भरतपुर. अपराधी इतने बेखौफ हैं कि अब पुलिस थाने के भीतर ही पुलिसकर्मियों पर हमला कर उनके साथ मारपीट कर रहे हैं. इस तरह की वारदात को अंजाम देने के बाद बेखौफ कानून को ठेंगा दिखाते हुए पकड़े जाने के बाद भी पुलिस थाने से छूट जाते हैं. यही नहीं पुलिसकर्मी के खिलाफ ही क्रॉस मुकदमा दर्ज करा देते हैं.
यह सब घटनाक्रम गुरुवार को मेवात इलाके के सीकरी थाने में देखने को मिला. जहां विश्राम नाम के एक पुलिस कांस्टेबल के साथ गांव गढ़ी मेवात (चोर गढ़ी) के सरपंच के भाई बरकत मेव ने अपने साथियों के साथ मिलकर न सिर्फ मारपीट की, बल्कि पुलिसकर्मी की वर्दी तक फाड़ दी. शोर मचाने पर थाने के संतरी सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने बचाया और जब आरोपी को पकड़कर हवालात में बैठाया तो एसएचओ शरीफ अली ने उसे न सिर्फ छोड़ दिया. बल्कि पीड़ित पुलिसकर्मी के खिलाफ ही क्रॉस एफआईआर दर्ज कर ली.
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मामले का पता जब इलाके के लोगों को लगा तो उन्होंने घटना की शिकायत डीजीपी एमएल लाठर, आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा और एसपी देवेन्द्र कुमार विश्नोई से की. एसपी विश्नोई ने इसे गम्भीर लापरवाही मानते हुए एसएचओ शरीफ अली को रात को ही लाइन हाजिर किया और पड़ोस के पुलिस थाने गोपालगढ़ के एसएचओ पूरनचंद जाटव को सीकरी थाने पर तैनात किया. पुलिस कार्मिकों को हिम्मत देते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी, किसी भी कार्मिक पर किसी के भी राजनीतिक दबाब में कोई कार्रवाई नहीं होगी.
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पीड़ित पुलिस कर्मी विश्राम गुर्जर ने बताया है कि वह गुरुवार शाम को करीब 6 बजे सीकरी अस्पताल से एक मृतक का पोस्टमार्टम कराकर अपने साथी कार्मिकों के साथ पुलिस थाने लौटा था. तभी वहां पर खोह थाने के गांव गढ़ी मेवात (चोर गढ़ी) के सरपंच का भाई बरकत अपने साथियों के साथ आया और कहने लगा कि तू बहुत हमारे गांव के चोरों को उठवा रहा है, तेरा इलाज करना पड़ेगा. ऐसे कहते ही उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी, जिसको शोर मचाने पर संतरी गार्ड और अन्य पुलिस वालों ने छुड़ाया. उसको पकड़कर बिठाया, जिसको एसएचओ साहब ने छोड़ दिया.