अलवर. जिले की हजारों औद्योगिक इकाइयों में लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. सभी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार और प्रशासन की तरफ से ट्रेन और बस सेवा चलाई जा रही है. प्रतिदिन बस और ट्रेनों की मदद से श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया जा रहा है. रविवार को दो ट्रेनें बिहार के छपरा और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के लिए रवाना की गई.
प्रत्येक ट्रेन में 1440 श्रमिकों को बैठाया गया. श्रमिकों को ट्रेन में बैठाने से पहले खाने के पैकेट, पानी की बोतल, सैनिटाइजर और मास्क दिया गया. स्टेशन पर आने से पहले सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच की गई. सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों को रोडवेज बसों की मदद से प्रशासन के अधिकारी अलवर जंक्शन लेकर आए. यहां स्टेशन पर सभी यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए ट्रेन के डिब्बों में बैठाया गया.
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प्रत्येक यात्री को प्रशासन की तरफ से यात्रा टिकट दिया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे. इसी तरह से 18 मई को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के लिए ट्रेन चलाई जाएगी. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेन चलाने की अनुमति भी मिली है. प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि श्रमिकों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो उसके लिए लगातार प्रशासन और सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार की तरफ से ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है. जिस पर श्रमिक अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. केवल रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों को ही उनके घर भेजा जा रहा है.
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वहीं अलवर से रवाना की गई बसें उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न शहरों में फंसे अलवर के लोगों को वापस लाने के लिए 500 बसें रवाना की गई. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान और अलवर के रामगढ़ विधायक साफियां खान ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद रहे. दरअसल सोनिया गांधी ने बीते दिनों श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने की बात कहते हुए खर्च वहन करने की बात कही थी. इसके तहत लगातार कांग्रेस की तरफ से आगे आकर श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया जा रहा है.