अलवर. केंद्र सरकार की ओर से लगातार पेट्रोल डीजल और गैस सिलेंडर में बढ़ोतरी को लेकर शुक्रवार को मिनी सचिवालय के गेट पर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से जिला अध्यक्ष कमलेश सैनी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया. महिलाओं ने मिनी सचिवालय गेट पर चूल्हा जलाकर खाना बनाया. इस मौके पर काफी संख्या में महिलाएं मौजूद रही.
महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष कमलेश सैनी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार महंगाई की जा रही है. अभी केंद्र सरकार ने गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी की है. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में केंद्र सरकार की ओर से तीन बार गैस के दाम बढ़ा दिए गए हैं. पहले 25 रुपये की बढ़ोतरी की और अब 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है. उसका विरोध किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान मोदी सरकार ने वादे किए कि अच्छे दिन आएंगे. लेकिन अच्छे दिन बिजनेसमैनो को दे दिए गए और बुरे दिन हम गरीबों को दे दिए गए. गैस सिलेंडर महंगा होने से महिलाएं चूल्हा भी नहीं जला सकती, क्योंकि लकड़ी काटने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
ऐसे में सिलेंडर के बिना खाना किस तरह पकाकर खाया जाएगा. आज के समय मोदी को हर आम जन कोस रहा है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई तो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार का क्या होगा और वह अपने परिवार का गुजारा नहीं कर पाएगा. इसलिए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गैस सिलेंडर पर बढ़े दामों को वापस लेना चाहिए.
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वहीं दया सैनी नाम की बुजुर्ग महिला ने बताया कि 800 रुपये हमें पेंशन मिलती है, लेकिन 850 रुपये का गैस सिलेंडर मिलता है तो किस प्रकार से हम घर खर्च चलाएं. क्योंकि हम बेरोजगार हो चुके हैं. कोरोना काल की वजह से हमने मोदी को वोट इसलिए दिए थे कि कुछ बदलाव होगा, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ. हम मोदी को वोट देकर ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह के तहत छात्राओं को विधिक जानकारी
अलवर के मुण्डावर में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के निर्देशानुसार राजकीय महात्मा गांधी उमावि अंग्रेजी माध्यम परिसर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में पैनल अधिवक्ता हंसराज यादव और सुंदरलाल शर्मा ने छात्राओं को बताया की विधिक सेवा सप्ताह 3 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जा रहा है. इस सप्ताह को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कानूनी जानकारी देकर उनके अधिकारों से अवगत कराना है.