भरतपुर. जिले में पुलिस लगातार ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इस बीच शुक्रवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें कुछ आरोपी ऐसे हैं जो ठगी करते थे और कुछ आरोपी ठगों को ठगी के लिए सिम उपलब्ध करवाते थे. शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता करते हुए पूरे मामले का भंडाफोड़ किया.
जिला पुलिस अधीक्षक अमनदीप कपूर ने बताया कि रमेश स्वामी और विक्रम गुर्जर नाम के 2 आरोपी अपने साथियों द्बारा जयपुर के अलग-अलग हिस्सों में केनोपी (विज्ञापन) लगाकर सिम एक्टिवेट करवाते थे. रमेश स्वामी और विक्रम गुर्जर की एक अलवर के युवक से दोस्ती हो गई. जिसके बाद उसने रमेश स्वामी और विक्रम को बताया कि वह जब सिम एक्टिवेट करते हैं तो उसके साथ उन्हीं कागजातों से उनके नाम, पता और पिता का नाम हटाकर दूसरी सिम एक्टिवेट करते थे.
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इससे आरोपियों का काम आसान होने लगा. जिसके बाद सभी आरोपी एक गैंग की तरह काम करने लगे. तीनों आरोपियों ने मिलकर भारी संख्या में फर्जी सिम एक्टिवेट किये और मेवात इलाकों में सिमों को बेचना शुरू कर दिया. गैंग के मास्टरमाइंड रमेश स्वामी और विक्रम इससे पहले मोबाइल सिम की कई नामचीन कंपनियों में नौकरी भी कर चुके हैं.
लोगों को अपने झांसे में लेते थे...
उधर, पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह गांव-गांव जाकर केनोपी लगाते और सिम लेने आते धारकों के कागजातों में काट छांटकर उसके कागजातों के नाम पर दूरी सिम निकालकर मेवात इलाकों में बेच देते. जिसके बाद आरोपी उन सिमो का उपयोग सोशल मीडिया पर विज्ञापन में देकर लोगों को अपने झांसे में लेते थे. आरोपी लोगों को फंसाने के लिए अपनी फोटो न डालकर किसी आर्मी के अधिकारी की फोटो, सैनिक ग्रुप फोटो, कैंटीन कार्ड और आर्मी के कर्मचारी का परिचय पत्र डालकर ग्राहक का विश्वास जीतते और उसके साथ ठगी करते. पुलिस ने आरोपियों के पास से 2 कार, 5 मोटरसाइकिल, 111 फर्जी दस्तावेजों की सिम, 27 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 11 बैंक पास बुक, 12 ATM कार्ड, 2 चेक बुक और 2 पेटीएम कार्ड भी बरामद किए हैं.