अलवर. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र बुधवार को मत्स्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए अलवर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि महामहिम शब्द का प्रयोग और अलग से कुर्सी लगाना उनको ठीक नहीं लगता है. उन्होंने कहा कि वो कई बार कार्यक्रमों के दौरान सामान्य कुर्सी पर भी बैठे हैं.
वहीं, नागरिक संशोधन बिल पर देशभर में हो रहे विरोध को लेकर राज्यपाल ने कहा कि इस पर कानून बन चुका है. कानून पर कुछ लोगों का निजी विरोध हो सकता है. लोकतंत्र में विरोध करने का सभी को अधिकार है, लेकिन विरोध के नाम पर देश में हो रही हिंसात्मक घटनाएं चिंता का विषय हैं. जो लोग हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, उनकी घोर निंदा होनी चाहिए और पहचान करते हुए उनको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.
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राज्यपाल मिश्र ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को यह जानकारी नहीं है कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह किसी के कहने पर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि पुलिस पर कोई हमला करेगा तो पुलिस क्या करेगी. मिश्र ने कहा कि इन सब हिंसात्मक घटनाओं के पीछे कुछ ताकतें काम कर रही है और यह ताकत देश को नुकसान पहुंचा रही है, जो प्रदेश के लिए भी घातक है.
अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में लंबे समय से खाली चल रहे वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार के पद सहित अन्य पदों को जल्द से जल्द भरने की बात कहते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी मुद्दों पर काम चल रहा है और जल्द ही सभी पदों पर नियुक्ति होगी. वहीं, अलवर में लंबे समय से अटके हुए मेडिकल कॉलेज को लेकर राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से अलवर में यह ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज का भवन बनाया गया, यह जिले के लिए गौरव की बात है.
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राज्यपाल मिश्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने देश के सभी जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही और वह अपनी बातों की हिसाब से प्रदेश में विकास कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई कॉलेज में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं, इससे युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और समाज शिक्षित होगा.