अलवर. सरिस्का के जंगल में आग लगने की घटना पहली बार नहीं हुई है. बीते शुक्रवार शाम को भी टहला रेंज की नांडू बीट में आग लगी थी, लेकिन शाम का समय होने के कारण आग पर रात तक काबू पा लिया गया था. उसके बाद शनिवार को भी सरिस्का के किशोरी के जंगल में आग लगी थी. आग पर रात तक काबू पा लिया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. अब सरिस्का के टहला रेंज के भैंसोटा व जहाज के बीच करीब तीन किलोमीटर क्षेत्र में तीन पहाड़ियों पर आग लग लगी है.
रविवार दोपहर करीब 12 बजे लगी आग पर अभी भी पूर्ण रूप से काबू नहीं पाया जा सका है. वनकर्मियों के साथ आसपास के गांवों के लोग, नेचर गाइड और वाहन चालक भी आग बुझाने के प्रयास में जुटे हैं. आग बुझाने के लिए दमकल भी बुलाई, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण (Major Fire in Sariska) दमकल से आग पर काबू नहीं पाया जा सका. उसके बाद से लगातार आग बुझाने का ऑपरेशन चल रहा है. रात भर वनकर्मी आग बुझाने में लगे रहे, लेकिन आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है.
तापमान बढ़ने और हवा के चलते घास-पत्ती में लगी आग बढ़ गई. गर्मी व पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वनकर्मियों को आग बुझाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अलवर की अन्य रेंजों से भी वनकर्मियों को बुलाया गया है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि करीब 80 प्रतिशत आग पर काबू पा लिया गया है व बची हुई आग पर भी काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. फायर लाइन तैयार करके आग बुझाने का प्रयास लगातार जारी है. रात भर आग बुझाने का ऑपरेशन चला व सोमवार को भी सुबह से वनकर्मी और ग्रामीण आग बुझाने में लगे हुए हैं. जंगलों की आग सरिस्का प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है.
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आखिर क्यों लग रही है बार-बार जंगलों में आग : सरिस्का के जंगल में लग रही भीषण आग के पीछे क्या कारण है, इसका कारण अभी तक सरिस्का प्रशासन नहीं लगा पाया है. हालांकि, वन विभाग व सरिस्का प्रशासन ने मामले की जांच-पड़ताल की बात कही है. दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो सबसे पहले बलेटा के जंगल में लगी आग का कारण शिकारी बताए जा रहे हैं. जंगल में पांच शिकारियों ने एक जंगली सूअर का शिकार किया. उसके बाद जंगल में आग जलाई और आग जलाकर छोड़ कर चले गए. इसके बाद जंगल में आग फैल गई. हालांकि, वन विभाग व सरिस्का प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.
अलवर में पहली बार हेलीकॉप्टर की ली गई मदद : सरिस्का के अकबरपुर रेंज के पृथ्वीपुरा-बालेटा नाका के नारंडी जंगल में आग लगी थी. इस आग ने विकराल रूप ले लिया, जिसके चलते आग (Sariska Tiger Reserve National Park Update) पर काबू पाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर बुलाने पड़े थे. करीब पांच दिन में इस आग पर काबू पाया गया. नारंडी वन क्षेत्र में रविवार को भी ठूंठों में आग फिर सुलग गई. सर्च अभियान में जुटे वनकर्मी आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.
अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई : सरिस्का के जंगल में 27 मार्च को लगी भीषण आग के 3 दिन बाद वन मंत्री ने अलवर के सीसीएफ आर. एन. मीणा को एपीओ करने के आदेश दिए. लेकिन कुछ ही घंटों में आदेश (Condition of Tigers in Sariska) वापस ले लिए गए. आर. एन. मीणा को एपीओ नहीं किया गया. आग प्रकरण में अभी तक किसी भी कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई वन विभाग व प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. जबकि आग मामले में सरिस्का प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.