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Delhi Mumbai Expressway : दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से बदलेगी 6 राज्यों के शहरों की किस्मत, विकास को लगेंगे पंख - water harvesting tank on expressway

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Mumbai Expressway) 6 राज्यों के शहरों की किस्मत बदलेगा. इसके शुरू होने से शहरों के विकास में पंख लगेंगे. इसके बनने के बाद दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में सफर (Travel from Delhi to Mumbai in 12 hours) पूरा हो सकेगा.

Delhi Mumbai Expressway
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Published : Dec 8, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 9:02 PM IST

अलवर. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का रूट (Route of Delhi Mumbai Expressway) हरियाणा के गुरुग्राम, मेवात, राजस्थान के अलवर, दौसा, रणथंभौर, कोटा, मुकुंदरा सेंक्चुरी, मध्यप्रदेश में रतलाम, गुजरात में दाहोद, गोधरा, वडोदरा, सूरत से होकर गुजरेगा.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के शहर (City of Delhi Mumbai Expressway) की बात की जाए तो निर्माण पूरा होने के बाद यह जयपुर, अलवर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्ट होगा. प्रदेश की औद्योगिक नगरी अलवर से मुंबई (Alwar to Mumbai ) दस घंटे में पहुंचा जा सकेगा. इसी तरह से कोटा से मुंबई की दूरी (Distance from Kota to Mumbai) सड़क मार्ग से लगभग 1033 किलोमीटर है. एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दूरी कम हो जाएगी. इसके अलावा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर गति सीमा (speed limit on delhi mumbai expressway) 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. ऐसे में एक्सप्रेस-वे बनने के बाद कार से केवल आठ घंटे में कोटा से मुंबई का सफर तय कर सकेंगे.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के किनारे लगेंगे ये खास पौधे

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (Greenfield Expressway) के निर्माण पर लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी. वहीं दिल्ली से दौसा तक एक्सप्रेसवे (Expressway from Delhi to Dausa) का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. इससे लोगों को जयपुर, आगरा व करौली की ओर जाने में सुविधा होगी. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे से प्रदूषण कम होगा. देश का सबसे लंबा हाईवे (country's longest highway) बनने वाले इस एक्सप्रेस वे पर परदेशी नीम, स्नेक, एरिका, गरबेरा व जाइलीन यह पांच किस्म के पौधे लगाए जाएंगे. यह प्लांट पॉल्यूशन को कम करने के साथ ही पर्यावरण को शुद्ध रखेंगे.

पढ़ें- मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नीचे से गुजरेगी 8 लेन अत्याधुनिक टनल..5 KM की टनल में न मोबाइल नेटवर्क जाएगा, न FM बंद होगा

इनमें एरिका पॉम कार्बनडाइऑक्साइड ग्रहण करता है और फिर ऑक्सीजन छोड़ता है. वहीं स्नेक प्लांट जहरीली गैसों को ऑब्जर्व कर लेता है. यह प्लांट हाईवे के किनारे और बीच में लगाए गए हैं. एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ होटल, एम्यूजमेंट पार्क, औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे.

एक्सप्रेस वे पर वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक

एक्सप्रेस वे जिन रास्तों से गुजरेगा, वहां बारिश के पानी को बचाने के लिए एक्सप्रेस वे पर वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक (water harvesting tank on expressway) बनाए गए हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे हाईवे पर 500 मीटर की दूरी पर करीब 2 हजार टैंक बने हैं. इस हिसाब से अकेले एक जिले में ही करीब 130 टैंक बनाए जाएंगे. प्रत्येक टैंक की क्षमता 700 लीटर की होगी. यानी हर साल बारिश का करीब 14 लाख लीटर पानी बचाया जाएगा. यही पानी इन प्लांट के लिए उपयोग किया जाएगा.

पढ़ें- Delhi Mumbai Expressway : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और जेवर एयरपोर्ट के बाद देश को मिलेगा एक और सुपर एक्सप्रेस वे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से इन शहरों को फायदा

राजस्थान में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Mumbai Expressway in Rajasthan) यह एक्सप्रेस वे अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों से गुजरेगा. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की लंबाई (Length of Delhi Mumbai Expressway) 374 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेस वे का 2023 तक काम पूरा करने का टारगेट रखा गया है. एक्सप्रेस वे 16 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी कम करने के लिए बनाया जा रहा है.

प्रदेश के टाइगर रिजर्व में आना होगा आसान

राजस्थान में अलवर के सरिस्का, सवाई माधोपुर के रणथम्भौर और कोटा के मुकुन्दरा अभ्यारण्य को जोड़ेगा. इससे दिल्ली ने आने वाले पर्यटकों को कम समय में तीनों अभ्यारण्यों को घूमने का मौका मिलेगा. रणभम्बौर और सरिस्का में टाइगर देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक आते हैं. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से पर्यटन (Tourism from Delhi Mumbai Expressway) पर अच्छा असर पड़ेगा. पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा.

