भरतपुर. एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए कार्यालय सहायक औषधि नियंत्रक में छापा मारा. जिसमें विभाग के कम्यूटर ऑपरेटर और एक दलाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रैप किया. दोनों रिश्वतखोर कामां के एक व्यक्ति से दवा की दुकान का लाइसेंस जारी करने के लिए रिश्वत मांग रहे थे. जिस पर परिवादी ने ACB कार्यालय में इसकी शिकायत की और एसीबी ने दोनों रिश्वतखोरों को ट्रैप कर लिया.
परिवादी शैलेश ने बताया कि वह कामां में एक दवा की दुकान खोलना चाहता है. जिसके लिए उसने सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय में लाइसेंस के लिए आवेदन किया, लेकिन 15 दिन विभाग का चक्कर लगाने के बाद भी उसका आवेदन स्वीकार नहीं हुआ. जिस पर विभाग में लगे नवीन गोयल कम्प्यूटर ऑपरेटर और उसके भाई पवन गोयल ने उससे 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की.
आरोपियों ने परिवादी शैलेश से कहा कि ADC चंदप्रकाश दुकान का मौका मुआयना करने जाएंगे. जिसके लिए उन्हें 20 हजार रुपये देने होंगे, लेकिन परिवादी और कम्प्यूटर ऑपरेटर के बीच 15 हजार में सौदा तय हुआ. जिस पर परिवादी ने इसकी शिकायत ACB में की और जब परिवादी कम्प्यूटर ऑपरेटर को पैसे देने गया, तभी ACB के अधिकारियों ने दोनों रिश्वतखोरों को ट्रैप कर लिया.
पढ़ें- धौलपुर: केशव गुर्जर गैंग से मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घायल डकैत को दबोचा...
ACB के एडिशनल एसपी महेश मीणा में बताया कि परिवादी शैलेश से सहायक औषधि नियंत्रक का एक बाबू फाइल के अप्रूवल के बदले में 20 हजार की रिश्वत मांग रहा था. जिस पर 15 हजार में लेनदेन तय हुआ और परिवादी की शिकायत पर ACB ने बाबू और दलाल को गिरफ्तार कर लिया. दोनों रिश्वतखोर आपस में भाई हैं.