ETV Bharat / city

अलवरः ACB ने जिस घूसखोर एसएचओ को किया गिरफ्तार, उसे दो बार मिल चुका है बेस्ट पुलिसिंग अवार्ड - ACB investigation in alwar

एसीबी ने अलवर के नारायणपुर थाना प्रभारी जितेंद्र यादव और एक दलाल को 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैप किया था. इस मामले में जांच पड़ताल के दौरान कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. इससे पहले घूसखोर जितेंद्र यादव को दो बार जिले में बेस्ट पुलिसिंग के लिए अवार्ड मिल चुका है.

alwar news, rajasthan news , अलवर के नारायणपुर थाना प्रभारी  बेस्ट पुलिसिंग अवार्ड, घूसखोर एसएचओ को किया गिरफ्तार
घूसखोर एसएचओ को किया गिरफ्तार
author img

By

Published : Jan 11, 2020, 5:24 PM IST

अलवर. जिले में पुलिस आए दिन बदनाम होती है, तो वहीं पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में एसीबी ने शहर के नारायणपुर थाना अधिकारी जितेंद्र यादव और एक दलाल को एक मामले में 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैक किया था. वहीं इसमें एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान कई खुलासे हो रहे हैं.

एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान कई खुलासे हुए

बता दें कि जितेंद्र यादव को जिले में बेहतर पुलिसिंग के लिए दो बार सम्मान मिल चुका है. साल 2019 के नवंबर महीने में पुलिस लाइन में परेड के दौरान आयोजन में उनको यह सम्मान दिया गया था. इसके अलावा वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 7 थाना अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस अधीक्षक पारिश देशमुख ने प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था. इसमें भी उपनिरीक्षक जितेंद्र यादव का नाम शामिल था. ऐसे में लगातार जितेंद्र यादव सुर्खियों में रहे.

पढ़ेंः हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी, लेकिन कॉलेज में पढ़ाने के लिए फैकल्टी का संकट

जानकारी के अनुसार जितेंद्र यादव अभी जेल में बंद है. प्रेम विवाह के मामले में लड़की के बयान लड़के के पक्ष में कराने और लड़के के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की एवज में दलाल की मदद से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. लेकिन बाद में 90 हजार रुपए सौदा हुआ और दलाल ने नारायणपुर के बाजार में रिश्वत ली थी. वहीं एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान जितेंद्र यादव के खिलाफ पुराने भी कई रिश्वत के मामले सामने आने लगे हैं.

अलवर. जिले में पुलिस आए दिन बदनाम होती है, तो वहीं पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में एसीबी ने शहर के नारायणपुर थाना अधिकारी जितेंद्र यादव और एक दलाल को एक मामले में 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैक किया था. वहीं इसमें एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान कई खुलासे हो रहे हैं.

एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान कई खुलासे हुए

बता दें कि जितेंद्र यादव को जिले में बेहतर पुलिसिंग के लिए दो बार सम्मान मिल चुका है. साल 2019 के नवंबर महीने में पुलिस लाइन में परेड के दौरान आयोजन में उनको यह सम्मान दिया गया था. इसके अलावा वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 7 थाना अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस अधीक्षक पारिश देशमुख ने प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था. इसमें भी उपनिरीक्षक जितेंद्र यादव का नाम शामिल था. ऐसे में लगातार जितेंद्र यादव सुर्खियों में रहे.

पढ़ेंः हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी, लेकिन कॉलेज में पढ़ाने के लिए फैकल्टी का संकट

जानकारी के अनुसार जितेंद्र यादव अभी जेल में बंद है. प्रेम विवाह के मामले में लड़की के बयान लड़के के पक्ष में कराने और लड़के के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की एवज में दलाल की मदद से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. लेकिन बाद में 90 हजार रुपए सौदा हुआ और दलाल ने नारायणपुर के बाजार में रिश्वत ली थी. वहीं एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान जितेंद्र यादव के खिलाफ पुराने भी कई रिश्वत के मामले सामने आने लगे हैं.

Intro:अलवर
एसीबी ने अलवर के नारायणपुर थाना प्रभारी जितेंद्र यादव व एक दलाल को 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैक किया है। इस मामले में जांच पड़ताल के दौरान कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। तो वही जितेंद्र यादव को दो बार जिले में बेस्ट पुलिसिंग के लिए अवार्ड मिल चुका था।


Body:अलवर में पुलिस आए दिन बदनाम होती है तो वहीं पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में एसीबी ने अलवर के नारायणपुर थाना अधिकारी जितेंद्र यादव व एक दलाल को एक मामले में 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैक किया है। इसमें एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान कई खुलासे हो रहे हैं। जितेंद्र यादव को अलवर जिले में बेहतर पुलिसिंग के लिए दो बार सम्मान मिल चुका है। साल 2019 के नवंबर महीने में पुलिस लाइन में परेड के दौरान आयोजन में उनको यह सम्मान दिया गया। इसके अलावा वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 7 थाना अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस अधीक्षक पारिश देशमुख ने प्रशस्ति पत्र व नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसमें भी उपनिरीक्षक जितेंद्र यादव का नाम शामिल था। ऐसे में लगातार जितेंद्र यादव सुर्खियों में रहे। एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान जितेंद्र यादव के खिलाफ पुराने भी कई रिश्वत के मामले सामने आने लगे हैं। इसी के अधिकारी ने कहा कि सभी मामलों की जांच पड़ताल चल रही है।


Conclusion:जितेंद्र यादव अभी जेल में बंद है। दूसरों को जेल में पहुंचाने वाला खुद जेल में पहुंच गया है। प्रेम विवाह के मामले में लड़की के बयान लड़के के पक्ष में कराने व लड़के के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की एवज में दलाल की मदद से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। लेकिन बाद में 90 हजार रुपए सौदा हुआ व दलाल ने नारायणपुर के बाजार में रिश्वत ली। तो वही एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.