भरतपुर: वासुदेव प्रसाद गोयल और उनकी पत्नि गीतादेवी ने दिवंगत पुत्र राहुल गोयल और दिवंगत ससुर रोशनलाल की याद में साढ़े चार बीघा भूमि दान की है. यह भूमि इंदिरा कॉलोनी के पास सेठ रोशनलाल कॉलोनी में स्थित है. राज्यमंत्री भजनलाल ने फोन कर भामाशाह दंपति को बधाई देते हुए कहा कि जयपुर नेशनल हाइवे-21 स्थित कस्बा हलैना पर अब जल्द ही ट्रॉमा सेन्टर बन सकेगा.
गोयल दंपति ने बताया कि नदबई तहसील के गांव खांगरी से करीब साल 1935 में व्यापार के उद्देश्य से पिता रोशनलाल गोयल और माता अंगूरी देवी हलैना आ गए, जो 5 भाई थे. दोनों की हमेशा गरीब और अनाथ लोगों की सेवा करने की इच्छा रहती थी. जब भी अवसर मिलता था, वह लोगों की मदद करते थे. उनकी प्रबल इच्छा थी कि एक अस्पताल का निर्माण करा कर लोगों की सेवा की जाए. वो अपनी इस इच्छा को बेटे राहुल गोयल को डॉक्टर या इंजीनियर बनाकर पूरा करना चाहते थे.
माता-पिता और बेटे की याद में दिया दान
माता-पिता के गुजर जाने के बाद बेटा राहुल गोयल भी 27 साल की आयु में दुनिया से चला गया. माता-पिता और बेटे की इच्छा को पूरा कराने के लिए धर्मपत्नी गीतादेवी, पुत्र रवि गोयल, पुत्रवधू रेखा गुप्ता, पौत्र जनित गोयल और पौत्री इसिता गुप्ता ने प्रेरणा दी कि राज्यमंत्री भजनलाल के प्रयास से हलैना में ट्रॉमा सेन्टर खुलेगा, जिसके लिए भूमि नहीं है. इसलिए क्यों ना हम भूमि दान में कर दें.
उन्होंने बताया कि परिवार की इच्छा को लेकर पिछले दिनों राज्यमंत्री भजनलाल जाटव से मिलने गए. उनको बताया कि ट्रॉमा सेन्टर को जयपुर नेशनल हाइवे-21 पर साढ़े चार बीघा भूमि उनका परिवार दे रहा है. हम चिकित्सा विभाग के नाम दान में दी भूमि का पंजीयन करा देगें. इसके बाद उन्होंने वैर तहसीलदार के साढ़े चार बीघा भूमि चिकित्सा विभाग के नाम पर करा दी.
वैर के तहसीलदार राजेश मीणा ने भी बताया कि हलैना के पूर्व सरपंच वासुदेव प्रसाद गोयल और उनकी पत्नी गीतादेवी ने चिकित्सा विभाग के नाम ट्रॉमा सेन्टर व चिकित्सा सुविधा को साढ़े चार बीघा भूमि करा दी है. जिसका क्षेत्रफल 7 हजार 200 वर्ग मीटर है.
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दानदाता रहा है यह परिवार
हलैना के पूर्व सरपचं वासुदेव प्रसाद गोयल साल 2005 से 2010 तक सरपंच रहे. यह परिवार हमेशा समाजसेवा और दूसरे कार्य में दानदाता रहा है. इनके पिता रोशनलाल गोयल को कस्बा हलैना और आसपास के गांव के लोग सेठ जी के नाम से जानते थे. पिता रोशनलाल और माता अंगूरी देवी ने जयपुर नेशनल हाइवे किनारे साल 1990 में देव धर्मशाला का निर्माण कराया, जो जयपुर-आगरा के फोरलेन में परिवर्तन होने पर हटवानी पड़ी. उसके बाद नदबई-हलैना मार्ग स्थित गांव खांगरी पर दूसरी धर्मशाला का निर्माण कराया, जहां गार्वधन, चौरासी कोस और दूसरे पदयात्रियों के रात्रि व दिन में ठहराव के उपयोग आती है. साल 2009 में हलैना के मोक्षधाम पर माता अंगूरी देवी की याद में धर्मशाला का निर्माण कराया और नयागांव माफी में श्री सीताराम मन्दिर बनवाया.