अलवर. प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घमासान (political turmoil) के बीच रविवार को सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेड़ली के पास समूची गांव में पहुंचे. यहां उन्होंने सीआरपीएफ में तैनात शेर सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि (Tribute on the death of crpf Sher Singh) दी. साथ ही परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि प्रयास किए जाएंगे कि परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी मिले, जिससे जीवन यापन बेहतर हो सके.
राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार की स्थिति बनी हुई है. सचिन पायलट खेमे के विधायक लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ अन्य विधायकों की तरफ से भी सचिन पायलट और उनके समर्थक के खिलाफ बयानबाजी का दौर चल रहा है. सचिन पायलट दिल्ली पहुंचकर भी कांग्रेस आलाकमान से मिलने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हुई है.
सीआरपीएफ जवान शेर सिंह को दी श्रद्धांजलि
कई बार सचिन पायलट उनके समर्थकों के बीच मीटिंग में बैठकों का दौर हो चुका है. लगातार देश में राजनीति हो रही है. इन सबके बीच रविवार को सचिन पायलट अलवर के खेड़ली के पास समूची गांव में पहुंचे. यहां उन्होंने सीआरपीएफ तैनात शेर सिंह के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. श्रीनगर में ड्यूटी पर तैनात शेर सिंह की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई थी. शेर सिंह की बेटी और परिजनों से बातचीत की. परिवार के सदस्यों ने सचिन पायलट को ज्ञापन दिया और अपनी मांग रखी.
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साथ ही अपनी समस्या सचिन पायलट को बताई. इस दौरान सचिन पायलट ने परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. सचिन पायलट ने कहा कि परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी मिले, इसका प्रयास करेंगे. साथ ही सरकार की सभी योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द पूरे परिवार को मिले. इसका प्रयास भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अलवर की धरती वीरों की धरती है. यहां के युवा देश के लिए शहीद होते हैं. बड़ी संख्या में युवा देश की रक्षा कर रहे हैं, वो हर साल सेना में भर्ती होते हैं.
राजनीतिक सवालों से बचें सचिन पायलट
अलवर में सचिन पायलट के दौरे के दौरान कांग्रेसी नेता गायब नजर आए. केवल गुर्जर समाज के कुछ नेता खेड़ली में दिखाई दिए. इसके बाद सचिन पायलट राजगढ़ के रेणी के लिए रवाना हुए. रैली में राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा की पत्नी को श्रद्धांजलि देंगे. कुछ दिन पहले जो लाल पत्नी का निधन हो गया था. अलवर पहुंचने पर राजनीतिक सवालों से सचिन पायलट ने दूरी बनाए रखी. वहीं सचिन पायलट प्रदेश में चल रही राजनीतिक घमासान के मुद्दों से बचते हुए नजर आए.