अलवर. भरतपुर के नगर के भटपुरा गांव निवासी योगेश जाटव की अलवर के मीणाबास गांव में समुदाय विशेष के लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतक की मां व दादी सुध-बुध खो चुकी हैं.
मृतक तीन बहनों का इकलौता भाई था. बहनों में से एक मानसिक रूप से बीमार है. योगेश के पिता ने कहा कि एक ही लड़का था, उसको भी लोगों ने मार दिया. अब वंश बढ़ाने वाला कोई नहीं बचा है. इस घटना के बारे में जब से योगेश की मां व दादी को जानकारी मिली है, उन्होंने भोजन नहीं किया है. दोनों की हालत खराब है. दोनों ही सुध बुध खो चुकी हैं. दिन भर घर के दरवाजे पर निगाहें लगाए रहती हैं.
घटना को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में भी खासा रोष है. शव को रखकर ग्रामीण विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं. दलित समुदाय आक्रोशित है. दलित समुदाय के नेताओं का कहना है कि गहलोत सरकार में दलितों पर अत्याचार कई गुना बढ़ा है. गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही साल 2019 में मॉब लिंचिंग कानून का नोटिफिकेशन जारी किया, लेकिन अब तक कानून ने मूर्त रूप नहीं लिया है.
ऐसे में मारपीट करने वालों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की धाराओं में एफ आई आर दर्ज नहीं हो सकती. सामान्य मारपीट की धाराओं में एफ आई आर दर्ज हुई है. अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. लेकिन पुलिस अधीक्षक आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की बात कह रही हैं. एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा कि वैसे तो दोनों पक्षों की तरफ से एफ आई आर दर्ज हुई है. लेकिन साइंटिफिक तौर पर इस मामले में एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है, फिर जांच पड़ताल से जो तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
पुलिस की जांच पड़ताल में क्या निकलता है या सरकार पीड़ित परिवार की मदद करती है या नहीं, यह सब तो बाद की बात है. लेकिन अभी एक परिवार ने अपना इकलौता लाल खो दिया है. पूरा परिवार सदमे में है. ग्रामीणों का कहना है कि योगेश मिलनसार था वह लोगों की मदद किया करता था.