अलवर. चक्रवाती तूफान तौकते का असर अलवर में देखने को मिल रहा है. 24 घंटे से लगातार अलवर में बारिश हो रही है, जबकि 12 घंटे से तेज बारिश देखने को मिली है. लगातार हो रही बारिश के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवा और तूफान का असर भी देखने को मिला. हालांकि अलवर के आसपास क्षेत्र में अभी लगातार बारिश हो रही है. प्रशासन की तरफ से एहतियातन सभी इंतजाम कर लिए गए हैं. बिजली विभाग ने 24 घंटे कंट्रोल रूम शुरू कर दिया है. कोरोना के प्रभाव के बीच तूफान से लोग डरे सहमे हुए नजर आ रहे हैं.
अलवर में दो दिन से मौसम पूरी तरह पलट गया है. बीती रात बारिश का दौर जारी है. सावन जैसी झड़ी लगी हुई है. मई माह में मार्च जितना तापमान दर्ज हो रहा है. दिन-रात का मौसम एक जैसा हो गया है. जिले में अब न्यूनतम तापमान 20 डिग्री तो अधिकतम तापमान करीब 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. करीब 12 घण्टे से लगातार रिमझिम है.
प्रदेश के कई हिस्सों में तूफान का असर है. उदयपुर में रात को अंधड़ के साथ बारिश में कई जगह पेड़ भी गिर गए, लेकिन, अलवर में अभी तूफान केवल रिमझिम बारिश का रूप लिए हुए हैं. यहां तेज अंधड़ नहीं है. करीब 12 घंटाें से चल रही रिमझिम बारिश से अंदेशा है कि कभी भी तूफान का असर बढ़ सकता है. जिसके कारण अलवर प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए आमजन को घरों में रहने को सावचेत किया है.
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बीते कई सालों से सावन के मौसम में भी एसी बारिश की झड़ी नजर नहीं आती है. इस बारिश का खेती-किसाने के लिए तो फायदा है, लेकिन, बारिश के साथ तूफान का असर बढ़ा तो कई तरह का संकट सामने आ सकता है. फिलहाल मौसम पूरी तह बदल चुका है. 10 दिन पहले अलवर जिले में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था. अब अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा चुका है.
न्यूनतम तापमान भी 21 डिग्री सेल्सियस के आसपास आ गया है. मतलब दिन-रात का मौसम एक जैसा हो गया है. जिसके कारण गर्मी का असर कम हो गया है. बीते कुछ दिनों से गर्मी के चलते पानी की डिमांड भी बढ़ रही थी. ऐसे में बारिश की बात पानी की डिमांड कम होगी. साथ ही ग्राउंड वाटर रिचार्ज में भी मदद मिलेगी. लगातार अलवर में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. जिसके चलते पानी की कमी हो रही है.