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भरतपुर: कोविड वैक्सीनेशन में कम रुचि ले रहे हेल्थ वर्कर, अब तक 93 डोज बेकार

भरतपुर में कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने के लिए सरकार की ओर से कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा है. लेकिन अभी भी कई हेल्थ वर्कर वैक्सीनेशन कराने से कतरा रहे हैं. यही वजह है कि अब तक जिले में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड वैक्सीनेशन की 93 डोज खराब हो चुकी हैं.

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Published : Jan 27, 2021, 11:16 AM IST

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अब तक 93 डोज बेकार

भरतपुर. बीते 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन के तहत चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीन लगाया जा रहा है. लेकिन जिले के कई चिकित्साकर्मी सूचना देने के बावजूद टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं. चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीनेशन के लिए विभाग के साथ ही जिला कलेक्टर की ओर से भी समय-समय पर जागरुक किया जा रहा है. बावजूद इसके कई हेल्थ वर्कर टीका लगवाने से कतरा रहे हैं.

अब तक 93 डोज बेकार

जिले भर में वैक्सीनेशन के लिए 7 दिन में 4,774 हेल्थ वर्कर को वैक्सीनेशन के लिए चुना गया. लेकिन इनमें से करीब 69 प्रतिशत हेल्थ वर्कर ही टीका लगवाने पहुंचे. बाकी 31 प्रतिशत चिकित्साकर्मी टीका लगवाने नहीं पहुंचे. टीका लगवाने से कतरा रहे चिकित्सा कर्मियों को देखते हुए राज्य सरकार ने ऐसे चिकित्सा कर्मियों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत रजिस्ट्रेशन के बावजूद जो चिकित्साकर्मी टीका नहीं लगवा रहे हैं. उनके ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनके नाम के आगे रिफ्यूज लिखा जाएगा और अग्रिम आदेश तक उन्हें टीका नहीं लगाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: जैसलमेर को और मिले कोरोना वैक्सीन के 5 हजार डोज, जागरुकता के बाद बढ़ रही है वैक्सीनेशन की दर

वैक्सीनेशन से कतरा रहे चिकित्सा कर्मियों से जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने निर्भीक होकर वैक्सीनेशन करवाने की अपील की है. इसके कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आए हैं. गौरतलब है कि प्रथम चरण के तहत जिले भर में 13,360 चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीनेशन होना है.

भरतपुर. बीते 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन के तहत चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीन लगाया जा रहा है. लेकिन जिले के कई चिकित्साकर्मी सूचना देने के बावजूद टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं. चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीनेशन के लिए विभाग के साथ ही जिला कलेक्टर की ओर से भी समय-समय पर जागरुक किया जा रहा है. बावजूद इसके कई हेल्थ वर्कर टीका लगवाने से कतरा रहे हैं.

अब तक 93 डोज बेकार

जिले भर में वैक्सीनेशन के लिए 7 दिन में 4,774 हेल्थ वर्कर को वैक्सीनेशन के लिए चुना गया. लेकिन इनमें से करीब 69 प्रतिशत हेल्थ वर्कर ही टीका लगवाने पहुंचे. बाकी 31 प्रतिशत चिकित्साकर्मी टीका लगवाने नहीं पहुंचे. टीका लगवाने से कतरा रहे चिकित्सा कर्मियों को देखते हुए राज्य सरकार ने ऐसे चिकित्सा कर्मियों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत रजिस्ट्रेशन के बावजूद जो चिकित्साकर्मी टीका नहीं लगवा रहे हैं. उनके ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनके नाम के आगे रिफ्यूज लिखा जाएगा और अग्रिम आदेश तक उन्हें टीका नहीं लगाया जाएगा.

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वैक्सीनेशन से कतरा रहे चिकित्सा कर्मियों से जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने निर्भीक होकर वैक्सीनेशन करवाने की अपील की है. इसके कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आए हैं. गौरतलब है कि प्रथम चरण के तहत जिले भर में 13,360 चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीनेशन होना है.

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