भरतपुर. शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित नगर निगम की इकरण नंदीशाला (Cow shelter Nandishala) में अब भूख प्यास से गाय दम नहीं तोड़ेंगी. ऐसा सुनिश्चित किया है अपना घर आश्रम ने. नगर निगम जल्द ही अपना घर आश्रम के साथ नंदीशाला को लेकर एमओयू करने वाला है. ये ऑन पेपर डील होगी लेकिन आश्रम संस्थापक डॉ बी एम भारद्वाज के दिल मे मदद का ऐसा जज्बा है कि कागजी औपचारिकताओं का इंतजार किए बिना ही गायों की सेवा और सुविधा विस्तार के लिए नंदीशाला पर 20 दिन में ही सवा करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं.
नंदीशाला में अब ऐसे होगा गोपालन: डॉ भारद्वाज ने बताया कि पहले गौशाला (Apna Ghar in Bhartapur) में उचित देखभाल नहीं होने के चलते हर दिन 1 दर्जन से अधिक गायों की मौत हो जाती थी. वजहें कई थीं चारा और पानी इसमें अहम था. लेकिन अब गायों की उचित देखभाल के लिए चारे और पानी के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए टिन शेड्स में स्वस्थ गाय, बछड़ा और बीमार गायों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है. बीते 20 दिन से नंदीशाला में लगातार सुविधाविस्तार का कार्य किया जा रहा है. बरसात में पानी जमा न हो इसके लिए पूरी नंदीशाला में पानी निकासी के लिए डेढ़ किलोमीटर लंबी नाली का निर्माण किया गया है.
पढ़ें-Multivitamin Chocolate For Cattles: काजरी ने बनाई पशुओं के लिए मल्टीविटामिन चॉकलेट 'बट्टिका'
ये रहेगा प्रबंधन:
- गायों का अलग अलग सेक्शन तैयार किया जाएगा.
- अलग अलग सेक्शन में गोपालक के साथ ही इंचार्ज, सुपरवाइजर तैनात किए जाएंगे.
- कंप्यूटर ऑपरेटर हर दिन की बीमा और स्वस्थ गायों का डाटा अपडेट करेगा.
- हर दिन सुबह 8 से 9 बजे और शाम को 5 से 6 बजे के बीच चारे की व्यवस्था की जाएगी.
- गायों को नियमित नहलाने के लिए फव्वरे युक्त अभिषेक घाट तैयार किया जाएगा.
उपचार और दवाई: गायों की देखभाल को लेकर गंभीर है अपना घर. स्वस्थ गायों का ख्याल रखने के साथ ही बीमार गऊ पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. बीमार गायों के उपचार के लिए पशुपालन विभाग की मदद से कुछ स्टाफ की नंदीशाला में ड्यूटी लगवाई गई है. जो यहां की बीमार गायों की नियमित उपचार करेंगे. नंदीशाला में ही उपचार के लिए पर्याप्त दवाई उपलब्ध रहेंगी साथ ही बीमार गायों के लिए अब नंदीशाला में गद्दों और उपचार की व्यवस्था कर दी गई है.
बड़े पैमाने पर पौधरोपण: नंदीशाला में गाय तो हैं लेकिन पेड़ पौधों का नामोनिशान तक नहीं. इस अवस्था से भी गौशाला को बाहर निकालने का जिम्मा उठाया गया है. डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि नंदीशाला के पूरे परिसर में कहीं भी पेड़ पौधे नहीं है. ऐसे में गर्मी के मौसम में पूरे परिसर में गायों के बैठने के लिए प्राकृतिक छाया की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. ये बहुत दुखद है. इसको ध्यान में रखकर ही पूरे परिसर में बड़े पैमाने पर पौधरोपण कराया जाएगा ताकि जब पेड़ पौधे बड़े हो जाएंगे तो परिसर की गायों को गर्मी के मौसम में तेज गर्मी में झुलसना नहीं पड़ेगा.
करीब 1500 का होगा भला: नगर निगम की नंदीशाला में फिलहाल करीब 1500 के आसपास गाय और नंदी हैं. उचित देखभाल और पर्याप्त दाने पानी की व्यवस्था नहीं होने की वजह यहां हर दिन एक दर्जन से अधिक गायों की मौत हो जाती थी. गायों की दुर्दशा को देखते हुए अपना घर आश्रम ने नगर निगम से मदद करने की अपील की, जिसके बाद नगर निगम ने अपना घर आश्रम से नंदीशाला में मदद स्वीकार कर ली है. अब जल्द ही अपना घर आश्रम और नगर निगम के बीच एक एमओयू हो जाएगा और उसके बाद नंदीशाला का पूरा जिम्मा अपना घर आश्रम संभालेगा.