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टैक्स चोरी करने वालों की पौ बारह! सरकार का दावा था कि Changeover से बदलेगी तस्वीर...लम्बे समय से System में उलझ कर रह गया वाणिज्य कर विभाग

वाणिज्य कर विभाग (Commercial Tax Department) में किए गए बड़े बदलाव का टैक्स चोरी (Tax Evasion) करने वाले लोग जमकर फायदा उठा रहे हैं. अलवर सहित पूरे प्रदेश में 24 सितंबर के बाद से अब तक एक भी प्रतिष्ठान (Establishment) का सर्वे नहीं हुआ है. जबकि दिवाली और नवरात्रि जैसे बड़े त्यौहार निकल चुके हैं. इसके अलावा दिल्ली से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक लाखों के माल बिना बिल के लेकर राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में जा रहे हैं. उनकी कोई जांच-पड़ताल नहीं हो रही है.

Tax Evasion
टैक्स चोरी करने वालों की पौ बारह!
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Published : Nov 13, 2021, 10:18 AM IST

अलवर: व्यापारियों की सुविधा का हवाला देते हुए सरकार ने सितंबर माह में अलवर सहित पूरे प्रदेश में 6 नए वाणिज्य कर विभाग के कार्यालय खोलने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा इंटेलिजेंस व विजिलेंस टीम को पूरी तरह से जिला स्थल पर समाप्त करते हुए सेंट्रलाइज किया गया. अलवर में सेल्स टैक्स विभाग के अब भिवाड़ी और अलवर दो कार्यालय हैं.

भिवाड़ी कार्यालय में नए डीसी लगा दिए गए हैं. जबकि अलवर कार्यालय के डीसी का तबादला किया गया है. भिवाड़ी में सुरेंद्र सिंह राठौड़ को लगाया गया है. जबकि अलवर में सुधीर शर्मा की जगह पूरणमल को लगाया गया है. अलवर में दो कार्यालय होने से काम का बंटवारा हो गया है. लेकिन अभी सभी कार्य अलवर ऑफिस से हो रहे हैं. दअरसल औद्योगिक क्षेत्र के औद्योगिक इकाइयों की मैपिंग नहीं हुई है. रिकॉर्ड भी अभी शिफ्ट नहीं हुआ है. ऐसे में कर्मचारी अधिकारियों के साथ व्यापारियों में गफलत का माहौल है. किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को अपने काम की जानकारी नहीं है कि उसको क्या काम करना है.

टैक्स चोरी करने वालों की पौ बारह!
24 सितंबर के बाद से अलवर सहित पूरे प्रदेश में प्रतिष्ठानों के सर्वे की कार्रवाई पूरी तरह से बंद है. दिवाली और नवरात्रि जैसे बड़े त्यौहार निकल चुके हैं. अभी तक एक भी सर्वे नहीं हुआ है. दिल्ली-जयपुर-गुजरात-मुंबई को जोड़ने वाले NH8 पर वाहनों की जांच पड़ताल नहीं हो रही है. ऐसे में जमकर व्यापारी टैक्स चोरी (Tax Evasion) कर रहे हैं.

पढ़ें- जन जागरण अभियान: राजस्थान में 20 नवंबर तक का कार्यक्रम तय, लेकिन संगठन के नेताओं को CM के निर्णय का इंतजार

बिना बिल के माल सप्लाई हो रहा

अकेले अलवर और जयपुर टीम हर माह 200 से 300 ट्रक- बस बिना बिल के पकड़ती थी. इसके अलावा इंटेलिजेंस और विजिलेंस टीम भी अचानक वाहनों की जांच पड़ताल करता था. व्यापारी बिना बिल के माल सप्लाई कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को करोड़ों रुपए के टैक्स की चपत लग रही है.

पूरे प्रदेश में इसी तरह के हालात

सरकार के इस फैसले का व्यापारी पर भी खासा असर पड़ा है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बिना जांच के हो रही है. नियम अनुसार 7 दिन में अपने आप कंप्यूटर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हो रही है. जबकि पहले व्यापारी द्वारा फर्म का रजिस्ट्रेशन करने के बाद सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारी जांच पड़ताल करते थे उसके बाद उसको रजिस्ट्रेशन जारी किया जाता था. जांच पड़ताल की व्यवस्था नहीं होने के कारण 7 दिन का समय लग रहा है. औद्योगिक क्षेत्र व औद्योगिक इकाइयों की मैपिंग नहीं हुई है. ऐसे में व्यापारियों को जीएसटी का रिफंड नहीं मिल रहा है व अन्य कार्य भी रुक गए हैं.

