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अलवर में रुका विकास का पहिया, पीडब्ल्यूडी के पास नहीं है बजट - alwar latest news

अलवर में पीडब्ल्यूडी के पास बजट नहीं होने के कारण जिले में विकास का पहिया पूरी तरह से थम चुका है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिनों में बजट आने की उम्मीद है. ऐसे में जैसे ही बजट आता है पेंडिंग पड़े कामों को जल्द ही शुरू किया जाएगा.

PWD does not have budget, पीडब्ल्यूडी के पास नहीं है बजट
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Published : Oct 18, 2019, 8:51 PM IST

अलवर. जिले में विकास का पहिया थम चुका है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जाता है. लेकिन कई महीने से पीडब्ल्यूडी के पास बजट नहीं है. ऐसे में सभी विकास के कार्य रुक गए हैं. हालाकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिनों में बजट आने की उम्मीद है.

अलवर में रुका विकास का पहिया

जिले के हालातों पर नजर डालें तो अलवर जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 6472. 48 किलोमीटर लंबाई की डांबर को संधारित किया जा रहा है. जिसमें 178.80 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 829.60 किलोमीटर राज्य मार्ग, 307.45 किलोमीटर मुख्य जिला सड़कें 354.67 किलोमीटर इलाके और शेष 4800.26 किलोमीटर ग्रामीण की सड़कें शामिल हैं. इसमें लंबाई 1381.61 किलोमीटर गारंटी अवधि में है.

पढ़े: ईटीवी भारत की खबर का असर : डिलीवरी बॉय को अपशब्द कहने वाला हेड कांस्टेबल सस्पेंड तो अन्य 2 पुलिकर्मियों पर भी कार्रवाई

इसी तरह से ग्रामीण गौरव पथ के 150 कार्य और अरबन गौरव पथ के 6 कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा रहे हैं. इनमें ज्यादातर गौरव पथ का काम जारी है. इसी तरह से सड़क निर्माण हॉस्टल निर्माण भवन निर्माण सहित पीडब्ल्यूडी के जिले में दर्जनों कार्य चल रहे हैं. लेकिन बजट के अभाव के कारण सभी कार्य बंद हो चुके हैं. जबकि हाल ही में पंचायत और निकाय चुनाव के चलते सरकार द्वारा सभी विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.

विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पीडब्ल्यूडी को अगस्त माह तक 100 करोड रुपये की जरूरत थी. इस हिसाब से पीडब्ल्यूडी को कॉन्टेक्टर सहित विभिन्न कंपनियों को 100 रुपए देना है. लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण सभी काउंटरों ने काम रोक दिए हैं.

पढ़े: गहलोत सरकार का #DiwaliGift: 6 लाख कर्मचारियों को बोनस की घोषणा

यह पहला मौका नहीं है जब पीडब्ल्यूडी के पास बजट की कमी आई है. कांग्रेस सरकार बनते ही कई महीने तक पीडब्ल्यूडी के काम पूरी तरीके से रुक चुके थे. इतना ही नहीं पैसे को लेकर पीडब्ल्यूडी के कांटेक्ट में धरना भी दिया था.जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा बजट पेश किया गया और सभी जिलों को बजट आवंटित किए गए. अब फिर से अलवर में पीडब्ल्यूडी के पास बजट का संकट गहराने लगा है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है.

अलवर. जिले में विकास का पहिया थम चुका है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जाता है. लेकिन कई महीने से पीडब्ल्यूडी के पास बजट नहीं है. ऐसे में सभी विकास के कार्य रुक गए हैं. हालाकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिनों में बजट आने की उम्मीद है.

अलवर में रुका विकास का पहिया

जिले के हालातों पर नजर डालें तो अलवर जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 6472. 48 किलोमीटर लंबाई की डांबर को संधारित किया जा रहा है. जिसमें 178.80 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 829.60 किलोमीटर राज्य मार्ग, 307.45 किलोमीटर मुख्य जिला सड़कें 354.67 किलोमीटर इलाके और शेष 4800.26 किलोमीटर ग्रामीण की सड़कें शामिल हैं. इसमें लंबाई 1381.61 किलोमीटर गारंटी अवधि में है.

