अलवर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को लेकर अलवर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. अलवर राजस्थान के पड़ोसी राज्य के अपराधियों की शरण स्थली पहले भी रह चुका है. बदमाश मौज मस्ती और फरारी काटने के लिए अलवर आते हैं तो वहीं अलवर से बदमाशों का पुराना नाता रहा है.
एक दर्जन से अधिक गैंग अलवर में सक्रिय हैं. फरारी के दौरान विकास दुबे के अलवर जिले आने की आशंका के चलते या बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ हथियारबंद जवानों को नाकेबंदी के लिए तैनात किया गया था. इसके बावजूद विकास हरियाणा से अलवर, दौसा और कोटा होते हुए मध्य प्रदेश पहुंचा था. आशंका जताई जा रही है कि विकास दुबे अलवर के कई बदमाशों के संपर्क में था और उसकी यहां ठहरने की प्लानिंग थी. लेकिन घटनाक्रम तेजी से बदला और विकास उज्जैन पहुंचा एनकाउंटर में मारा गया.
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अलवर जिले में कई बड़ी गैंग सक्रिय है, विक्रम पपला गैंग, जयराम गुर्जर गैंग, लादेन गैंग, चीकू गैंग, डॉक्टर कुलदीप गैंग, अरशद गैंग, मुकेश गुर्जर गैंग, महाकाल गैंग, ओम साईं के जैसे कई गैंग के बदमाश अलवर में घूमते हैं व घटनाओं को अंजाम देते हैं. इनके खिलाफ अवैध वसूली रंगदारी सुपारी किलिंग जैसे गंभीर अपराध सामने आते हैं. इन गैंग के बदमाशों का आसपास के राज्यों में नेटवर्क फैला हुआ है. इसके चलते गैंग के बदमाश वारदात को अंजाम देकर हरियाणा और यूपी में शरण लेते हैं और वहां के बदमाशों के साथ रहकर फरारी काटते हैं.
इसी तरह से यूपी और हरियाणा के बदमाश अलवर में घूमते हैं और फरारी काटते हैं. ऐसे में साफ है कि लगातार अलवर इस घटना में भी चर्चाओं में बना हुआ है. वहीं देखना होगा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश पुलिस की तरफ से क्या कदम उठाए जाते हैं तो वहीं राजस्थान पुलिस इस मामले में क्या करती है.