अलवर. जिले में कोरोना का प्रभाव तेजी से कम हो रहा है. जिले में एक्टिव केस की संख्या 717 रह गई है. जिले में पॉजिटिव रेट अब 1 प्रतिशत से भी कम हो गया है. सरकारी व निजी अस्पताल कोरोना मरीजों से पूरी तरह से खाली हो चुके हैं. कुछ जगहों पर केवल पोस्ट कोविड मरीज भर्ती हैं. हालांकि डॉक्टरों की माने तो तीसरी लहर के आने का खतरा लगातार मंडरा रहा है.
जिले में मंगलवार को सबसे कम 16 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए. जबकि 101 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं. हालांकि अब भी जिले में कोरोना के 717 एक्टिव केस हैं.जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार जिले का बड़ा हिस्सा कोविड मुक्त चुका है. ऐसे में साफ है कि संक्रमण तेजी से कम हो रहा है. तभी तो ऑक्सीजन बेड पर अब केवल 46 मरीज भर्ती हैं. जबकि मई माह में ऑक्सीजन बेड पर 700 मरीज भर्ती थे. आइसीयू व वेंटिलेटर दोनों को मिलाकर जिले में 30 मरीज भर्ती हैं. जिले में 16 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं. इसके अलावा 101 मरीज रिकवर हुए हैं. जिले में अब 717 मरीज एक्टिव हैं. ऑक्सीजन सपोर्ट पर 46 मरीज भर्ती हैं. आइसीयू में 15 व वेंटिलेटर पर भी 15 मरीज ही भर्ती हैं.
डॉक्टरों की माने तो तीसरी लहर आने की संभावना अभी भी बरकरार है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है. कोरोना गाइड लाइन का शत प्रतिशत पालन करना होगा. घर से बाहर जाते समय मास्क का उपयोग करें. भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर रहें व बार-बार अपने हाथ साबुन से साफ करें. सरकारी व निजी अस्पतालों में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो चुकी है. कुछ जगहों पर आईसीयू में पोस्ट कोविड मरीज भर्ती हैं, जिनका उपचार चल रहा है. प्रशासन व सरकार की तरफ से सिनेमाघर, मॉल, बार सहित कुछ जगहों को छोड़कर बाजारों को अनलॉक कर दिया गया है.
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ चलाया अभियान
डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर यातायात पुलिस की ओर से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के वालों के खिलाफ अभियान चलाते हुए सख्ती शुरू कर दी गई है. हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई कर जुर्माना भी वसूला जा रहा है. वहीं सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक भी किया जा रहा है. डूंगरपुर यातायात प्रभारी कमलेश चौधरी ने बताया की जिले में दुपहिया वाहन चालकोंं की सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा अधिक है, जिसके पीछे प्रमुख कारण हेलमेट न लगाकर वाहन चलाना है.
डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी के निर्देश पर शहर में यातायात के नियमों का उल्लंघन करने के वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के साथ हेलमेट पहनने और यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है.