अलवर. राजस्थान के बड़े विश्वविद्यालयों में शामिल राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अभी भी किराए के भवन में चल रहा है. हल्दीना में विश्वविद्यालय का नया भवन बनकर तैयार है. लेकिन, मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण नए भवन में विश्वविद्यालय शिफ्ट नहीं हुआ है. विश्वविद्यालय प्रशासन कहना है कि जरूरी कार्यों के लिए पैसे जमा करा दिए गए हैं, जल्द ही काम पूरा होने के बाद नए भवन में विश्वविद्यालय शुरू होगा.
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गौरतलब है कि फिलहाल राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय कला महाविद्यालय के कन्या छात्रावास में संचालित हो रहा है. यहां उत्तर पुस्तिका रखने के लिए भी कोई जगह नहीं है. वहीं, हर साल किराए का भवन लेकर काम चलाना पड़ता है. हल्दीना गांव में विश्वविद्यालय के नाम 200 बीघा जमीन आवंटित की गई, जिसके बाद प्रशासन की तरफ से 9 करोड़ रुपये की लागत से प्रशासनिक और परीक्षा भवन का निर्माण कराया गया.
बता दें कि सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए सिर्फ 6 करोड़ रुपये की राशि दी थी. इसके बाद इसकी स्वीकृति राशि के लिए भी विश्वविद्यालय ने सरकार को पत्र लिखा. इस पूरे सेटअप पर करीब 900 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी. ऐसे में सरकार की लापरवाही के चलते लंबे समय से विश्वविद्यालय का भवन अधर में लटका हुआ है.
अब विश्वविद्यालय का भवन बनकर तैयार है. लेकिन, भवन में बिजली, पानी और सड़क की अभी भी व्यवस्था नहीं हुई है. विश्वविद्यालय की तरफ से वर्किंग एजेंसी को अन्य कार्यों के लिए पैसे दे दिए गए हैं. लेकिन, कोरोना के चलते काम रुका हुआ है. ऐसे में विश्वविद्यालय नए भवन में शिफ्ट नहीं हो सकेगा. इस प्रक्रिया में अभी और समय लग सकता है.
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हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि सभी कार्य पूरे हैं. जैसे ही काम पूरे होने के बाद भवन विश्वविद्यालय प्रशासन के हवाले होगा, उसमें तुरंत विश्वविद्यालय शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अभी विश्वविद्यालय के पास खुद का कोई भवन नहीं है. ऐसे में हर साल परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन को किराए के भवन लेने पड़ते हैं. ऐसे में खासी दिक्कत होती है. वहीं, किराए के भवन के लिए काफी धनराशि खर्च होती है. हर साल विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होते हैं.