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जज समेत 3 लोगों पर 7वीं क्लास के बच्चे को शराब पिलाकर कुकर्म करने का आरोप...POCSO Act में मामला दर्ज, बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान

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Published : Oct 31, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 9:59 PM IST

भरतपुर में स्पेशल जज विजिलेंस और उसके दो साथियों पर 7वीं क्लास के बच्चे के साथ यौन दुराचार करने का आरोप लगा है. पीड़ित बच्चे की मां की रिपोर्ट पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर आरोपी विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया ने रविवार शाम को मथुरा गेट खाने में बच्चे की मां के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. मामले में बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है.

जज पर किशोर से दुष्कर्म का आरोप
जज पर किशोर से दुष्कर्म का आरोप

भरतपुर. विशेष न्यायाधीश विजिलेंस और उसके दो साथियों पर सातवीं कक्षा के एक नाबालिक बच्चे के साथ यौन छेड़छाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपी न्यायाधीश और दो अन्य पर नाबालिग बच्चे को शराब व नशीला पदार्थ पिलाकर यौन दुराचार करने के आरोप हैं. आरोपी जज समेत 3 लोगों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में पुलिस ने रविवार शाम को पीड़ित बच्चे का आरबीएम अस्पताल में मेडिकल कराया है. मेडिकल कराने के बाद अब जिला बाल कल्याण समिति पीड़ित बच्चे को किशोर गृह में आवासित करेगी.

पीड़ित की मां के मुताबिक गुरूवार 28 अक्टूबर को शाम 4 बजे के लगभग उसने अपने घर के सामने ही न्यायाधीश को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देखा था. इस बारे में मां ने बच्चे से पूछा तो बताया कि उसके साथ जज और दो अन्य लोग सिलसिलेवार ढंग से यौन दुराचार करते रहे हैं. इसके बाद दूसरे दिन शुक्रवार 29 अक्टूबर को आरोपी जज ने बच्चे की मां को फोन पर धमकी दी. 30 अक्टूबर को वह अपने साथियों के साथ बच्चे के घर पहुंच गया और माफी मांगी. लेकिन मां ने पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही तो उसे धमकियां दी गई. इसके बाद आज पीड़ित बच्चे की मां ने इस संबंध में मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया.

मथुरा गेट थाना प्रभारी ने दी मामले की जानकारी

जज ने कराया ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज

वहीं इस पूरे मामले को लेकर आरोपी विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया ने रविवार शाम को मथुरा गेट खाने में बच्चे की मां के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को पीड़ित बच्चे और उसके परिजनों के न्यायालय में बयान दर्ज किए जाएंगे.

खेल के मैदान पर 'गंदा खेल'

पीड़ित बच्चे की मां का आरोप है कि उसका बेटा 7वीं कक्षा का विद्यार्थी है, उसकी उम्र 14 वर्ष है. वह भरतपुर शहर की एक कॉलोनी स्थित एक खेल मैदान में खेलने जाता था. वहीं पर विशेष न्यायाधीश विजिलेंस जितेंद्र गुलिया और उसके 2 साथी भी आते थे. यहीं पर न्यायाधीश और उसके दो अन्य साथी करीब एक महीने से बच्चे के साथ यौन दुराचार कर रहे थे.

बच्चे को शराब पिलाकर करते थे 'बुरा बर्ताव'

पीड़ित की मां ने आरोप लगाया कि आरोपी बच्चे को घर ले जाकर जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाते थे, बाद में वे उसे शराब पिलाने लगे. नशे की हालत में नाबालिक बच्चे के साथ आरोपी न्यायाधीश गुलिया और उसके दो साथी कुकर्म करते थे.

पढ़ें- जोधपुरः जयपुर से आई टीम ने 1981 किलो घी किया जब्त, गोदाम सीज

जान से मरवाने की धमकी दी..

बच्चे की मां का आरोप है कि आरोपियों की ओर से उसे जान से मारने की धमकी दी गई. पीड़ित के परिजनों ने एसीबी सीओ परमेश्वर लाल यादव और न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी पर भी धमकाने के आरोप लगाए हैं. मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ ने बताया कि पीड़ित की मां की शिकायत पर आज पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की पड़ताल की जा रही है. मामला दर्ज कराने के दौरान मथुरा गेट थाने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.

कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम

28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी. 29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.

बाल संरक्षण आयोग ने लिया मामले में संज्ञान

भरतपुर में नाबालिग बच्चे से सामूहिक यौन दुराचार के मामले में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष ने इस संबंध में भरतपुर जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी ली और प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट भी तलब की है. बेनीवाल ने प्रशासन को इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के निर्देश दिए हैं. आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने एक बयान जारी कर बताया कि इस प्रकरण में आरोपी चाहे कितना भी बड़ा रसूखदार या बड़े पद पर काबिज हो. कानून सबके लिए समान है और जो दोषी होगा उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बेनीवाल ने कहा कि इस मामले की जानकारी सामने आने के बाद आयोग ने स्थानीय बाल कल्याण समिति को भी निर्देश दिए, जिसके बाद समिति सदस्यों ने पीड़ित परिवार और पुलिस प्रशासन से संपर्क कर मामले की जानकारी जुटाई है.

