भरतपुर. अपना घर आश्रम में रह रहे 2164 बेबस लोगों को आधार कार्ड के अभाव में कोविड वैक्सीन तक नहीं लग पा रही है. अपना घर प्रबंधन भी नियम के इस पेंच के सामने खुद मजबूर और बेबस महसूस कर रहा है.
अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि आश्रम में फिलहाल देशभर के अलग-अलग राज्यों समेत नेपाल देश तक के करीब 3400 लोग निवास कर रहे हैं. इनमें से 1188 के पास आधार कार्ड उपलब्ध है. लेकिन 2164 लोगों के पास न तो कोई आधार कार्ड है और न ही कोई पहचान पत्र. यहां तक कि इनमें से अधिकतर को तो खुद के घर का पता तक मालूम नहीं. ऐसे में आधार कार्ड के अभाव में इन लोगों को कोविड से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है.
अधिकांश की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर
डॉ भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में रह रहे लोगों में से अधिकतर मंदबुद्धि, बीमार, मानसिक रूप से अस्वस्थ लोग हैं. इनमें से अधिकतर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर है. पूरे आश्रम में सिर्फ 149 लोग ही पूरी तरह से स्वस्थ हैं. ऐसे में यदि किसी कारण से अपना घर आश्रम में संक्रमण फैल गया, तो इनके जीवन पर संकट खड़ा हो सकता है.
डॉ भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में आसपास के करीब 20 गांव के लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जबकि हर दिन करीब 15 टन खाद्य सामग्री अपना घर आश्रम में बाजार से लाई जाती है. हालांकि अपना घर आश्रम में कोरोना से बचाव के सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं. फिर भी अगर किसी माध्यम से संक्रमण अपना घर आश्रम में पहुंच गया, तो हालात गंभीर हो सकते हैं. ऐसे में अपना घर आश्रम के सभी लोगों को वैक्सीन लगना अत्यंत आवश्यक है.
अपना घर निवासियों के स्वास्थ का स्तर
अपना घर में 1868 लोग मानसिक रूप से बीमार हैं. 178 लोग मंदबुद्धि हैं और 104 मूक बधिर. इसके अलावा 113 लोग टीबी से जूझ रहे हैं. 92 पोलियोग्रस्त हैं और 70 एचआईवी पॉजिटिव. ऐसे में इन लोगों का वैक्सीनेशन होना जरूरी है.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपना घर आश्रम में एक बार फिर से बाहर के लोगों का प्रवेश बंद कर दिया है. साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यहां निवासरत लोगों का समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है. संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से 11 कोविड वार्ड संचालित किए जा रहे हैं.