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अलवरः सामान्य अस्पताल में अब नहीं रहेगी ऑक्सीजन की कमी, प्लांट से होगी ऑक्सीजन सप्लाई - राजस्थान हिंदी खबर

अलवर जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में अब ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई होगी. अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए सिलेंडर लगाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा. दो करोड़ रुपए की लागत से अलवर में ऑक्सीजन प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है, अभी ट्रायल प्रक्रिया चल रही है. इस प्लांट के काम पूरा होने के बाद प्रत्येक बेड पर मरीज को ऑक्सीजन की सुविधा मिलेगी.

Rajiv Gandhi Hospital Alwar, राजस्थान हिंदी खबर
राजीव गांधी अस्पताल में अब नहीं रहेगी ऑक्सीजन की कमी
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Published : Jan 3, 2021, 12:26 PM IST

अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में अब ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई होगी. अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए सिलेंडर लगाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा. दो करोड़ रुपए की लागत से अलवर में ऑक्सीजन प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है, अभी ट्रायल प्रक्रिया चल रही है. इस प्लांट के काम पूरा होने के बाद प्रत्येक बेड पर मरीज को ऑक्सीजन की सुविधा मिलेगी.

राजीव गांधी अस्पताल में अब नहीं रहेगी ऑक्सीजन की कमी

राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन 900 ऑक्सीजन के सिलेंडर लगते हैं. अस्पताल में करीब 500 बेड हैं, जिन पर मरीजों का इलाज होता है. सिलेंडर की कमी के चलते कई बार मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. सिलेंडर लगाने और अन्य कार्यों के लिए यहां स्टाफ को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन नए साल में अब ऑक्सीजन सिलेंडर की समस्या से छुटकारा मिलेगा.

अस्पताल में 2 करोड़ रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम चल रहा है. इसका काम आधा पूरा हो चुका है, तो वहीं करीब 500 बेड पर ऑक्सीजन लाइन की फिटिंग का कार्य भी तेजी से चल रहा है. प्लांट में मशीन इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है. जनवरी माह में इस प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई करने की योजना है. साथ ही 600 एलपीएम के दूसरे प्लांट के लिए शेड बनकर तैयार हो चुकी है. इस प्लांट से 135 से अधिक सिलेंडर की ऑक्सीजन तैयार होगी. साथ ही सीधे प्लांट से ऑक्सीजन प्रत्येक मरीज को बेड तक सप्लाई की जा सकेगी.

वहीं, प्लांट में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर चेंज ओवर सिस्टम से ऑक्सीजन सिलेंडर से भी सप्लाई की जा सकेगी. ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन का स्टोरेज फुल होने पर वो अपने आप बंद हो जाएगा. ऑक्सीजन की मात्रा घटने पर अपने आप ऑटोमेटिक स्टार्ट हो जाएगा. अस्पताल में दो प्लांट हैं, जिनका काम लगभग हो चुका है.

यह भी पढ़ेंः पोकरण के आसमान में पहली बार कलाबाजियां दिखाएगा राफेल, भारत-फ्रांस के बीच 19 जनवरी से युद्धाभ्यास

जिला अस्पताल में सर्जिकल वार्ड फ्लोटिंग वार्ड, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, पुराने और नए ऑपरेशन थिएटर क्रिटिकल केयर यूनिट और पेंशन वार्ड में 55 लाख रुपए की लागत से 350 ऑक्सीजन सप्लाई के पॉइंट बनाए गए हैं. पॉइंट लाइन का काम पूरा हो चुका है. अब सिर्फ वार्ड की पाइप लाइनों को मैनीफोल्ड बनाकर प्लांट से जोड़ा जाएगा, जिससे 24 घंटे मरीजों को ऑक्सीजन मिल सकेगा. ऑक्सीजन प्लांट को लगातार सही वोल्टेज बिजली सप्लाई के लिए अलग से ट्रांसफार्मर भी लगाया गया है. बिजली गुल होने पर अलग से जनरेटर की सुविधा उपलब्ध रहेगी.

जयपुर से आए अधिकारियों ने कहा की देखरेख में पूरा काम चल रहा है. अभी तक भिवाड़ी की एक कंपनी की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है, लेकिन कोरोना में ऑक्सीजन की खासी कमी हो गई थी. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन प्लांट का काम कराया गया है. इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा.

अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में अब ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई होगी. अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए सिलेंडर लगाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा. दो करोड़ रुपए की लागत से अलवर में ऑक्सीजन प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है, अभी ट्रायल प्रक्रिया चल रही है. इस प्लांट के काम पूरा होने के बाद प्रत्येक बेड पर मरीज को ऑक्सीजन की सुविधा मिलेगी.

राजीव गांधी अस्पताल में अब नहीं रहेगी ऑक्सीजन की कमी

राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन 900 ऑक्सीजन के सिलेंडर लगते हैं. अस्पताल में करीब 500 बेड हैं, जिन पर मरीजों का इलाज होता है. सिलेंडर की कमी के चलते कई बार मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. सिलेंडर लगाने और अन्य कार्यों के लिए यहां स्टाफ को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन नए साल में अब ऑक्सीजन सिलेंडर की समस्या से छुटकारा मिलेगा.

अस्पताल में 2 करोड़ रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम चल रहा है. इसका काम आधा पूरा हो चुका है, तो वहीं करीब 500 बेड पर ऑक्सीजन लाइन की फिटिंग का कार्य भी तेजी से चल रहा है. प्लांट में मशीन इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है. जनवरी माह में इस प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई करने की योजना है. साथ ही 600 एलपीएम के दूसरे प्लांट के लिए शेड बनकर तैयार हो चुकी है. इस प्लांट से 135 से अधिक सिलेंडर की ऑक्सीजन तैयार होगी. साथ ही सीधे प्लांट से ऑक्सीजन प्रत्येक मरीज को बेड तक सप्लाई की जा सकेगी.

वहीं, प्लांट में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर चेंज ओवर सिस्टम से ऑक्सीजन सिलेंडर से भी सप्लाई की जा सकेगी. ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन का स्टोरेज फुल होने पर वो अपने आप बंद हो जाएगा. ऑक्सीजन की मात्रा घटने पर अपने आप ऑटोमेटिक स्टार्ट हो जाएगा. अस्पताल में दो प्लांट हैं, जिनका काम लगभग हो चुका है.

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जिला अस्पताल में सर्जिकल वार्ड फ्लोटिंग वार्ड, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, पुराने और नए ऑपरेशन थिएटर क्रिटिकल केयर यूनिट और पेंशन वार्ड में 55 लाख रुपए की लागत से 350 ऑक्सीजन सप्लाई के पॉइंट बनाए गए हैं. पॉइंट लाइन का काम पूरा हो चुका है. अब सिर्फ वार्ड की पाइप लाइनों को मैनीफोल्ड बनाकर प्लांट से जोड़ा जाएगा, जिससे 24 घंटे मरीजों को ऑक्सीजन मिल सकेगा. ऑक्सीजन प्लांट को लगातार सही वोल्टेज बिजली सप्लाई के लिए अलग से ट्रांसफार्मर भी लगाया गया है. बिजली गुल होने पर अलग से जनरेटर की सुविधा उपलब्ध रहेगी.

जयपुर से आए अधिकारियों ने कहा की देखरेख में पूरा काम चल रहा है. अभी तक भिवाड़ी की एक कंपनी की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है, लेकिन कोरोना में ऑक्सीजन की खासी कमी हो गई थी. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन प्लांट का काम कराया गया है. इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा.

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