अलवर. देश में सबसे ज्यादा गो तस्करी के मामले अलवर जिले से सामने आते हैं. जिले में गो तस्करों की 8 मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी हो चुकी है, जिसमें 5 गो तस्कर मारे जा चुके हैं. इसके अलावा गो तस्करों और पुलिस के बीच मुठभेड़ और फायरिंग की घटना भी सामने आई है. अलवर जिले की सीमा उत्तर प्रदेश व हरियाणा राज्य से लगती है. इसलिए अलवर जिले से हरियाणा व उत्तर प्रदेश में आना-जाना आसान है.
मुख्य रास्तों के अलावा कई कच्चे रास्ते भी अलवर के आसपास के पड़ोसी राज्य व शहरों को जोड़ते हैं. अलवर जिले से आसानी से गो तस्कर व अन्य लोग 15 से 20 मिनट में हरियाणा, उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए गो तस्करी के अलवर में सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. बढ़ती गो तस्करी की घटनाओं को देखते हुए सरकार व पुलिस विभाग ने अलवर, भरतपुर, धौलपुर में स्थाई गोरक्षा चौकियां खोली गई. अलवर जिले में 3 पुलिस चौकियां खोली गई. गो रक्षक चौकियां खुलने के बाद गो तस्करों ने अपने रास्ते बदल लिए.
पुलिस ने बनाया एक्शन प्लान...
गो तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, ऐसे में अब पुलिस ने भी अपना प्लान तैयार किया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब स्थाई चौकियों के अलावा चौकी का स्टाफ कच्चे रास्तों व अन्य जगहों पर चेकपोस्ट लगाकर वाहनों की जांच पड़ताल करेंगे. इसके तहत वाहनों की चेकिंग के अलावा कार्रवाई भी की जाएगी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अलवर में सबसे ज्यादा गो तस्करी रामगढ़, तिजारा, भिवाड़ी, नीमराना, गोविंदगढ़, नौगांवा सहित आसपास क्षेत्र में होती है. ऐसे में सभी जगहों पर चलती फिरती चौकी शुरू की जाएंगी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि को तस्करी रोकने के लगातार प्रयास जारी है.
![rajasthan police action plan, cow smuggler in alwar, alwar police station](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10547312_01.png)
अलवर जिले में तीन गो रक्षक चौकी...
साल 2017 नवंबर माह में भाजपा के कार्यकाल के दौरान अलवर व भरतपुर जिले में 14 गोरक्षा चौकी व थाने खोले गए. राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बना, जहां गो रक्षा के लिए पुलिस चौकी खोली गई थी.
पढ़ें: अजमेर में लेटर बॉक्स की हो रही ऑनलाइन निगरानी...आन्ध्रप्रदेश का नान्यथा एप कर रहा मॉनीटर
गोरक्षा चौकिया हो रही नाकाम...
हरियाणा से सटे अलवर और भरतपुर जिले के मेवात इलाकों में सबसे ज्यादा गो तस्करी की घटनाएं होती हैं. पुलिस की ओर से अलवर व भरतपुर जिले में गोरक्षा चौकियां स्थापित की गई, लेकिन यह गोरक्षा चौकी गो तस्करी रोकने में नाकाम साबित हो रही है. क्योंकि, तस्करों ने नए रास्ते खोज लिए.
मोबाइल पार्टी तैनात...
पुलिस की तरफ से मोबाइल पार्टी लगाकर गोविंदगढ़, बड़ौदा में रामगढ़ हाईवे पर गश्त कराई जा रही है. साथ ही, लोगों को समझाइश करने का काम भी लगातार चल रहा है.
तस्करी के तरीके...
अलवर में लग्जरी गाड़ियों में गो तस्कर तस्करी करते हैं. इसके अलावा महिलाएं गो तस्करी के मामले में सामने आ चुकी है. साथ ही, हाल ही में पुलिस ने जयपुर पुलिस लाइन में तैनात एक कांस्टेबल को गो तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया. ऐसे में साफ है कि अलवर जिले में कई तरीके से गो तस्करी का खेल चल रहा है.
आए दिन आते हैं मामले...
अलवर जिले में गो तस्करी के हर साल 100 से अधिक मामले सामने आते हैं. जबकि, बड़ी संख्या में गायों को मुक्त कराया जाता है. तस्करों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया भी की जाती है. हाल ही में पुलिस की एक रिपोर्ट में सामने आया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा गो तस्करी की घटनाएं अलवर जिले में होती है.