अलवर. अलवर जिले के शाहपुर रूंध स्थित अमृतवास की पहाड़ी पर गुरुवार को पैंथर के दो शावकों के शव मिले. वन विभाग की तरफ से मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है. बुधवार को भी अमृतवास में नर पैंथर का शव मिला था.
जिले के डीएफओ अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि पैंथर की मौत का कारण पता लगाने के लिए अलवर वन मंडल की तीनों रेंज, सरिस्का बाघ परियोजना की टीम, एसएचओ थाना ढहरा शाहपुर की संयुक्त टीम ने पूरे क्षेत्र में गहन छानबीन की. इस दौरान ड्रोन से एरियल सर्वे कराया गया एवं पुलिस के खोजी कुत्तों के जरिए भी छानबीन की गई.
बुधवार को मिले पैंथर के शव की छानबीन में चला पता
टीम के सदस्यों के मुताबिक बुधवार को छानबीन के दौरान टीम को जमीन के अंदर गडढे में पैंथर का शव दबा मिला था. शव पर पेड़ो के पत्ते व झाड़ी आदि पड़े मिले थे. पैंथर की मौत के कारणों की तलाश के दौरान वन विभाग एवं सरिस्का बाघ परियोजना की टीम को अमृतवास की पहाड़ी के ऊपर की ओर पैंथर के दो शावकों के शव मिले. जिनमें एक नर व एक मादा शावक है. दोनों शावकों के शव कहीं से भी क्षतिग्रस्त नहीं मिले. उनके शरीर पर किसी प्रकार के निशान नहीं पाए गए हैं और शरीर कहीं के कटा नहीं मिला है. इसके अलावा निकटवर्ती पहाड़ी पर एक गाय का मृत शरीर मिला. गाय के शव को वन्यजीवों की ओर से खाया हुआ था. बाद में शावकों के शव का सैंम्पल लिए गए. अंधेरा होने के कारण शावकों के शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका. अब इन शावकों के शवों का पोस्टमार्ट्म शुक्रवार को कराया जाएगा. टीम को शाम को लौटते समय मादा पैंथर की कॉल सुनाई दी. नर पैंथर का शव मिलने के बाद टीम मादा पैंथर की तलाश में भी जुटी रही.
पैंथर एवं शावकों के शवों के लिए सैंपल जांच के लिए फोरेंसिक लेबोरेटरी भेजे जाएंगे. घटना स्थल के आसपास के क्षेत्रों में पैंथर व शावकों की मौत के संदिग्धों की जांच की जा रही है. छानबीन के दौरान सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा भी साथ रहे. वन विभाग के डीएफओ श्रीवास्तव ने बताया कि अमृतवास गांव क्षेत्र में मिले पैंथर व दो शावकों की मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं सैंपल की एफएसएल जांच रिपोर्ट मिलने पर चल पाएगा. लेकिन जिस तरह पैंथर व शावकों के शवों पर किसी प्रकार के निशान नहीं मिले हैं, उससे आशंका है कि इनकी मौत का कारण संभवत: जहर देने से हो सकता है.