अलवर. तेज बारिश तूफान आने के बाद भी जरूरतमंद लोगों को सब्जी, रोटी और उनके भोजन की व्यवस्था करने का जज्बा अहीर बास पुनखर की महिलाओं में देखने को मिल रहा है. ग्राम पंचायत पुनखर से करीब 2 किलोमीटर दूर गांव अहिरवास के 50 घर यादव समाज के हैं. यहां प्रत्येक घर की महिलाएं खाना बनाकर करीब 50 से 70 व्यक्तियों को भोजन खिला रही हैं.
1 हफ्ते से ये मानवता की सेवा कर इंसानियत का धर्म निभाने वाली महिला सुनीता देवी, गंगा देवी, रेखा देवी यादव का कहना है कि घर का भोजन बनाते समय दो व्यक्तियों का अतिरिक्त भोजन तैयार करते हैं. यहां 2 किलोमीटर दूर पंचायत मुख्यालय पर पहुंचाकर सफाई कर्मी, गरीब परिवार और गाड़ियां लोहार और जरूरतमंद लोगों को ताजा, पौष्टिक भोजन और सब्जी भेजकर सेवा करते हैं.
उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते लोगों को मजदूरी नहीं मिल रही है. जिसके कारण कई लोग बेरोजगार हो गए है. जिससे उनके समक्ष खाने पीने का संकट खड़ा हो गया है. इस संकट से निजात दिलाने के लिए हमनें सेवा भाव करने की ठान रखी है और उसी का फर्ज हम अदा कर रहे हैं.
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मालाखेड़ा तहसीलदार कार्यपालक मजिस्ट्रेट अनुराग हरित ने बताया कि 1 हफ्ते से यादव समाज की महिलाएं 50 से अधिक व्यक्तियों को दोनों समय का भोजन करवाकर मानवता का कार्य कर रही है और इससे बढ़कर समाज सेवा या इंसानियत का कोई फर्ज नहीं हो सकता है. अहीर बास खूनखर की ये महिलाएं अपने जज्बे के साथ सेवा कार्य में जुटी हुई है.
उधर कोविड-19 के प्रभारी बीएल मीणा ने बताया पंचायत मुख्यालय के समीप बसी हुई आबादी जो 2 किलोमीटर से अधिक दूर है. अहीर बास के 50 घरों की महिलाएं ताजा भोजन बनाकर भेज रही हैं. ये कार्य बदस्तूर जारी है और लॉकडाउन के दौरान जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि भामाशाह गणमान्य जन की ओर से राशन किट का वितरण भी किया जा रहा है.