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Special : ट्रेनों का संचालन शुरू लेकिन पटरी पर नहीं लौट पा रही 'जिंदगी'...कामगारों का धंधा अब भी मंदा

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Published : Oct 27, 2020, 3:32 PM IST

अनलॉक के बाद धीरे-धीरे लोगों के काम-धंधे ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है और जंक्शन पर आवाजाही भी पहले की तुलना में बढ़ गई है, लेकिन यहां कामगारों की जिंदगी अब तक पटरी पर नहीं लौट सकी है. त्योहारों पर ट्रेनें तो कई चलाई गईं हैं, लेकिन कोरोना के भय के चलते न कोई कुली को बुलाता है और न ही वेंडरों से सामान खरीदता है. ऐसे में उनकी रोजी पर अब भी संकट बरकरार है. देखिये अलवर से ये खास रिपोर्ट...

Porter and vendor upset even after unlocking
अनलॉक के बाद भी परेशान कुली और वेंडर

अलवर. लंबे समय के लॉकडाउन के बाद अलवर रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन रफ्तार पकड़ने लगा है. रेलवे की तरफ से त्योहार के सीजन को देखते हुए कुछ विशेष ट्रेनें भी चलाई गईं हैं. इससे अलवर जंक्शन पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है, लेकिन इसके बाद भी जंक्शन पर काम करने वाले कुली और वेंडरों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. लोग अभी परेशान हैं व दो वक्त की रोटी के लिए दिनभर जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि आने वाला समय किस तरह का रहता है.

अनलॉक के बाद भी परेशान कुली और वेंडर...

अलवर जंक्शन जयपुर रेलवे मंडल में जयपुर के बाद सबसे अधिक आय देता है. कोरोना काल से पहले अलवर जंक्शन से प्रतिदिन 35 से 40 हजार यात्री विभिन्न रूटों की ट्रेनों पर सफर करते थे. अलवर जंक्शन पर 80 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है. माल ढुलाई भी अन्य जगहों की तुलना में अलवर जंक्शन से ज्यादा होती है. अलवर रेल मार्ग राजस्थान को सीधा देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ता है. इसलिए इस रूट पर यात्रियों की संख्या भी अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा रहती है, लेकिन कोरोना के चलते 6 माह तक यह रूट बंद रहा. इसका सीधा असर यात्रियों के साथ स्टेशन पर काम करने वाले कामगारों के जीवन पर पड़ा.

Porters are also not getting work
कुलियों को भी नहीं मिल रहा काम...

यह भी पढ़ें: SPECIAL : डूंगरपुर आवासन मंडल कार्यालय पर लगेगा ताला, 9 हजार से ज्यादा परिवारों की बढ़ी चिंता

अलवर जंक्शन की बात करें तो स्टेशन पर 20 से अधिक खाद्य पदार्थों की स्टाल फूड प्लाजा व ट्रॉली हैं. इसके अलावा अलवर जंक्शन पर 12 कुली हैं और जंक्शन के बाहर और आसपास क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुकानदार हैं जो रेल संचालन शुरू होने के बाद भी यात्रियों के बंद होने से प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि, रेलवे की तरफ से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है. शुरुआत में दो ट्रेनें इस रूट पर चलाई गईं थीं, लेकिन अब कई ट्रेनें इस रूट पर संचालित हो रहीं हैं. इसके अलावा उत्तर पश्चिम रेलवे की तरफ से त्योहार स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रहीं हैं.

The business of station vendors fell down
स्टेशन वेंडरों का धंधा पड़ा मंदा...

बावजूद इसके, अलवर जंक्शन पर काम करने वाले कुली और दुकान लगाने वाले वेंडर अभी भी परेशान हैं. ट्रेनों का संचालन शुरू होने के साथ यहां काम करने वाले कुली और आसपास क्षेत्र के दुकानदारों को उम्मीद थी कि शायद अब उनका काम काज फिर चल निकलेगा, लेकिन हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ. दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते लोग बाहर की चीजें खाने से बच रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा खाने-पीने का सामान भी लोग घर से ही लेकर चल रहे हैं. ऐसे में दुकानदारों की बिक्री बेहद कम हो रही है. ट्रेनों में अभी केवल आरक्षण वाले यात्रियों को सफर करने दिया जा रहा है, जिससे यात्री संख्या भी कम है. वहीं, कुलियों का कहना है कि कोरोना के भय से लोग सामान उठाने के लिए उन्हें बुलाते ही नहीं हैं. सुबह से शाम तक में इक्का-दुक्का यात्री ही कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Special : आर्थिक तंगी से जूझ रहे 'स्टोन माइंस' के मजदूर...दिहाड़ी तो दूर दाने-दाने को हुए मोहताज

किसान आंदोलन के चलते ट्रेन यातायात प्रभावित...

पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में किसान आंदोलन चल रहा है. जिसके चलते पंजाब और हरियाणा से गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं. इसमें अलवर रूट की ट्रेनें भी शामिल हैं. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि गाड़ी संख्या 02422/02421 जम्मू तवी अजमेर जम्मू तवी 22 अक्टूबर से 5 नवंबर तक रद्द रहेगी. इसके अलावा अजमेर अमृतसर अजमेर एक्सप्रेस को भी रद्द किया गया है. रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि एक किसान आंदोलन के चलते पार्सल ट्रेनें भी रद्द रहेंगी.

