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महिला दिवस: अलवर में बेटी के जन्म पर थाली बजकर मनाया जश्न, छोटे बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाकर किया जागरूक

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Published : Mar 8, 2022, 5:19 PM IST

अलवर में महिला दिवस (international womens day) पर जनाना हॉस्पिटल में बेटी का जन्म पर थाली ((Celebration of daughters birth in Alwar by beating plate) ) बजाकर जश्न मनाया गया. तो एक निजी स्कूल के बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को महिलाओं के सम्मान का संदेश दिया जहां छोटी बच्चियां अलग-अलग वेशभूषा में तैयार होकर आई.

Alwar womens day news
अलवर में बेटी के जन्म पर थाली बजकर मनाया जश्न

अलवर. अलवर में मंगलवार को जनाना अस्पताल में बेटी के जन्म पर थाली बजाकर महिला दिवस (Celebration of daughters birth in Alwar by beating plate) मनाया गया. इस मौके पर अस्पताल में प्रगतिशील महिला समिति की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया. इस दौरान सेना में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत महिला अधिकारी ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे बताया.

अलवर की एक निजी स्कूल की तरफ से मानव श्रृंखला बनाई गई. जिसमें छोटी बच्चियां डॉक्टर, पुलिस, वकील की ड्रेस में नजर आई. मानव श्रृंखला बनाकर लोगों से महिलाओं के सम्मान का प्रण लिया. स्कूल की अध्यापिका पूनम ने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, जबकि हमारे धर्म में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है. जब तक घर परिवार समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होगा तब तक महिला दिवस (Womens Day Celebration) का कोई फायदा नहीं है.

महिला दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम

पढ़ेंः महिला दिवस पर सेना के अधिकारियों ने लैंगिक समानता पर साझा किए विचार

विदेशों में भी हमारे देश की महिलाएं सबसे आगे हैंः प्रगतिशील महिला समिति की अध्यक्ष सचि आर्य ने कहा की महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं है. इसके लिए हमें अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने चाहिए, क्योंकि परिवार में मिले हुए संस्कार ही आगे चलकर काम आते हैं. जिस तरह से हम बेटी का ध्यान रखते हैं, उतना ध्यान हमें बेटों का भी रखना चाहिए. आज भी बेटियों को बराबर का अधिकार नहीं मिलता है. ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों को बोझ समझा जाता है. लोग बेटी के जन्म पर दुखी होते हैं, जबकि बेटी दो परिवारों को चलाती है.

पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: जयपुर की 550 महिलाएं लिख रहीं हैं नई इबारत, उम्मीदों की सड़कों पर 'जिंदगी के चार पहिए' पकड़ रहे रफ्तार

एक महिला चाहे तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकती है. आज देश में सभी बड़े पदों पर महिला तैनात है, फिर चाहे मुख्यमंत्री हो, न्यायालय हो, पुलिस अधिकारी के पद पर हों. सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी बेटियां भारत का गौरव बढ़ा रही हैं. महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी अब समाज में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.

अलवर. अलवर में मंगलवार को जनाना अस्पताल में बेटी के जन्म पर थाली बजाकर महिला दिवस (Celebration of daughters birth in Alwar by beating plate) मनाया गया. इस मौके पर अस्पताल में प्रगतिशील महिला समिति की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया. इस दौरान सेना में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत महिला अधिकारी ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे बताया.

अलवर की एक निजी स्कूल की तरफ से मानव श्रृंखला बनाई गई. जिसमें छोटी बच्चियां डॉक्टर, पुलिस, वकील की ड्रेस में नजर आई. मानव श्रृंखला बनाकर लोगों से महिलाओं के सम्मान का प्रण लिया. स्कूल की अध्यापिका पूनम ने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, जबकि हमारे धर्म में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है. जब तक घर परिवार समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होगा तब तक महिला दिवस (Womens Day Celebration) का कोई फायदा नहीं है.

महिला दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम

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विदेशों में भी हमारे देश की महिलाएं सबसे आगे हैंः प्रगतिशील महिला समिति की अध्यक्ष सचि आर्य ने कहा की महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं है. इसके लिए हमें अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने चाहिए, क्योंकि परिवार में मिले हुए संस्कार ही आगे चलकर काम आते हैं. जिस तरह से हम बेटी का ध्यान रखते हैं, उतना ध्यान हमें बेटों का भी रखना चाहिए. आज भी बेटियों को बराबर का अधिकार नहीं मिलता है. ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों को बोझ समझा जाता है. लोग बेटी के जन्म पर दुखी होते हैं, जबकि बेटी दो परिवारों को चलाती है.

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एक महिला चाहे तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकती है. आज देश में सभी बड़े पदों पर महिला तैनात है, फिर चाहे मुख्यमंत्री हो, न्यायालय हो, पुलिस अधिकारी के पद पर हों. सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी बेटियां भारत का गौरव बढ़ा रही हैं. महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी अब समाज में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.

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