ETV Bharat / city

अलवर: राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के शिक्षकों ने श्रम मंत्री को सौंपा ज्ञापन, DPC सहित कई मांग - शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन

राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के शिक्षकों ने सोमवार को प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली को ज्ञापन सौंपा. इसमें प्रधानाचार्य की पदोन्नति और डीपीसी सहित कई बिंदुओं को लेकर मांगे रखी गई हैं. साथ ही राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया.

alwar news, राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद, श्रम मंत्री टीकाराम जूली, Teachers submitted memorandum
राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ने श्रम मंत्री टीकाराम जूली को सौंपा ज्ञापन
author img

By

Published : Jan 25, 2021, 11:33 AM IST

अलवर. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के शिक्षकों ने सोमवार को प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली को ज्ञापन सौंपा. इसमें प्रधानाचार्य की पदोन्नति और डीपीसी सहित विभिन्न बिंदुओं को लेकर मांगे रखी गई हैं. शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से उनकी मांगे लंबित हैं, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. अगर सरकार की तरफ से अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो शिक्षक अपना विरोध दर्ज कराएंगे. वहीं, श्रम मंत्री ने उनकी समस्या शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

पढ़ें: Exclusive: राजस्थान रोडवेज में ऊपर से नीचे तक करप्शन है लेकिन उस भ्रष्टाचार को खत्म करके रहूंगा: परिवहन मंत्री खाचरियावास

साथ ही राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है. इस मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे. चुनाव के दौरान अध्यक्ष पद के लिए विश्राम गोस्वामी, जिला महामंत्री के लिए करमचंद याद और जिला कोषाध्यक्ष के लिए मोहन कौशिक को सर्वसम्मति से चुना गया. इस मौके पर 100 से अधिक शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हुए.

अलवर में शिक्षकों ने श्रम मंत्री टीकाराम जूली को सौंपा ज्ञापन

चुनाव के बाद एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानाचार्य पदोन्नति अनुपात में किसी भी तरह के परिवर्तन का विरोध किया गया. शिक्षकों ने कहा कि प्रत्येक समिति ने व्याख्याता से उच्च और प्रशासनिक पद प्रधानाचार्य को माना गया है. इसलिए सरकार को निर्धारित चैनल का पालन करना चाहिए. व्याख्याता को प्रधानाध्यापक और उप प्रधान अध्यापक पर पदोन्नति देनी चाहिए. सरकार इस नियम में बदलाव कर रही है. अभी तक 60 और 33 प्रतिशत पर पदोन्नति की जाती है. इसमें 33 प्रतिशत प्रधानाध्यापक होते हैं, जबकि 60 प्रतिशत व्याख्याता शामिल होते हैं.

पढ़ें: बालिका दिवस पर बोले श्रम मंत्री टीकाराम जूली, कहा- बेटा और बेटी के बीच का फर्क मिटाना होगा

वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी चाणक्य लाल शर्मा ने बताया कि पुरानी नीतियों में सरकार बदलाव कर रही है. इससे प्रधानाध्यापक को कई नुकसान होंगे. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा भी शिक्षकों की कई मांगे लंबे समय से लंबित है. हर बार शिक्षकों द्वारा ज्ञापन दिया जाता है. लेकिन लंबे समय से उनकी मांगे अटकी हुई है. अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो आगामी दिनों में शिक्षक अपना प्रदर्शन उग्र करेंगे. इस संबंध में प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों की बैठक वार्ताओं का दौर भी जारी है.

अलवर. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के शिक्षकों ने सोमवार को प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली को ज्ञापन सौंपा. इसमें प्रधानाचार्य की पदोन्नति और डीपीसी सहित विभिन्न बिंदुओं को लेकर मांगे रखी गई हैं. शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से उनकी मांगे लंबित हैं, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. अगर सरकार की तरफ से अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो शिक्षक अपना विरोध दर्ज कराएंगे. वहीं, श्रम मंत्री ने उनकी समस्या शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

पढ़ें: Exclusive: राजस्थान रोडवेज में ऊपर से नीचे तक करप्शन है लेकिन उस भ्रष्टाचार को खत्म करके रहूंगा: परिवहन मंत्री खाचरियावास

साथ ही राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है. इस मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे. चुनाव के दौरान अध्यक्ष पद के लिए विश्राम गोस्वामी, जिला महामंत्री के लिए करमचंद याद और जिला कोषाध्यक्ष के लिए मोहन कौशिक को सर्वसम्मति से चुना गया. इस मौके पर 100 से अधिक शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हुए.

अलवर में शिक्षकों ने श्रम मंत्री टीकाराम जूली को सौंपा ज्ञापन

चुनाव के बाद एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानाचार्य पदोन्नति अनुपात में किसी भी तरह के परिवर्तन का विरोध किया गया. शिक्षकों ने कहा कि प्रत्येक समिति ने व्याख्याता से उच्च और प्रशासनिक पद प्रधानाचार्य को माना गया है. इसलिए सरकार को निर्धारित चैनल का पालन करना चाहिए. व्याख्याता को प्रधानाध्यापक और उप प्रधान अध्यापक पर पदोन्नति देनी चाहिए. सरकार इस नियम में बदलाव कर रही है. अभी तक 60 और 33 प्रतिशत पर पदोन्नति की जाती है. इसमें 33 प्रतिशत प्रधानाध्यापक होते हैं, जबकि 60 प्रतिशत व्याख्याता शामिल होते हैं.

पढ़ें: बालिका दिवस पर बोले श्रम मंत्री टीकाराम जूली, कहा- बेटा और बेटी के बीच का फर्क मिटाना होगा

वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी चाणक्य लाल शर्मा ने बताया कि पुरानी नीतियों में सरकार बदलाव कर रही है. इससे प्रधानाध्यापक को कई नुकसान होंगे. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा भी शिक्षकों की कई मांगे लंबे समय से लंबित है. हर बार शिक्षकों द्वारा ज्ञापन दिया जाता है. लेकिन लंबे समय से उनकी मांगे अटकी हुई है. अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो आगामी दिनों में शिक्षक अपना प्रदर्शन उग्र करेंगे. इस संबंध में प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों की बैठक वार्ताओं का दौर भी जारी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.