वाणिज्य कर विभाग के अनुसार अकेले अलवर (Alwar) संभाग से 125 से 130 करोड़ का राजस्व हर महीने राज्य सरकार को एसजीएसटी टैक्स (SGST Tax) के रूप में मिलता है. इसके अलावा 100 करोड रुपए वेट के हर महा मिलते हैं. अलवर जिले में जुलाई 2017 से अब तक 61 हजार व्यापारी रजिस्टर्ड है. इसमें से 42 हजार 500 व्यापारी एक्टिव है. जो हर महा टैक्स देते हैं. इसमें 22000 अलवर कार्यालय व 21000 भिवाड़ी कार्यालय में है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में सरकार को मिलने वाली टैक्स में भी कमी होगी.

अलवर: व्यापारियों की सुविधा का हवाला देते हुए सरकार ने सितंबर माह में अलवर सहित पूरे प्रदेश में 6 नए वाणिज्य कर विभाग के कार्यालय खोलने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा इंटेलिजेंस व विजिलेंस टीम को पूरी तरह से जिला स्थल पर समाप्त करते हुए सेंट्रलाइज किया गया. अलवर में सेल्स टैक्स विभाग के अब भिवाड़ी और अलवर दो कार्यालय हैं.

भिवाड़ी कार्यालय में नए डीसी लगा दिए गए हैं. जबकि अलवर कार्यालय के डीसी का तबादला किया गया है. भिवाड़ी में सुरेंद्र सिंह राठौड़ को लगाया गया है. जबकि अलवर में सुधीर शर्मा की जगह पूरणमल को लगाया गया है. अलवर में दो कार्यालय होने से काम का बंटवारा हो गया है. लेकिन अभी सभी कार्य अलवर ऑफिस से हो रहे हैं. दअरसल औद्योगिक क्षेत्र के औद्योगिक इकाइयों की मैपिंग नहीं हुई है. रिकॉर्ड भी अभी शिफ्ट नहीं हुआ है. ऐसे में कर्मचारी अधिकारियों के साथ व्यापारियों में गफलत का माहौल है. किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को अपने काम की जानकारी नहीं है कि उसको क्या काम करना है.

टैक्स चोरी करने वालों की पौ बारह!
24 सितंबर के बाद से अलवर सहित पूरे प्रदेश में प्रतिष्ठानों के सर्वे की कार्रवाई पूरी तरह से बंद है. दिवाली और नवरात्रि जैसे बड़े त्यौहार निकल चुके हैं. अभी तक एक भी सर्वे नहीं हुआ है. दिल्ली-जयपुर-गुजरात-मुंबई को जोड़ने वाले NH8 पर वाहनों की जांच पड़ताल नहीं हो रही है. ऐसे में जमकर व्यापारी टैक्स चोरी (Tax Evasion) कर रहे हैं.

पढ़ें- जन जागरण अभियान: राजस्थान में 20 नवंबर तक का कार्यक्रम तय, लेकिन संगठन के नेताओं को CM के निर्णय का इंतजार

बिना बिल के माल सप्लाई हो रहा

अकेले अलवर और जयपुर टीम हर माह 200 से 300 ट्रक- बस बिना बिल के पकड़ती थी. इसके अलावा इंटेलिजेंस और विजिलेंस टीम भी अचानक वाहनों की जांच पड़ताल करता था. व्यापारी बिना बिल के माल सप्लाई कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को करोड़ों रुपए के टैक्स की चपत लग रही है.

पूरे प्रदेश में इसी तरह के हालात

सरकार के इस फैसले का व्यापारी पर भी खासा असर पड़ा है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बिना जांच के हो रही है. नियम अनुसार 7 दिन में अपने आप कंप्यूटर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हो रही है. जबकि पहले व्यापारी द्वारा फर्म का रजिस्ट्रेशन करने के बाद सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारी जांच पड़ताल करते थे उसके बाद उसको रजिस्ट्रेशन जारी किया जाता था. जांच पड़ताल की व्यवस्था नहीं होने के कारण 7 दिन का समय लग रहा है. औद्योगिक क्षेत्र व औद्योगिक इकाइयों की मैपिंग नहीं हुई है. ऐसे में व्यापारियों को जीएसटी का रिफंड नहीं मिल रहा है व अन्य कार्य भी रुक गए हैं.

वाणिज्य कर विभाग के अनुसार अकेले अलवर (Alwar) संभाग से 125 से 130 करोड़ का राजस्व हर महीने राज्य सरकार को एसजीएसटी टैक्स (SGST Tax) के रूप में मिलता है. इसके अलावा 100 करोड रुपए वेट के हर महा मिलते हैं. अलवर जिले में जुलाई 2017 से अब तक 61 हजार व्यापारी रजिस्टर्ड है. इसमें से 42 हजार 500 व्यापारी एक्टिव है. जो हर महा टैक्स देते हैं. इसमें 22000 अलवर कार्यालय व 21000 भिवाड़ी कार्यालय में है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में सरकार को मिलने वाली टैक्स में भी कमी होगी.

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