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पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा का पलटवार, कहा-नोटिस भेजने से पहले बात तो करते पूनिया...मेरा चेहरा पसंद नहीं तो फोन ही कर लेते

वसुंधरा राजे को सीए पद का प्रबल दावेदार बताने के बयान के बाद पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने नोटिस भेजा है. इसपर रोहिताश शर्मा ने कहा कि किसी की तारीफ करना गलत नहीं है और मुझे नोटिस भेजने से पहले पूनिया मुझसे बात तो करते. अगर चेहरा पसंद नहीं मेरा तो फोन ही कर लेते.

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पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा का पलटवार
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Published : Jun 27, 2021, 7:50 PM IST

अलवर. जिले के बानसूर से विधायक रहे व पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते हुए उनके पक्ष में बयान दिए हैं. इसके बाद से लगातार वह विवादों में बने हुए हैं. पार्टी की तरफ से हाल ही में रोहिताश शर्मा को नोटिस दिया गया है. रोहिताश शर्मा रविवार को अलवर पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब अब वह लिखित में बिंदुवार देंगे. नोटिस देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष को मुझसे बात कर लेनी चाहिए थी. अगर उन्हें मेरी शक्ल से इतनी नफरत है तो टेलीफोन से ही बात कर मेरा पक्ष जान सकते थे.

रोहिताश शर्मा ने कहा कि पार्टी के वर्च्युअल फोरम में मैंने कार्यकर्ताओं की समस्या उठाई थी कि पैसे के अभाव में कोरोना पीड़ितों की मदद करने में परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार में प्रदेश के 3 मंत्री हैं. उनको जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं को संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए थे. इसपर पार्टी की ओऱ से अभियान चलाया गया था. कोरोना पीड़ितों के सहयोग के लिए वो अधिक कारगर हो सकता है. क्योंकि पैसे और संसाधनों के अभाव में सीएमएचओ ओर अन्य प्रशासनिक अधिकारी भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की सुनवाई नही कर रहे थे. यह बात पार्टी के फोरम पर उठाए जाने से प्रदेश के नेताओं को खटक रही है.

पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा का पलटवार

पढ़ें: फोन टैपिंग मामले में राजेंद्र राठौड़ ने साधा निशाना, कहा- सत्ताधारी दल के विधायक ही कर रहे टैपिंग की बात

संशय में थे, लेकिन अब देंगे नोटिस का जवाब

उन्होंने वर्चुअल मीटिंग की बातचीत को लीक किया और नोटिस दिया गया जो कि सीक्रेट होता है. उसको भी लीक किया गया. मीडिया ने जो सवाल पूछे तो उनका भी जवाब दिया. पार्टी ने जो नोटिस दिया है, उसका जवाब अब वह लिखित में देंगे. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि उन्हें जो नोटिस मिला था. वह प्रदेश महामंत्री की ओर से जारी किया गया था. इसमें प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार या संगठन महामंत्री के आदेशों का कोई जिक्र नहीं था. इसलिए यह नोटिस फेक हो सकता है, यह संशय था. लेकिन रात को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया की ओर से मीडिया को बयान दिया था जिसमें उन्होंने जिक्र किया था. नोटिस देने की बात उनकी जानकारी में है. यह बात समाचारों में सुनने के बाद उनका संशय दूर हो गया और अब वो लिखित में नोटिस का बिंदुवार जवाब देंगे.

पढ़ें: फोन टैपिंग केस: महेश जोशी को नोटिस पर पोस्टर पॉलिटिक्स शुरू, BJP ने कहा- होर्डिंग तो पब्लिसिटी स्टंट, पुलिस जांच से ही मिलेगा न्याय

भैरोसिंह के बाद वसुंधरा सबसे बड़ी नेता

रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि वसुंधरा राजे के लेवल का राज्य में एक भी नेता आज मौजूद नहीं है. वसुंधरा राजे मजबूत और जन-जन की नेता हैं. उन्होंने राज्य में पार्टी को मजबूती दी है. किसी नेता की तारीफ करने को पार्टी का सविंधान गुनाह नहीं मानता है. राज्य में भैरोंसिंह शेखावत के बाद सबसे बड़ी लीडर वसुंधरा राजे ही हैं, जिन्होने भाजपा को एक बार 130 ओर दूसरी बार 163 सीट जीताकर विजयश्री दिलाई थी. वसुंधरा राजे प्रदेश में जन जन की नेंता है और सर्वे कराया जाए.