भरतपुर. विशेष न्यायाधीश विजिलेंस और उसके दो साथियों पर सातवीं कक्षा के एक नाबालिक बच्चे के साथ यौन छेड़छाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपी न्यायाधीश और दो अन्य पर नाबालिग बच्चे को शराब व नशीला पदार्थ पिलाकर यौन दुराचार करने के आरोप हैं. आरोपी जज समेत 3 लोगों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में पुलिस ने रविवार शाम को पीड़ित बच्चे का आरबीएम अस्पताल में मेडिकल कराया है. मेडिकल कराने के बाद अब जिला बाल कल्याण समिति पीड़ित बच्चे को किशोर गृह में आवासित करेगी.

पीड़ित की मां के मुताबिक गुरूवार 28 अक्टूबर को शाम 4 बजे के लगभग उसने अपने घर के सामने ही न्यायाधीश को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देखा था. इस बारे में मां ने बच्चे से पूछा तो बताया कि उसके साथ जज और दो अन्य लोग सिलसिलेवार ढंग से यौन दुराचार करते रहे हैं. इसके बाद दूसरे दिन शुक्रवार 29 अक्टूबर को आरोपी जज ने बच्चे की मां को फोन पर धमकी दी. 30 अक्टूबर को वह अपने साथियों के साथ बच्चे के घर पहुंच गया और माफी मांगी. लेकिन मां ने पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही तो उसे धमकियां दी गई. इसके बाद आज पीड़ित बच्चे की मां ने इस संबंध में मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया.

मथुरा गेट थाना प्रभारी ने दी मामले की जानकारी

जज ने कराया ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज

वहीं इस पूरे मामले को लेकर आरोपी विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया ने रविवार शाम को मथुरा गेट खाने में बच्चे की मां के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को पीड़ित बच्चे और उसके परिजनों के न्यायालय में बयान दर्ज किए जाएंगे.

खेल के मैदान पर 'गंदा खेल'

पीड़ित बच्चे की मां का आरोप है कि उसका बेटा 7वीं कक्षा का विद्यार्थी है, उसकी उम्र 14 वर्ष है. वह भरतपुर शहर की एक कॉलोनी स्थित एक खेल मैदान में खेलने जाता था. वहीं पर विशेष न्यायाधीश विजिलेंस जितेंद्र गुलिया और उसके 2 साथी भी आते थे. यहीं पर न्यायाधीश और उसके दो अन्य साथी करीब एक महीने से बच्चे के साथ यौन दुराचार कर रहे थे.

बच्चे को शराब पिलाकर करते थे 'बुरा बर्ताव'

पीड़ित की मां ने आरोप लगाया कि आरोपी बच्चे को घर ले जाकर जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाते थे, बाद में वे उसे शराब पिलाने लगे. नशे की हालत में नाबालिक बच्चे के साथ आरोपी न्यायाधीश गुलिया और उसके दो साथी कुकर्म करते थे.

पढ़ें- जोधपुरः जयपुर से आई टीम ने 1981 किलो घी किया जब्त, गोदाम सीज

जान से मरवाने की धमकी दी..

बच्चे की मां का आरोप है कि आरोपियों की ओर से उसे जान से मारने की धमकी दी गई. पीड़ित के परिजनों ने एसीबी सीओ परमेश्वर लाल यादव और न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी पर भी धमकाने के आरोप लगाए हैं. मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ ने बताया कि पीड़ित की मां की शिकायत पर आज पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की पड़ताल की जा रही है. मामला दर्ज कराने के दौरान मथुरा गेट थाने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.

कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम

28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी. 29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.

बाल संरक्षण आयोग ने लिया मामले में संज्ञान

भरतपुर में नाबालिग बच्चे से सामूहिक यौन दुराचार के मामले में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष ने इस संबंध में भरतपुर जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी ली और प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट भी तलब की है. बेनीवाल ने प्रशासन को इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के निर्देश दिए हैं. आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने एक बयान जारी कर बताया कि इस प्रकरण में आरोपी चाहे कितना भी बड़ा रसूखदार या बड़े पद पर काबिज हो. कानून सबके लिए समान है और जो दोषी होगा उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बेनीवाल ने कहा कि इस मामले की जानकारी सामने आने के बाद आयोग ने स्थानीय बाल कल्याण समिति को भी निर्देश दिए, जिसके बाद समिति सदस्यों ने पीड़ित परिवार और पुलिस प्रशासन से संपर्क कर मामले की जानकारी जुटाई है.

Last Updated : Oct 31, 2021, 9:59 PM IST
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