मुण्डावर (अलवर). जिले के मुण्डावर उपखण्ड क्षेत्र को राज्य सरकार की ओर से नवसृजित एडीएम कार्यालय भिवाड़ी के अधीन करने के विरोध में क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है. मंगलवार को विधायक मंजीत धर्मपाल चौधरी के नेतृत्व में भाजपाइयों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम एसडीएम राम सिंह राजावत को ज्ञापन दिया है. उन्होंने मुण्डावर उपखण्ड क्षेत्र को नवसृजित भिवाड़ी एडीएम कार्यालय के अधीन हटाकर पुनः अलवर एडीएम के अधीन करने की मांग की.
विधायक मंजीत धर्मपाल चौधरी ने कहा कि पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से नवसृजित भिवाड़ी एडीएम कार्यालय के अधीन कर दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिना भौगोलिक स्थितियों की जानकारी लिए ही भिवाड़ी में एडीएम कार्यालय खोल दिया है. मुण्डावर से अलवर की दूरी 40 से 50 किलोमीटर है. भिवाड़ी की दूरी 60 से 120 किलोमीटर है. सीधा यातायात साधन भी उपलब्ध नहीं है. इस तरह नवसृजित भिवाड़ी एडीएम कार्यालय जाने में काश्तकार और क्षेत्रवासियों को समय और धन की हानि होगी. विधायक ने कहा कि एक ओर तो सरकार स्वयं को किसानों की हितैषी बताती है. वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के किसानों को परेशान करने के लिए भिवाड़ी एडीएम कार्यालय के अधीन कर परेशान कर रही है.
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यमुना के पानी के लिए छेड़ी मुहिम
मुण्डावर. यमुना का पानी उपखण्ड क्षेत्र में लाकर क्षेत्रवासियों को पानी की कमी से निजात दिलाने के लिए विधायक मंजीत धर्मपाल चौधरी ने मुहिम छेड़ी है. भाजपा जिलाध्यक्ष उत्तर बलवान यादव, जिला उपाध्यक्ष महासिंह चौधरी, जिला भाजपा प्रभारी मनीष पारीक की ओर से एक पोस्टर का विमोचन किया गया है. विधायक ने कहा कि क्षेत्र के गांवों में पानी की कमी से भू जल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. बीते 10 साल में भू जल स्तर 200 से500 फीट तक नीचे चला गया है.
इस कारण बोरिंग, नलकूप सूखते जा रहे हैं. इलाके में लोगों के सामने पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की समस्या सामने आने लगी है. पीने के पानी का टीडीएस पिछले पांच साल में 1000 से बढ़कर करीब 2000 तक हुआ है. इससे फ्लोराइड युक्त पानी विभिन्न बीमारियों का जन्म दे रहा है. खारे पानी से सिंचाई करने से किसानों की फसल पर व जमीन पर दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे है. इस समस्या का समाधान यमुना नदी के पानी को बताया है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी का पानी यहां पर नहर के से लाने से इलाके के गांवों की समस्या खत्म हो सकेगी.