भरतपुर. प्रदेश में आए दिन किसी ना किसी की जिंदगी से हारने की खबरें सामने आती हैं. प्रदेश में आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ रहीं हैं. इसकी वजह प्रेम प्रसंग, पढ़ाई का बोझ और पारिवारिक या कोई भी अन्य कारण हो सकता है. जिसके चलते सुसाइड के मामले सामने आते हैं या फिर कभी-कभी लापरवाही भी किसी की सांसें छिन लेती है और एक नजर हटते ही दुर्घटना घट जाती है.
आए दिन खबरें मिलती हैं कि किसी ने रेलवे ट्रैक पर अपनी लापरवाही के कारण जान गंवा दी. जबकि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए साफ चेतावनी दी जाती है कि वे बिना पुल के रेलवे ट्रैक पार न करें. उसके बावजूद भी यात्री जल्दबाजी करते हैं और अपनी जिंदगी से हाथ धो लेते हैं. इसके अलावा कुछ लोग अपने जीवन से तंग आकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे देते हैं. कुछ लोगों की तो शिनाख्त भी नहीं हो पाती कि वह कहां से हैं और मजबूरन पुलिस उनका अंतिम संस्कार कर देती है.
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लापरवाही के कारण मौतों का आकंड़ा ...
- साल 2017 में लापरवाही से 22 लोगों ने जान गंवाई
- साल 2018 में लापरवाही से 19 लोगों की सांसें थमीं
- साल 2019 में लापरवाही के चलते 24 लोगों की मौत
- साल 2020 में अबतक 2 लोग अपनी जान गंवा चुके
इसके अलावा नियमों का उलंघन करने वाले लोगों के खिलाफ आरपीएफ ने कितनी कार्रवाई की उसके आकड़ों पर नजर डालें तो..
- साल 2017 में 1953 कार्रवाई
- साल 2018 में 1852 कार्रवाई
- साल 2019 में 850 कार्रवाई
- फरवरी 2020 तक 106 कार्रवाई
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वहीं अगर आरपीएफ की कार्रवाइयों पर नजर डालें तो साल 2019 की कार्रवाई पिछले 02 सालों की तुलना में आधी भी नहीं है.अगर RPF लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी तो हो सकता है कि मौत के आकड़ों में कमी आए.