अलवर रूट पर चल रहीं ट्रेनें...

रेलवे की तरफ से अलवर रूट पर कई ट्रेनें शुरू की गईं हैं. अभी रोजाना आश्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस, डबल डेकर सुपरफास्ट, अजमेर-जम्मू पूजा एक्सप्रेस, पोरबंदर एक्सप्रेस, इलाहाबाद एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सहित कई प्रमुख ट्रेनें रेलवे की तरफ से शुरू की गईं हैं.

अलवर. लंबे समय के लॉकडाउन के बाद अलवर रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन रफ्तार पकड़ने लगा है. रेलवे की तरफ से त्योहार के सीजन को देखते हुए कुछ विशेष ट्रेनें भी चलाई गईं हैं. इससे अलवर जंक्शन पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है, लेकिन इसके बाद भी जंक्शन पर काम करने वाले कुली और वेंडरों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. लोग अभी परेशान हैं व दो वक्त की रोटी के लिए दिनभर जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि आने वाला समय किस तरह का रहता है.

अनलॉक के बाद भी परेशान कुली और वेंडर...

अलवर जंक्शन जयपुर रेलवे मंडल में जयपुर के बाद सबसे अधिक आय देता है. कोरोना काल से पहले अलवर जंक्शन से प्रतिदिन 35 से 40 हजार यात्री विभिन्न रूटों की ट्रेनों पर सफर करते थे. अलवर जंक्शन पर 80 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है. माल ढुलाई भी अन्य जगहों की तुलना में अलवर जंक्शन से ज्यादा होती है. अलवर रेल मार्ग राजस्थान को सीधा देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ता है. इसलिए इस रूट पर यात्रियों की संख्या भी अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा रहती है, लेकिन कोरोना के चलते 6 माह तक यह रूट बंद रहा. इसका सीधा असर यात्रियों के साथ स्टेशन पर काम करने वाले कामगारों के जीवन पर पड़ा.

Porters are also not getting work
कुलियों को भी नहीं मिल रहा काम...

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अलवर जंक्शन की बात करें तो स्टेशन पर 20 से अधिक खाद्य पदार्थों की स्टाल फूड प्लाजा व ट्रॉली हैं. इसके अलावा अलवर जंक्शन पर 12 कुली हैं और जंक्शन के बाहर और आसपास क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुकानदार हैं जो रेल संचालन शुरू होने के बाद भी यात्रियों के बंद होने से प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि, रेलवे की तरफ से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है. शुरुआत में दो ट्रेनें इस रूट पर चलाई गईं थीं, लेकिन अब कई ट्रेनें इस रूट पर संचालित हो रहीं हैं. इसके अलावा उत्तर पश्चिम रेलवे की तरफ से त्योहार स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रहीं हैं.

The business of station vendors fell down
स्टेशन वेंडरों का धंधा पड़ा मंदा...

बावजूद इसके, अलवर जंक्शन पर काम करने वाले कुली और दुकान लगाने वाले वेंडर अभी भी परेशान हैं. ट्रेनों का संचालन शुरू होने के साथ यहां काम करने वाले कुली और आसपास क्षेत्र के दुकानदारों को उम्मीद थी कि शायद अब उनका काम काज फिर चल निकलेगा, लेकिन हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ. दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते लोग बाहर की चीजें खाने से बच रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा खाने-पीने का सामान भी लोग घर से ही लेकर चल रहे हैं. ऐसे में दुकानदारों की बिक्री बेहद कम हो रही है. ट्रेनों में अभी केवल आरक्षण वाले यात्रियों को सफर करने दिया जा रहा है, जिससे यात्री संख्या भी कम है. वहीं, कुलियों का कहना है कि कोरोना के भय से लोग सामान उठाने के लिए उन्हें बुलाते ही नहीं हैं. सुबह से शाम तक में इक्का-दुक्का यात्री ही कर रहे हैं.

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किसान आंदोलन के चलते ट्रेन यातायात प्रभावित...

पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में किसान आंदोलन चल रहा है. जिसके चलते पंजाब और हरियाणा से गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं. इसमें अलवर रूट की ट्रेनें भी शामिल हैं. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि गाड़ी संख्या 02422/02421 जम्मू तवी अजमेर जम्मू तवी 22 अक्टूबर से 5 नवंबर तक रद्द रहेगी. इसके अलावा अजमेर अमृतसर अजमेर एक्सप्रेस को भी रद्द किया गया है. रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि एक किसान आंदोलन के चलते पार्सल ट्रेनें भी रद्द रहेंगी.

अलवर रूट पर चल रहीं ट्रेनें...

रेलवे की तरफ से अलवर रूट पर कई ट्रेनें शुरू की गईं हैं. अभी रोजाना आश्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस, डबल डेकर सुपरफास्ट, अजमेर-जम्मू पूजा एक्सप्रेस, पोरबंदर एक्सप्रेस, इलाहाबाद एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सहित कई प्रमुख ट्रेनें रेलवे की तरफ से शुरू की गईं हैं.

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