अलवर. शहर के सरिस्का में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से जंगल क्षेत्र में बसे गांवों को विस्थापित करने का काम किया जा रहा है. सरिस्का प्रशासन के लिए इस समय जंगल क्षेत्र में बसे 3 गांव प्रायटी पर है. इनके विस्थापित होने के बाद बाघों को विचरण करने के लिए बड़ा क्षेत्र मिल सकेगा. जंगल के हिसाब से पुलिस का में इस समय पर्याप्त बाघ हैं.
अलवर का सरिस्का 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सरिस्का में कोर एरिया के अलावा बफर जोन भी है. कोर क्षेत्र में 29 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 3 गांव को पूरी तरह से विस्थापित किए जा चुके है, जबकि 6 गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया जारी है.
अगस्त 2020 से अब तक सरिस्का प्रशासन की तरफ से 83 परिवार विस्थापित कराए गए हैं. सरिस्का के लिए इस समय तीन गांव हरिपुरा, क्रासका और सुकोला सबसे प्रायटी पर है. इन गांव में बचे हुए परिवारों को विस्थापित करने की लगातार प्रक्रिया जारी है. सरिस्का प्रशासन की मानें तो इन गांव के विस्थापित होने के बाद बाघों को जंगल में बड़ा क्षेत्र खुला मिल सकेगा. जिसमें बाघ विचरण कर सकेंगे. इन गांवों के विस्थापित होने के बाद बाघों का कुनबा भी बढ़ सकेगा. बाघों में मेटिंग हो सकेगी और नए शावक जन्म लेंगे.
सरिस्का प्रशासन की तरफ से लगातार पर्यटन को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं. सालों से सरिस्का क्षेत्र में गांव को विस्थापित करने की प्रक्रिया रुकी हुई थी. लंबे समय बाद गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुई है. ग्रामीणों को सभी सरकारी योजना का फायदा दिया जा रहा है. ऐसे में ग्रामीण की विस्थापन के पक्ष में नजर आ रहे हैं.
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सरिस्का का क्षेत्र में बसे लोगों को तिजारा बानसूर सहित अन्य जगहों पर लगातार शिफ्ट किया जा रहा है. सरिस्का प्रशासन की तरफ से बफर जोन में संभावनाओं के अनुसार नया रूप शुरू किया गया है. जल्द ही पर्यटक उस पर सफारी का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा कोर क्षेत्र में भी सरिस्का प्रशासन की तरफ से दो रूट निर्धारित किए गए हैं. उस पर काम चल रहा है. मुख्यालय से रूट की अनुमति मिलने के बाद नए रूट पर पर्यटक सफारी का आनंद ले सकेंगे.