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अलवर जेल में बंदियों के लिए अनूठी पहल...साउंड सिस्टम के जरिए कैदी सुन सकेंगे अपनी पसंद के गाने

अलवर जेल में बंदियों को मोटिवेट करने और उनका हृदय परिवर्तन करने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से जेल में कंप्यूटराइज साउंड सिस्टम लगाया गया है. इसकी मदद से जेल में बंदी अपना जन्मदिन मना सकेंगे. तो वहीं बंदी अपनी पसंद के गाने भी सुन सकेंगे.

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Published : Jul 6, 2019, 10:47 AM IST

अलवर जेल में बंदियों के लिए अनूठी पहल.

अलवर. जिले में बढ़ते हुए अपराध और अलवर जेल में अपराधियों की संख्या को देखते हुए जेल प्रशासन ने बंदियों को मोटिवेट करने के लिए जेल परिसर में कंप्यूटराइज साउंड सिस्टम लगाया है. इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. इस साउंड सिस्टम में कंट्रोल रूम की मदद से जेल में प्रत्येक बंदी का जन्मदिन मनाया जाएगा. इसमें बंदी के परिजन भी हिस्सा ले सकेंगे. उसके लिए परिजनों को विशेष छूट दी जाएगी. वो बंदी को मिठाई और खाने के सामान भी नियम के हिसाब से दे सकेंगे. जेल में पहली बार जन्मदिन मनाने की प्रक्रिया शुरू होगी.

अलवर जेल में बंदियों के लिए अनूठी पहल.


जेल में करीब 900 से अधिक बंदी है. इसमें 30 महिला बंदी व पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित कई विदेशी बंदी भी शामिल हैं. इसके अलावा 60 बंदी अलवर की खुली जेल में भी रहते हैं.साउंड सिस्टम की मदद से बंदी अपनी पसंद का गाना सुन सकते हैं और जेल प्रशासन की तरफ से सुबह शाम के समय गायत्री मंत्र और भजन भी चलाए जाएंगे.

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि बंदियों को मोटिवेट करने और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से यह कदम उठाया गया है. अगर कोई बंदी अन्य साथियों को कोई संदेश भी देना चाहता है. तो वह भी साउंड सिस्टम की मदद से दे सकेगा. यह पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज होगा एवं बंदियों की पसंद से गाने भी चलाए जाएंगे. इसके लिए एक अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है.

अलवर. जिले में बढ़ते हुए अपराध और अलवर जेल में अपराधियों की संख्या को देखते हुए जेल प्रशासन ने बंदियों को मोटिवेट करने के लिए जेल परिसर में कंप्यूटराइज साउंड सिस्टम लगाया है. इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. इस साउंड सिस्टम में कंट्रोल रूम की मदद से जेल में प्रत्येक बंदी का जन्मदिन मनाया जाएगा. इसमें बंदी के परिजन भी हिस्सा ले सकेंगे. उसके लिए परिजनों को विशेष छूट दी जाएगी. वो बंदी को मिठाई और खाने के सामान भी नियम के हिसाब से दे सकेंगे. जेल में पहली बार जन्मदिन मनाने की प्रक्रिया शुरू होगी.

अलवर जेल में बंदियों के लिए अनूठी पहल.


जेल में करीब 900 से अधिक बंदी है. इसमें 30 महिला बंदी व पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित कई विदेशी बंदी भी शामिल हैं. इसके अलावा 60 बंदी अलवर की खुली जेल में भी रहते हैं.साउंड सिस्टम की मदद से बंदी अपनी पसंद का गाना सुन सकते हैं और जेल प्रशासन की तरफ से सुबह शाम के समय गायत्री मंत्र और भजन भी चलाए जाएंगे.

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि बंदियों को मोटिवेट करने और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से यह कदम उठाया गया है. अगर कोई बंदी अन्य साथियों को कोई संदेश भी देना चाहता है. तो वह भी साउंड सिस्टम की मदद से दे सकेगा. यह पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज होगा एवं बंदियों की पसंद से गाने भी चलाए जाएंगे. इसके लिए एक अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है.

Intro:
अलवर।
अलवर जेल में बंदियों को मोटिवेट करने व उनका हृदय परिवर्तन करने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से जेल में कंप्यूटराइज साउंड सिस्टम लगाया है। इसकी मदद से जेल में सभी बंधुओं का जन्मदिन मनाया जाएगा। तो वही बंदी अपनी पसंद के गाने सुन सकेंगे। इसके अलावा सुबह में शाम के समय आरती व भजन भी चलाई जाएंगे।


Body:अलवर जेल में 900 से अधिक बंदी बंद है। इसमें 30 महिला बंदी व पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित कई विदेशी बंदी भी शामिल हैं। इसके अलावा 60 बंदी अलवर की खुली जेल में भी रहते हैं।

अलवर में बढ़ते हुए अपराध व अलवर जेल में अपराधियों की संख्या को देखते हुए। जेल प्रशासन ने बंदियों को मोटिवेट करने के लिए जेल परिसर में कंप्यूटराइज साउंड सिस्टम लगाया है। इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। इस साउंड सिस्टम में कंट्रोल रूम की मदद से जेल में प्रत्येक बंदी का जन्मदिन मनाया जाएगा।

इसमें बंदी के परिजन भी हिस्सा ले सकेंगे। उसके लिए परिजनों को विशेष छूट दी जाएगी। वो बंदी को मिठाई व खाने के सामान भी नियम के हिसाब से दे सकेंगे। जेल में पहली बार जन्मदिन मनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

तो इसके अलावा साउंड सिस्टम की मदद से बंदी अपनी पसंद का गाना सुन सकते हैं व जेल प्रशासन की तरफ से सुबह व शाम के समय गायत्री मंत्र व भजन भी चलाए जाएंगे।


Conclusion:जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि बंदियों को मोटिवेट करने व उन्हें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से यह कदम उठाया गया है। अगर कोई बंदी अन्य साथियों को कोई संदेश भी देना चाहता है। तो वह भी साउंड सिस्टम की मदद से दे सकेगा। यह पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज होगा व बंदियों की पसंद से गाने भी चलाए जाएंगे। इसके लिए एक अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है।

बाइट- राजेन्द्र सिंह, जेल अधीक्षक, अलवर
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