अलवर. रीट अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रक्रिया नजर बगीची में सोमवार से शुरू हुई. तीन दिनों तक चलने वाली इस काउंसलिंग प्रक्रिया के पहले दिन 200 विशेष योग्जजन अभ्यर्थियों को बुलाया (REET aspirants counselling in Alwar) गया. इस दौरान दस्तावेज सत्यापन के बाद उनको स्कूलें आवंटित की जाएंगी. उसके बाद 2 दिनों तक 200-200 अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाया जाएगा. कुल 622 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रक्रिया अलवर जिले में होनी है.
अलवर में आसपास जिलों से बड़ी संख्या में युवा व उनके परिजन काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. इस दौरान दिव्यांगों के परिजनों ने हंगामा किया. उन्होंने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए. दिव्यांग जनों के परिजनों ने कहा कि अलवर के अलावा अन्य जिलों से बने हुए दिव्यांग प्रमाण-पत्रों को डॉक्टर कैंसिल कर रहे हैं. ऐसे में दिव्यांग जनों को खासी दिक्कत हो रही है. क्योंकि जिन लोगों के प्रमाण-पत्र कैंसिल किए गए हैं, उनके प्रमाण पत्र फिर से बनाए जाएंगे व अंतिम समय में उन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होगी.
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इस बीच सभी शहर व आसपास की सीटें भर जाएंगी व दिव्यांगों को अपनी पसंद की जगह नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब मेडिकल बोर्ड से उनका प्रमाण-पत्र बना हुआ है. ऐसे में फिर से उनका प्रमाण-पत्र क्यों बनाया जा रहा है. मामले की सूचना मिलने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी व जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर मौके पर पहुंचे. उन्होंने लोगों को समझाया व कहा नियम अनुसार पूरी प्रक्रिया चल रही है. काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान कुछ देर तक काउंसलिंग प्रक्रिया रुकी रही. इस दौरान अभ्यर्थी व उनके परिजन खासे परेशान नजर आए.
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि पूरे नियम अनुसार काउंसलिंग की जा रही है. अगर किसी को कोई आपत्ति है, तो उसकी समस्या का समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 14 मेडिकल प्रमाण-पत्रों में कमी मिली है. मेडिकल बोर्ड द्वारा उन अभ्यर्थियों की जांच पड़ताल की जाएगी. उसके बाद उनका फिर से प्रमाण-पत्र बनाकर उन लोगों को जॉइनिंग दी जाएगी. तीन दिनों तक चलने वाली इस काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम करने के दावे किए गए हैं. सुबह से अभ्यर्थी व उनके परिजन परेशान हो रहे हैं. परिजनों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है.