राज्यों में एक्सप्रेस वे की लंबाई और लागत

Delhi Mumbai Expressway
लंबाई और लागत

एक्सप्रेस वे का काम पूरा करने का लक्ष्य

Delhi Mumbai Expressway
निर्माण का लक्ष्य

अलवर है राजस्थान की औद्योगिक राजधानी

अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. अलवर में छोटी बड़ी 20,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद अलवर सीधे तौर पर महाराष्ट्र गुजरात दिल्ली व अन्य बड़े महानगरों से जुड़ सकेगा. साथ ही अलवर के एमआईए उद्योगी क्षेत्र फिर से विकसित हो पाएगा. क्योंकि एमआईए औद्योगिक क्षेत्र से एक्सप्रेसवे की दूरी महज 20 किलोमीटर है.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़े मुख्य बिंदु

Delhi Mumbai Expressway
महत्वपूर्ण बिंदू

पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिया स्पीड टेस्ट, 170 KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी कार

अलवर. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का रूट (Route of Delhi Mumbai Expressway) हरियाणा के गुरुग्राम, मेवात, राजस्थान के अलवर, दौसा, रणथंभौर, कोटा, मुकुंदरा सेंक्चुरी, मध्यप्रदेश में रतलाम, गुजरात में दाहोद, गोधरा, वडोदरा, सूरत से होकर गुजरेगा.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के शहर (City of Delhi Mumbai Expressway) की बात की जाए तो निर्माण पूरा होने के बाद यह जयपुर, अलवर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्ट होगा. प्रदेश की औद्योगिक नगरी अलवर से मुंबई (Alwar to Mumbai ) दस घंटे में पहुंचा जा सकेगा. इसी तरह से कोटा से मुंबई की दूरी (Distance from Kota to Mumbai) सड़क मार्ग से लगभग 1033 किलोमीटर है. एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दूरी कम हो जाएगी. इसके अलावा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर गति सीमा (speed limit on delhi mumbai expressway) 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. ऐसे में एक्सप्रेस-वे बनने के बाद कार से केवल आठ घंटे में कोटा से मुंबई का सफर तय कर सकेंगे.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के किनारे लगेंगे ये खास पौधे

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (Greenfield Expressway) के निर्माण पर लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी. वहीं दिल्ली से दौसा तक एक्सप्रेसवे (Expressway from Delhi to Dausa) का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. इससे लोगों को जयपुर, आगरा व करौली की ओर जाने में सुविधा होगी. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे से प्रदूषण कम होगा. देश का सबसे लंबा हाईवे (country's longest highway) बनने वाले इस एक्सप्रेस वे पर परदेशी नीम, स्नेक, एरिका, गरबेरा व जाइलीन यह पांच किस्म के पौधे लगाए जाएंगे. यह प्लांट पॉल्यूशन को कम करने के साथ ही पर्यावरण को शुद्ध रखेंगे.

पढ़ें- मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नीचे से गुजरेगी 8 लेन अत्याधुनिक टनल..5 KM की टनल में न मोबाइल नेटवर्क जाएगा, न FM बंद होगा

इनमें एरिका पॉम कार्बनडाइऑक्साइड ग्रहण करता है और फिर ऑक्सीजन छोड़ता है. वहीं स्नेक प्लांट जहरीली गैसों को ऑब्जर्व कर लेता है. यह प्लांट हाईवे के किनारे और बीच में लगाए गए हैं. एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ होटल, एम्यूजमेंट पार्क, औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे.

एक्सप्रेस वे पर वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक

एक्सप्रेस वे जिन रास्तों से गुजरेगा, वहां बारिश के पानी को बचाने के लिए एक्सप्रेस वे पर वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक (water harvesting tank on expressway) बनाए गए हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे हाईवे पर 500 मीटर की दूरी पर करीब 2 हजार टैंक बने हैं. इस हिसाब से अकेले एक जिले में ही करीब 130 टैंक बनाए जाएंगे. प्रत्येक टैंक की क्षमता 700 लीटर की होगी. यानी हर साल बारिश का करीब 14 लाख लीटर पानी बचाया जाएगा. यही पानी इन प्लांट के लिए उपयोग किया जाएगा.

पढ़ें- Delhi Mumbai Expressway : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और जेवर एयरपोर्ट के बाद देश को मिलेगा एक और सुपर एक्सप्रेस वे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से इन शहरों को फायदा

राजस्थान में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Mumbai Expressway in Rajasthan) यह एक्सप्रेस वे अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों से गुजरेगा. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की लंबाई (Length of Delhi Mumbai Expressway) 374 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेस वे का 2023 तक काम पूरा करने का टारगेट रखा गया है. एक्सप्रेस वे 16 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी कम करने के लिए बनाया जा रहा है.

प्रदेश के टाइगर रिजर्व में आना होगा आसान

राजस्थान में अलवर के सरिस्का, सवाई माधोपुर के रणथम्भौर और कोटा के मुकुन्दरा अभ्यारण्य को जोड़ेगा. इससे दिल्ली ने आने वाले पर्यटकों को कम समय में तीनों अभ्यारण्यों को घूमने का मौका मिलेगा. रणभम्बौर और सरिस्का में टाइगर देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक आते हैं. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से पर्यटन (Tourism from Delhi Mumbai Expressway) पर अच्छा असर पड़ेगा. पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा.

राज्यों में एक्सप्रेस वे की लंबाई और लागत

Delhi Mumbai Expressway
लंबाई और लागत

एक्सप्रेस वे का काम पूरा करने का लक्ष्य

Delhi Mumbai Expressway
निर्माण का लक्ष्य

अलवर है राजस्थान की औद्योगिक राजधानी

अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. अलवर में छोटी बड़ी 20,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद अलवर सीधे तौर पर महाराष्ट्र गुजरात दिल्ली व अन्य बड़े महानगरों से जुड़ सकेगा. साथ ही अलवर के एमआईए उद्योगी क्षेत्र फिर से विकसित हो पाएगा. क्योंकि एमआईए औद्योगिक क्षेत्र से एक्सप्रेसवे की दूरी महज 20 किलोमीटर है.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़े मुख्य बिंदु

Delhi Mumbai Expressway
महत्वपूर्ण बिंदू

पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिया स्पीड टेस्ट, 170 KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी कार

Last Updated : Dec 8, 2021, 9:02 PM IST
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