अलवर. गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में बसपा से आए विधयकों में केवल राजेंद्र गुढ़ा को कैबिनेट (Rajendra Gudha reached Bhiwadi) में शामिल किया गया. उसके बाद से वो लगातार अपने बयानों के चलते चर्चा में बने हुए हैं. राजेंद्र गुढ़ा ने अभी तक अपना कार्यभार भी ग्रहण नहीं किया है. शुक्रवार को अलवर के भिवाड़ी में तिजारा विधायक संदीप यादव की भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे. राजेंद्र गुढ़ा से जब पदभार ग्रहण करने को लेकर सवाल पूछा गया तो वे भड़क गए. उन्होंने कहा कि उनका जब मन करेगा तब वो पदभार ग्रहण करेंगे.
गहलोत सरकार (Gehlot government) के मंत्रिमंडल विस्तार (cabinet expansion) में जिन लोगों को जगह नहीं मिली है वे लोग अपनी नाराजगी जता रहे हैं. जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है उन लोगों पर गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं. बसपा से जीते विधायकों में केवल उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. जबकि अन्य बसपा के विधायक विरोध दर्ज करा रहे हैं. कई विधायक तो मीडिया के सामने खुलकर बोल चुके हैं.
दूसरी तरफ राजेंद्र गुढ़ा ने अभी तक अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है. वो अकेले ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने अभी तक अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है. उनके अलावा सभी मंत्री अपने विभाग का पदभार ग्रहण कर चुके हैं और अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद मीटिंग का दौर भी शुरू हो चुका है. इसी बीच शुक्रवार को तिजारा से बसपा के विधायक संदीप यादव की भतीजी की शादी समारोह में शामिल होने के लिए राजेंद्र गुढ़ा और अन्य नेता पहुंचे.
राजेंद्र गुढ़ा अपने निजी गाड़ी से कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान जब मीडिया ने उनसे पदभार ग्रहण करने को लेकर सवाल किया तो उनको गुस्सा आ गया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम है क्या कि 5 दिन में करूं या 15 दिन में करुं. जब मन करेगा चला जाऊंगा. उन्होंने कहा कि मुझे कोई मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है. उनकी बातों से साफ है कि उन पर अपनी ही पार्टी के विधायकों का दबाव है. राजेंद्र गुढ़ा ने शुरुआत में मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था.
राजेंद्र गुढ़ा मंत्री बनने के बाद से लगातार अपने बयानों के चलते चर्चा में बने हुए हैं. पहले उन्होंने कहा कि वह अकेले ऐसे विधायक हैं जो बिना किसी प्रयास के मंत्री बन गए हैं. वहीं इससे पहले उन्होंने कहा था कि हेमा मालिनी अब बूढ़ी हो चुकी हैं,अब कैटरीना कैफ के गालों की तरह सड़कें होनी चाहिए. उसके बाद से लगातार वे चर्चा का विषय बन गए हैं. उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने जमकर कांग्रेस पर हमला बोला था. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी नाराजगी जताते हुए हिदायत दी थी.