भरतपुर. गुर्जर आरक्षण आंदोलन के तीसरे दिन भी गुर्जर समाज और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बनी, लेकिन इस बीच सरकार से वार्ता करने गए गुर्जर समाज के 80 गांव के 41 सदस्यों ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से मिलकर वार्ता करने का निर्णय लिया. इसी के तहत गुर्जर समाज के 80 गांव के 11 लोगों का एक दल कर्नल से मिलने के लिए करौली जिले के हिंडौन कस्बा के लिए रवाना हुआ. रवाना होने से पहले दल के कुछ सदस्यों ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में बताया कि वे कर्नल से मिलकर इस आंदोलन को समाप्त करने की अपील करेंगे.
दीवान सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि समाज के 80 गांव के लोगों की सरकार से वार्ता में सभी मांगों को लेकर सहमति बन गई है. ऐसे में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समाज के लोगों द्वारा आंदोलन करना ठीक नहीं है. यदि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला किसी बिंदु से असहमत हैं तो सरकार से वार्ता के रास्ते खुले हुए हैं. लेकिन उन्हें अब यह आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि आंदोलन के चलते आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
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ईश्वर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को सद्बुद्धि दे...
पूर्व सरपंच विजय राम ने कहा कि ईश्वर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को सद्बुद्धि दें और वे 80 गांव के 11 सदस्य कमेटी का सम्मान करते हुए उनकी बात मानें और आंदोलन को समाप्त कर दें. इसी में हमारी और पूरे समाज की भलाई निहित है.
कर्नल को आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए...
समिति सदस्य अतर सिंह ने बताया कर्नल बैंसला ने समाज को बहुत दिया और समाज ने भी उनका पूरा सम्मान किया, लेकिन अब आंदोलन करना ठीक नहीं है. अब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को समिति और सरकार की बात मानते हुए आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए. साथ ही सरकार से वार्ता का रास्ता खुला है, उससे बात करनी चाहिए.
गौरतलब है कि गुर्जर आंदोलन को लेकर समाज का एक गुट पूरे आंदोलन से अलग-थलग है. यह वह गुट है जोकि 80 गांव के गुर्जर समाज का है और इसके 41 सदस्य सरकार से वार्ता करके आए थे. ये सदस्य सरकार से 14 बिंदुओं पर सहमति जताकर वापस आए थे, लेकिन कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने उनकी सहमति को नकार दिया था और आंदोलन शुरू कर दिया था. अब यही दल कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से बात करने करौली के हिंडौन रवाना हुए हैं.