अलवर. हमेशा विवादों में रहने वाला अलवर का मत्स्य विश्वविद्यालय इस बार समय पर परीक्षा कराने जा रहा है. इस सत्र की मुख्य परीक्षा 13 मार्च से शुरू हो सकती है. जो कि डेढ़ से 2 माह तक चलेंगी. परीक्षा में लगभग एक लाख 30 हजार विद्यार्थी बैठेंगे.
लेट लतीफी के लिए अलवर का मत्स्य विश्वविद्यालय प्रदेश में बदनाम है. परीक्षा सत्र देरी से चलता है और देरी से ही इस विश्वविद्यालय के परिणाम आते हैं. ऐसे में यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अन्य विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने में खासी परेशानी होती है. साथ ही अन्य कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इन हालातों को देखते हुए मत्स्य विश्वविद्यालय प्रशासन पहली बार समय पर परीक्षा आयोजित कराने जा रहा है. इस सत्र की मुख्य परीक्षा 13 मार्च से शुरू हो सकती है. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से मोटे तौर पर परीक्षा का टाइम टेबल तैयार कर लिया गया है. वहीं कुलपति की मुहर लगने के बाद परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा. विश्वविद्यालय ने हाल ही में परीक्षा के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन भरवाए हैं.
वहीं प्रतियोगी परीक्षा की तिथि भी घोषित हो चुकी है. जबकि कई कॉलेजों में सिलेबस अभी अधूरा है. जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा में समस्या हो सकती है. परीक्षा नियंत्रक शैलेंद्र भाटी ने बताया कि विश्वविद्यालय में मौजूदा सत्र में 1 लाख 30 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. सभी विषयों के प्रश्न पत्र तैयार कर सफाई के लिए भिजवा दिए गए हैं. परीक्षा केंद्रों का निर्धारण भी हो चुका है. जिसके लिए कमेटी का गठन किया गया है.
मुख्य परीक्षा में सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को सम्मिलित किया जाएगा, जिनकी इस सत्र में 75 प्रतिशत उपस्थिति होगी. छात्रों की उपस्थिति की सूचना मांगी गई है. कम उपस्थिति वाले विद्यार्थी अब भी नियमित रूप से कॉलेज जाकर अपनी हाजिरी पूरी कर सकते हैं. सब कुछ ठीक रहा तो समय पर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं शुरू होंगी और समय पर परिणाम आएगा. इससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को खासा फायदा पहुंचेगा.