अलवर. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे स्मॉग (धुंध) का असर अब अलवर में भी नजर आने लगा है. वहीं, सर्दी का असर बढ़ने के साथ ही लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ प्रदूषण से आबोहवा दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है तो वहीं पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमण का प्रकोप भी बढ़ रहा है.
लगातार दिल्ली के बाद आसपास के शहर भी गैस के चैंबर बन रहे हैं. इसका असर अब अलवर में भी नजर आने लगा है. हवा खराब होने के बजाय अब खतरनाक हो रही है. ऐसे में प्रशासन की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है. साथ ही आम लोग खासा परेशान हैं. सुबह से ही अलवर में लोगों को आंखों में जलन आंखों से पानी आना थकान महसूस होना सहित कई तरह की शिकायतें हो रही हैं. इसके अलावा अस्थमा और सांस की परेशानी वाले लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अलवर और भिवाड़ी में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा रहती है. इसलिए अलवर में स्मॉग भी नजर आने लगा है. हालांकि कोरोना वायरस के चलते बीच में लॉकडाउन रहा था. इसलिए प्रदूषण का स्तर खासा कम था. अब फिर से सर्दी की शुरूआत के साथ ही काम का शुरू होने लगा है, इसलिए स्मॉग भी नजर आने लगा है.
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हालांकि, प्रदूषण रोकने के लिए अभी तक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अलवर में स्मॉग का असर कम है. वहीं मौसम विभाग के अधिकारियों की मानें तो हरियाणा में पंजाब की तरफ चलने वाली हवाओं का रुख बदला है. ऐसे में आने वाले समय में अलवर में स्मॉग का असर बढ़ेगा. लोगों को सांस लेने में भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. डॉक्टर ने कहा कि घर से बाहर निकलते समय सावधानी रखें. मास्क और चश्मे का उपयोग करें, क्योंकि इस स्मॉग में प्रदूषण की मात्रा होती है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में आंखों को सुरक्षित रखें बाहर से लौटते समय घर पर साफ पानी से आंखें धोएं और बच्चों का विशेष ध्यान रखें.
आंखों का रखें ध्यान...
वैसे तो स्मॉग कई तरह से नुकसान दाई है, लेकिन लोगों को आंखों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. घर से बाहर निकलते समय चश्मे का उपयोग करें. बार-बार पानी से आंख को साफ करें. भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें. मिट्टी दस्त और अन्य चीजों से बचें किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह लें.
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सांस संबंधित बीमारी के लोग रखें ध्यान...
जिन लोगों को सांस संबंधित बीमारी है, वे लोग इस समय खास ध्यान रखें. क्योंकि मौसम के बदलाव के दौरान लोगों को दिक्कत होती है. साथ ही स्मॉग में सांस नहीं आने दम घुटने सहित कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए 7 संबंधित बीमारी वाले लोग खास सावधानी रखें.
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क्यों होता है स्मॉग...
मौसम विभाग में प्रदूषण विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि इस मौसम में सर्दी की शुरूआत होते ही पृथ्वी की सतह के ऊपरी हिस्से में एक आवरण जमा हो जाता है. धुआं, धूल और छोटे धूल के कण उस आवरण के चलते ऊपर नहीं उठ पाते हैं. जो एक धुंध के रूप में हमारे चारों तरफ रहते हैं. धूप निकलने के बाद इसका प्रभाव कम रहता है. क्योंकि धुआं, धूल और अन्य प्रदूषण के साथ ऊपर की तरफ उठते हैं.