पढ़ें: एसीबी की कार्रवाई पर सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर बोला हमला, 'कमजोर सरकार की निशानी है ये'

10 में से 9 की नजर में आज भी वसुंधरा बेस्ट

प्रदेश में 10 लोगों में आज भी 9 लोग वसुंधरा राजे को बेस्ट मुख्यमंत्री मानते हैं. राजस्थान में आज भी उनके बराबर कोई नेता नहीं है. उन्होंने अपने बूते प्रदेश में दो बार सरकार बनाई है. प्रदेश की जनता उन पर विश्वास करती है और वोट देती है. किसी भी नेता की तारीफ करना कोई गलत नहीं होता. जब प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अपने क्षेत्र में जाते हैं तो लोग उनके भी नारे लगाते हैं. रोहिताश शर्मा ने कहा कि चुनाव लड़ने की बात 2 साल बाद की है, लेकिन मैं एक नेता हूं और अपना कर्तव्य निभाता हूं. अगर चुनाव लड़ने की बात होगी तो वह भी लडूंगा.

अलवर. जिले के बानसूर से विधायक रहे व पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते हुए उनके पक्ष में बयान दिए हैं. इसके बाद से लगातार वह विवादों में बने हुए हैं. पार्टी की तरफ से हाल ही में रोहिताश शर्मा को नोटिस दिया गया है. रोहिताश शर्मा रविवार को अलवर पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब अब वह लिखित में बिंदुवार देंगे. नोटिस देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष को मुझसे बात कर लेनी चाहिए थी. अगर उन्हें मेरी शक्ल से इतनी नफरत है तो टेलीफोन से ही बात कर मेरा पक्ष जान सकते थे.

रोहिताश शर्मा ने कहा कि पार्टी के वर्च्युअल फोरम में मैंने कार्यकर्ताओं की समस्या उठाई थी कि पैसे के अभाव में कोरोना पीड़ितों की मदद करने में परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार में प्रदेश के 3 मंत्री हैं. उनको जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं को संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए थे. इसपर पार्टी की ओऱ से अभियान चलाया गया था. कोरोना पीड़ितों के सहयोग के लिए वो अधिक कारगर हो सकता है. क्योंकि पैसे और संसाधनों के अभाव में सीएमएचओ ओर अन्य प्रशासनिक अधिकारी भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की सुनवाई नही कर रहे थे. यह बात पार्टी के फोरम पर उठाए जाने से प्रदेश के नेताओं को खटक रही है.

पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा का पलटवार

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संशय में थे, लेकिन अब देंगे नोटिस का जवाब

उन्होंने वर्चुअल मीटिंग की बातचीत को लीक किया और नोटिस दिया गया जो कि सीक्रेट होता है. उसको भी लीक किया गया. मीडिया ने जो सवाल पूछे तो उनका भी जवाब दिया. पार्टी ने जो नोटिस दिया है, उसका जवाब अब वह लिखित में देंगे. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि उन्हें जो नोटिस मिला था. वह प्रदेश महामंत्री की ओर से जारी किया गया था. इसमें प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार या संगठन महामंत्री के आदेशों का कोई जिक्र नहीं था. इसलिए यह नोटिस फेक हो सकता है, यह संशय था. लेकिन रात को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया की ओर से मीडिया को बयान दिया था जिसमें उन्होंने जिक्र किया था. नोटिस देने की बात उनकी जानकारी में है. यह बात समाचारों में सुनने के बाद उनका संशय दूर हो गया और अब वो लिखित में नोटिस का बिंदुवार जवाब देंगे.

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भैरोसिंह के बाद वसुंधरा सबसे बड़ी नेता

रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि वसुंधरा राजे के लेवल का राज्य में एक भी नेता आज मौजूद नहीं है. वसुंधरा राजे मजबूत और जन-जन की नेता हैं. उन्होंने राज्य में पार्टी को मजबूती दी है. किसी नेता की तारीफ करने को पार्टी का सविंधान गुनाह नहीं मानता है. राज्य में भैरोंसिंह शेखावत के बाद सबसे बड़ी लीडर वसुंधरा राजे ही हैं, जिन्होने भाजपा को एक बार 130 ओर दूसरी बार 163 सीट जीताकर विजयश्री दिलाई थी. वसुंधरा राजे प्रदेश में जन जन की नेंता है और सर्वे कराया जाए.

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10 में से 9 की नजर में आज भी वसुंधरा बेस्ट

प्रदेश में 10 लोगों में आज भी 9 लोग वसुंधरा राजे को बेस्ट मुख्यमंत्री मानते हैं. राजस्थान में आज भी उनके बराबर कोई नेता नहीं है. उन्होंने अपने बूते प्रदेश में दो बार सरकार बनाई है. प्रदेश की जनता उन पर विश्वास करती है और वोट देती है. किसी भी नेता की तारीफ करना कोई गलत नहीं होता. जब प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अपने क्षेत्र में जाते हैं तो लोग उनके भी नारे लगाते हैं. रोहिताश शर्मा ने कहा कि चुनाव लड़ने की बात 2 साल बाद की है, लेकिन मैं एक नेता हूं और अपना कर्तव्य निभाता हूं. अगर चुनाव लड़ने की बात होगी तो वह भी लडूंगा.

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