अलवर. कहने को तो नगर परिषद द्वारा सफाई के नाम पर हर महीने लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन रविवार को आई एक घंटे की बारिश ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. बारिश के बाद शहर के सभी नाले और फ्लोर हो गए. वहीं, सड़कों पर जगह-जगह पानी जमा हो गया. बारिश के बाद शहरों में कई जगहों पर कचरा जमा हो गया.
वहीं, लोगों को आने जाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान अलवर में शहर के पुराने मोहल्ले जलमग्न हो गए. वहीं, बारिश के पानी में बहने से दो बच्चों की मौत हो गई. साथ ही नल्देश्वर महादेव मंदिर के झरने में नहाते समय पाली के एक युवक की मौत का मामला सामने आया. वहीं, दूसरी तरफ ताल वृक्ष के पास बंजारा बस्ती में रहने वाले 12 वर्षीय बालक की रूपारेल नदी में बहने से मौत की जानकारी मिली. ऐसे में अलवर जिले में बारिश के चलते चार लोगों की मौत के मामले सामने आया.
इस बारिश के बाद अलवर के सभी सागर, जलाशय, रूपारेल नदी एवं अन्य जगहों पर भी पानी की आवक हुई. पानी की आवक से किसानों एवं आमजन में खुशी का माहौल देखा गया. क्योंकि, अलवर में लंबे समय से बारिश का इंतजार हो रहा था.
पढ़ें- पदभार संभालने और भारी बारिश के बाद पहली बार जयपुर दौरे पर निकले कलेक्टर, पीड़ितों ने सुनाई खरी-खरी
देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर रहती है. ऐसे में किसान के लिए बारिश अति आवश्यक है. मौसम विभाग की तरफ से इस बार सामान्य बारिश की चेतावनी दी गई थी. लेकिन अलवर में अभी तक लोगों को बारिश के दीदार नहीं हुए. हल्की फुल्की बारिश से काम चल रहा है तो वहीं रविवार को एक घंटे हुई तेज बारिश के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
बारिश के बाद शहर की सभी सड़कें जलमग्न हो गई एवं चौराहों पर पानी भरा जमा हो गया. ऐसे में लोगों को आने जाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि, बारिश के दौरान कई जगहों पर पेड़ गिरने एवं बिजली के तार टूटने की भी जानकारी मिली. लेकिन इसमें किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है.