्ट कर दिया गया है.

दरअसल, दीपावली त्यौहार के मद्देनजर मिलावट के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों ने कई जगह मावा कारखानों पर छापा मारा. कारखानों में जहरीले पदार्थ से मिठाई और मावा तैयार किया जा रहा था, जिसके बाद कारखाने में तैयार 10 क्विंटल मावा को प्रशासन ने नष्ट किया और दूध को भी नष्ट किया.

पढ़ें- अजमेरः बिजयनगर में चला 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान, 1 हजार 12 किलो पुराना मावा सीज

उपखंड मजिस्ट्रेट संजय गोयल स्वास्थ्य अधिकारियों के नेतृत्व की टीम ने शहर में कई जगह मावा, क्रीम और घी की दुकानों पर छापा डाला, लेकिन तभी सूचना मिली थी कि चिकसाना थाना इलाके में आगरा जयपुर नेशनल हाईवे पर स्थित ऊंचा नगला के पास एक मावा कारखाना है, जहां हजारों लीटर की मात्रा में सिंथेटिक दूध का उपयोग किया जा रहा है.

सूचना पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और जांच की तो वहां रखे हजारों लीटर दूध की स्थिति को देख अधिकारी चौंक गए, क्योंकि दूध जिसे लोहे के हथोड़े से भी मुश्किल से तोड़ा जा सका. उपखंड मजिस्ट्रेट संजय गोयल ने बताया कि शहर में मिलावटी मावा, घी, दूध के खिलाफ कई जगह कार्रवाई की गई है. जहां कई जगह मिलावटी दूध व मावा को नष्ट किया गया है और एक जगह दो से तीन हजार लीटर दूध जो गलत पाया गया है. उसे नष्ट कराया गया है और कई जगह दूध व मावा के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए है.

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