अलवर. एक अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू हो रहा है. कोरोना काल के बीच एक अक्टूबर से सरिस्का को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. अभी तक सरिस्का में केवल एक रूप चल रहा था, लेकिन अब पर्यटक 4 रूटों पर सफारी का आनंद ले सकेंगे. कोरोना के चलते बीते साल की तुलना में इस साल पर्यटकों की संख्या काफी कम रही ह, लेकिन अब पर्यटक आने की उम्मीद है.
886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का देश का पहला ऐसा नेशनल पार्क है. जिसकी सीमाएं काफी बड़ी है. तो वहीं सीमाओं पर कोई दीवार नहीं है. हालांकि अब सुरक्षा के लिहाज से सरिस्का के बाहरी हिस्से में चारदीवारी बनाने का काम शुरू हुआ है, लेकिन अभी इसमें खासा समय लगेगा.
विशेषज्ञों की मानें तो सारिस्का वन्यजीवों के लिए खासा उपयुक्त स्थान है. सरिस्का टाइगर रिजर्व के लिए जाना जाता है. सरिस्का में इस समय 10 बाघिन, 6 बाघ और चार शामक हैं. साल भर सरिस्का में घूमने के लिए देसी विदेशी पर्यटक आते हैं. सरिस्का का जंगल खासा गाना है. तो वहीं, मानसून सीजन में सरिस्का पर्यटकों के लिए बंद रहता है. हालांकि कुछ सालों से पर्यटक को की मांग पर सरकार ने मानसून सीजन के दौरान केवल एक रूट खोलने की अनुमति दी हुई है. वैसे सरिस्का में सफारी के लिए 4 रूट बने हुए हैं. तीन रूट सारिस्का मुख्य द्वार और एक रुट टहला गेट से संचालित होता है. कोरोना के चलते इस साल पर्यटकों की संख्या कम थी. लेकिन कोरोना काल के बाद पर्यटक आने की उम्मीद है.
वैसे तो 1 अक्टूबर को सरिस्का में कार्यक्रम का आयोजन होता है. आने वाले पर्यटकों का तिलक लगाकर ऐर माला पहनाकर स्वागत किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते इस तरह का कोई कार्यक्रम नहीं होगा. सारिस्का के अधिकारियों ने कहा कि पर्यटकों के लिए सरिस्का को खोल दिया जाएगा. पर्यटक सरिस्का के चारों रूट में बफर जोन में सफारी का आनंद ले सकेंगे. सरिस्का में बाघ शावकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
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ऐसे में इस बार पर्यटकों के लिए साइटिंग की खासी संभावना है. हालांकि कोरोना के 6 माह के लंबे दौर के बाद अब हालात को सामान्य होने लगे हैं. तो वहीं, लोगों की आवाजाही भी बढ़ी है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन को पर्यटकों के आने की उम्मीद है. क्योंकि अलवर में अन्य पर्यटन साइट अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है. जहां आमतौर पर पर्यटकों की संख्या ज्यादा रहती है. साल भर यहां हजारों लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.