अलवर. देश के कुछ राज्यों में आगामी समय में चुनाव होने हैं. कांग्रेस व भाजपा की तरफ से असम, पश्चिम बंगाल, केरल सहित चुनावी राज्यों में पूरी ताकत झोंक जा रही है. ऐसे में लगातार कृषि कानून के विरोध में धरना दे रहे किसान भी अब भाजपा के विरोध में खुलकर सामने आने लगे हैं. अलवर के शाहजहांपुर में राजस्थान हरियाणा खेड़ा सीमा पर लगातार 100 दिन से धरना दे रहे हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के आसपास अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सिंघु बॉर्डर पर सबसे ज्यादा किसानों का जमावड़ा है.
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किसान आंदोलन में शुरू से शामिल हुए और किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे योगेंद्र यादव ने कहा की संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आह्वान किया गया है कि पश्चिम बंगाल, असम, केरल सहित जिन राज्य में चुनाव होने हैं, उन सभी राज्यों में लोगों को सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि बताया जाएगा कि किस तरह से सरकार ने किसानों पर हमले किए. किसानों पर गंभीर आरोप लगाए. कभी उन्हें आतंकवादी कहा तो कभी अन्य संगठनों का समर्थन मिलने मिलने की बातें. ऐसे में किसान पर हुए अत्याचार के बारे में लोगों को बताया जाएगा. उन्होंने कहा किसानों की कोई पार्टी नहीं है. वो राजनीति करने नहीं आया है. जनता भाजपा को वोट ना दें. उसके अलावा किसी भी पार्टी को फिर चाहे वोट दें. जिन राज्यों में किसान पहुंचेंगे. किसानों के मुद्दे पहुंचेंगे, वहां भाजपा की राह आसान नहीं होगी.
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योगेंद्र यादव ने कहा किसान 100 दिन या 200 दिन पूरे करने के लिए सड़क पर नहीं उतरा है. सरकार जितना देर करेगी, उतना महंगा सौदा होगा. ऐसे में देश के प्रधानमंत्री को यह फैसला करना होगा कि वो महंगा सौदा चाहते हैं या सस्ता. वैसे देश के प्रधानमंत्री समझदार हैं, वो नहीं चाहेंगे कि सौदा महंगा हो. किसान बातचीत और समझौते के लिए तैयार है. सरकार जब चाहे बात कर सकती है. लेकिन किसान का फैसला अडिग है, वो पीछे नहीं जाएगा. जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी, किसान सड़क पर विरोध करता रहेगा.