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इसी तरह से ग्रामीण गौरव पथ के 150 कार्य और अरबन गौरव पथ के 6 कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा रहे हैं. इनमें ज्यादातर गौरव पथ का काम जारी है. इसी तरह से सड़क निर्माण हॉस्टल निर्माण भवन निर्माण सहित पीडब्ल्यूडी के जिले में दर्जनों कार्य चल रहे हैं. लेकिन बजट के अभाव के कारण सभी कार्य बंद हो चुके हैं. जबकि हाल ही में पंचायत और निकाय चुनाव के चलते सरकार द्वारा सभी विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.

विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पीडब्ल्यूडी को अगस्त माह तक 100 करोड रुपये की जरूरत थी. इस हिसाब से पीडब्ल्यूडी को कॉन्टेक्टर सहित विभिन्न कंपनियों को 100 रुपए देना है. लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण सभी काउंटरों ने काम रोक दिए हैं.

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यह पहला मौका नहीं है जब पीडब्ल्यूडी के पास बजट की कमी आई है. कांग्रेस सरकार बनते ही कई महीने तक पीडब्ल्यूडी के काम पूरी तरीके से रुक चुके थे. इतना ही नहीं पैसे को लेकर पीडब्ल्यूडी के कांटेक्ट में धरना भी दिया था.जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा बजट पेश किया गया और सभी जिलों को बजट आवंटित किए गए. अब फिर से अलवर में पीडब्ल्यूडी के पास बजट का संकट गहराने लगा है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है.

Intro:अलवर
अलवर में विकास का पहिया थम चुका है। दरअसल ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जाता है। लेकिन कई माह से पीडब्ल्यूडी के पास बजट नहीं है। ऐसे में सभी विकास कार्य रुक गए हैं। हालाकी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिनों में बजट आने की उम्मीद है।


Body:जिले के हालातों पर नजर डालें तो अलवर जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 6472. 48 किलोमीटर लंबाई की डांबर को संधारित किया जा रहा है। इसमें 178.80 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग , 829.60 किलोमीटर राज्य मार्ग, 307.45 किलोमीटर मुख्य जिला सड़कें 354.67 किलोमीटर इलाके तथा शेष 4800.26 किलोमीटर ग्रामीण की सड़कें शामिल हैं। इसमें लंबाई 1381.61 किलोमीटर गारंटी अवधि में है। इसी तरह से ग्रामीण गौरव पथ के 150 कार्य व अरबन गौरव पथ के 6 कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर गौरव पथ का काम जारी है। इसी तरह से सड़क निर्माण हॉस्टल निर्माण भवन निर्माण सहित पीडब्ल्यूडी के जिले में दर्जनों कार्य चल रहे हैं। लेकिन बजट के अभाव के कारण सभी कार्य बंद हो चुके हैं। जबकि हाल ही में पंचायत व निकाय चुनाव के चलते सरकार द्वारा सभी विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।


Conclusion:विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पीडब्ल्यूडी को अगस्त माह तक 100 करोड रुपए की जरूरत थी। इस हिसाब से पीडब्ल्यूडी को कॉन्टेक्टर सहित विभिन्न कंपनियों को 100 रुपए देना है। लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण सभी काउंटरों ने काम रोक दिए हैं। यह पहला मौका नहीं है जब पीडब्ल्यूडी के पास बजट की कमी आई है। कांग्रेस सरकार बनते ही कई माह तक पीडब्ल्यूडी के काम पूरी तरीके से रुक चुके थे। इतना ही नहीं पैसे को लेकर पीडब्ल्यूडी के कांटेक्ट में धरना भी दिया था। जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा बजट पेश किया गया व सभी जिलों को बजट आवंटित किए गए अब फिर से अलवर में पीडब्ल्यूडी के पास बजट का संकट गहराने लगा है। यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है।

बाइट- संगीत अरोड़ा, कार्यकारी अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी
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