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अलवरः मनरेगा में गड़बड़झाला...ग्राम विकास अधिकारी और मेट पर अभद्रता का आरोप

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Published : Sep 2, 2020, 5:58 PM IST

अलवर की ग्रामीण महिलाओं ने बुधवार को मनरेगा में काम नहीं मिलने के मामले में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. महिलाओं ने यह आरोप लगाया है कि मेट और ग्राम विकास अधिकारी केवल उनके जान पहचान वालों को ही काम देता है.

अलवर मनरेगा श्रमिक, Alwar MNREGA workers
महिलाओं ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

अलवर. जिले की ग्रामीण महिलाओं ने मनरेगा में चल रही गड़बड़ा और उन्हें रोजगार नहीं मिलने के मामले में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सालपुरी, गाजूकी, भजीट और मदन पुरी गांव की महिलाएं और स्थानीय लोगों ने मिलकर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की और ज्ञापन भी दिया.

महिलाओं ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मेट द्वारा मनरेगा में केवल उसके जान पहचान वाले लोग या फर्जी लोगों को काम दिया जा रहा है. महिलाओं ने कहा कि उन्होंने मेट से कई बार काम मांगा, लेकिन उन्हें काम नहीं दिया जा रहा है.

पढ़ेंः व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में स्वभाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है: कलराज मिश्र

मेट बबीता और वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी से महिलाए और स्थानिय लोग काम मांगने के लिए जाते हैं तो ग्राम विकास अधिकारी कहता है कि मैं जिसे चाहूंगा उसे ही काम दूंगा. तुम कौन होते हो मुझे इसके बारे में समझाने वाले और बार-बार यहां मत आया करो, वरना कभी भी तुम लोगों को काम नहीं मिलेगा.

इसके अलावा जब महिलाओं ने विरोध किया तो उनके साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार और गाली-गलौज भी की गई. महिलाओ ने बताया कि 2 महीने से उनके ही गांव में मनरेगा का काम चल रहा है. इसके बावजूद भी उन्हें काम नहीं दिया गया है.

पढ़ेंः मानवता की हत्या ! किशनगढ़ में नेशनल हाईवे पर मौत के बाद कई वाहनों ने शव को कुचला

महिलाओं ने जिला कलेक्टर से और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. महिलाओं का कहना है कि मेट काम देने के नाम पर पैसों की डिमांड कर रहा है. वहीं जिन मनरेगा कर्मियों को कुछ दिन के लिए काम मिला था, उनका भी उन्हें अभी तक भुगतान नहीं किया गया है.

अलवर. जिले की ग्रामीण महिलाओं ने मनरेगा में चल रही गड़बड़ा और उन्हें रोजगार नहीं मिलने के मामले में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सालपुरी, गाजूकी, भजीट और मदन पुरी गांव की महिलाएं और स्थानीय लोगों ने मिलकर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की और ज्ञापन भी दिया.

महिलाओं ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मेट द्वारा मनरेगा में केवल उसके जान पहचान वाले लोग या फर्जी लोगों को काम दिया जा रहा है. महिलाओं ने कहा कि उन्होंने मेट से कई बार काम मांगा, लेकिन उन्हें काम नहीं दिया जा रहा है.

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मेट बबीता और वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी से महिलाए और स्थानिय लोग काम मांगने के लिए जाते हैं तो ग्राम विकास अधिकारी कहता है कि मैं जिसे चाहूंगा उसे ही काम दूंगा. तुम कौन होते हो मुझे इसके बारे में समझाने वाले और बार-बार यहां मत आया करो, वरना कभी भी तुम लोगों को काम नहीं मिलेगा.

इसके अलावा जब महिलाओं ने विरोध किया तो उनके साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार और गाली-गलौज भी की गई. महिलाओ ने बताया कि 2 महीने से उनके ही गांव में मनरेगा का काम चल रहा है. इसके बावजूद भी उन्हें काम नहीं दिया गया है.

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महिलाओं ने जिला कलेक्टर से और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. महिलाओं का कहना है कि मेट काम देने के नाम पर पैसों की डिमांड कर रहा है. वहीं जिन मनरेगा कर्मियों को कुछ दिन के लिए काम मिला था, उनका भी उन्हें अभी तक भुगतान नहीं किया गया है.

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