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अलवर जंक्शन के बाहर लहराया 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'

गणतंत्र दिवस के अवसर पर रेलवे प्रशासन ने अलवर शहर को एक नायाब तोहफा देते हुए अलवर जंक्शन के बाहर 100 फीट ऊंचे पोल पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराया गया है.

Tricolor hoisted outside Alwar Junction, अलवर जंक्शन के बाहर लहराया तिरंगा
100 फुट की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा
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Published : Jan 25, 2020, 5:27 PM IST

अलवर. रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन को विशेष दर्जा देते हुए जंक्शन के बाहर 100 फीट ऊंचे खंभे पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराया गया है. अब इस जंक्शन पर 24 घंटे राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा. बता दें कि इसको लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्चा आया है.

100 फुट की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा

ए श्रेणी के अलवर जंक्शन से प्रतिदिन 80 से अधिक ट्रेनें गुजरती है. इनमें 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं. रेलवे को अलवर जंक्शन से जयपुर मंडल में सबसे अधिक आय होती है. ऐसे में रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन को विशेष दर्जा देते हुए, जंक्शन के बाहर 100 फुट ऊंचे खंभे पर राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया.

पढ़ेंः 25 जनवरी : आस्था ने ली जान, मंदिर में भगदड़ मचने से सैकड़ों की मौत

यह 30 फुट चौड़ा और 20 फुट लंबा है. इस झंडे को मुंबई से बनवाया गया है और पोलिस्टर के कपड़े से बना हुआ है. झंडे के दोनों तरफ विशेष लाइट लगाई गई है. जिनके कारण रात के समय झंडा दूर से चमकता रहे. ऑटोमेटिक तकनीक से झंडा आसानी से पोल पर चढ़ाया और उतारा जा सकेगा. 24 घंटे यह झंडा जंक्शन पर लगा रहेगा.

पहले चरण में जयपुर सहित देश के 75 स्टेशनों पर 100 फुट की ऊंचाई पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए थे. वहीं दूसरे चरण में देश के 400 स्टेशनों पर इस तरह से झंडे लगाए गए हैं. इसमें जयपुर मंडल के छह स्टेशन अलवर, दौसा, रेवाड़ी, सीकर, झुंझुनू, नारनौल शामिल है.

पढ़ेंः सीमावर्ती जैसलमेर में राष्ट्रीय पर्व को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, BSF भी अलर्ट मोड पर

रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि एक जगह पर तिरंगा लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्च आया है. इस तिरंगे से अलवर जंक्शन को विशेष पहचान मिलेगी. वहीं दूर से ही सभी यात्रियों को अलवर जंक्शन नजर आएगा.

अलवर. रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन को विशेष दर्जा देते हुए जंक्शन के बाहर 100 फीट ऊंचे खंभे पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराया गया है. अब इस जंक्शन पर 24 घंटे राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा. बता दें कि इसको लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्चा आया है.

100 फुट की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा

ए श्रेणी के अलवर जंक्शन से प्रतिदिन 80 से अधिक ट्रेनें गुजरती है. इनमें 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं. रेलवे को अलवर जंक्शन से जयपुर मंडल में सबसे अधिक आय होती है. ऐसे में रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन को विशेष दर्जा देते हुए, जंक्शन के बाहर 100 फुट ऊंचे खंभे पर राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया.

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यह 30 फुट चौड़ा और 20 फुट लंबा है. इस झंडे को मुंबई से बनवाया गया है और पोलिस्टर के कपड़े से बना हुआ है. झंडे के दोनों तरफ विशेष लाइट लगाई गई है. जिनके कारण रात के समय झंडा दूर से चमकता रहे. ऑटोमेटिक तकनीक से झंडा आसानी से पोल पर चढ़ाया और उतारा जा सकेगा. 24 घंटे यह झंडा जंक्शन पर लगा रहेगा.

पहले चरण में जयपुर सहित देश के 75 स्टेशनों पर 100 फुट की ऊंचाई पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए थे. वहीं दूसरे चरण में देश के 400 स्टेशनों पर इस तरह से झंडे लगाए गए हैं. इसमें जयपुर मंडल के छह स्टेशन अलवर, दौसा, रेवाड़ी, सीकर, झुंझुनू, नारनौल शामिल है.

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रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि एक जगह पर तिरंगा लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्च आया है. इस तिरंगे से अलवर जंक्शन को विशेष पहचान मिलेगी. वहीं दूर से ही सभी यात्रियों को अलवर जंक्शन नजर आएगा.

Intro:अलवर
रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन को विशेष दर्जा देते हुए जंक्शन के बाहर 100 फीट ऊंचे खंभे पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराया गया है। यहां पर 24 घंटे राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा। इसको लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्चा आया है।


Body:ए श्रेणी के अलवर जंक्शन से प्रतिदिन 80 से अधिक ट्रेनें गुजरती है। इनमें 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं। रेलवे को अलवर जंक्शन से जयपुर मंडल में सबसे अधिक आय होती है। ऐसे में रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन को विशेष दर्जा देते हुए। जंक्शन के बाहर 100 फुट ऊंचे खंभे पर राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया है। यह 30 फुट चौड़ा और 20 फुट लंबा है। इस झंडे को मुंबई से बनवाया गया है व पोलिस्टर के कपड़े से बना हुआ है। झंडे के दोनों तरफ विशेष लाइट लगाई गई है। जिनके कारण रात के समय झंडा दूर से चमकता है। ऑटोमेटिक तकनीक से झंडा आसानी से पोल पर चढ़ाया में उतारा जा सकेगा। 24 घंटे यह झंडा लगा रहेगा।


Conclusion:पहले चरण में जयपुर सहित देश के 75 स्टेशनों पर 100 फुट की ऊंचाई पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए थे। दूसरे चरण में देश के 400 स्टेशनों पर इस तरह से झंडे लगाए गए हैं। इसमें जयपुर मंडल के छह स्टेशन अलवर दौसा, रेवाड़ी, सीकर, झुंझुनू, नारनौल शामिल है। रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि एक जगह पर तिरंगा लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्च आया है। इस तिरंगे से अलवर जंक्शन को विशेष पहचान मिलेगी। तो वही है दूर से ही अलवर जंक्शन नजर आएगा।
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