अलवर. जिले में पुलिस आए दिन बदनाम होती है, तो वहीं पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में एसीबी ने शहर के नारायणपुर थाना अधिकारी जितेंद्र यादव और एक दलाल को एक मामले में 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैक किया था. वहीं इसमें एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान कई खुलासे हो रहे हैं.
बता दें कि जितेंद्र यादव को जिले में बेहतर पुलिसिंग के लिए दो बार सम्मान मिल चुका है. साल 2019 के नवंबर महीने में पुलिस लाइन में परेड के दौरान आयोजन में उनको यह सम्मान दिया गया था. इसके अलावा वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 7 थाना अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस अधीक्षक पारिश देशमुख ने प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था. इसमें भी उपनिरीक्षक जितेंद्र यादव का नाम शामिल था. ऐसे में लगातार जितेंद्र यादव सुर्खियों में रहे.
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जानकारी के अनुसार जितेंद्र यादव अभी जेल में बंद है. प्रेम विवाह के मामले में लड़की के बयान लड़के के पक्ष में कराने और लड़के के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की एवज में दलाल की मदद से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. लेकिन बाद में 90 हजार रुपए सौदा हुआ और दलाल ने नारायणपुर के बाजार में रिश्वत ली थी. वहीं एसीबी की जांच पड़ताल के दौरान जितेंद्र यादव के खिलाफ पुराने भी कई रिश्वत के मामले सामने आने लगे हैं.