अलवर. जिले के थानागाजी गैंगरेप मामले में पुलिस की जांच पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. पुलिस ने जल्दबाजी में नाबालिग महेश गुर्जर को बालिग मानते हुए आरोपी बनाकर कोर्ट में चालान पेश कर दिया था. इसके बाद मुलजिम महेश गुर्जर के पिता ने एससी-एसटी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर बेटे के नाबालिग होने के दस्तावेज दिए थे. जिसके बाद कोर्ट ने महेश के पिता के बयान दर्ज किए थे.
अपर लोकअभियोजक कुलदीप जैन ने बताया कि नाबालिग के पिता के बयानों के बाद कोर्ट ने स्कूल के प्रिंसिपल को रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में बुलाया और सभी साक्ष्यों के आधार पर महेश को नाबालिग मानते हुए जुवेनाइल कोर्ट में चालान पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट के आदेश पर अब नाबालिग को जेल से अब बाल संप्रेषण गृह में भेज दिया जाएगा. इस मामले में कोर्ट में अब अगली सुनवाई 4 जून को होगी. जिसमें पीड़िता के बयान दर्ज किए जाएंगे.
गौरतलब है कि थानागाजी गैंगरेप मामले में पीड़िता की ओर से 2 मई को मामला दर्ज कराया गया था. उसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए 18 मई को कोर्ट में चालान पेश कर दिया था. जिसमें पांच आरोपियों महेश गुर्जर, हंसराज, छोटेलाल, इंद्राज गुर्जर और अशोक को गैंगरेप मामले में दोषी मानते हुए चालान पेश किया था. जबकि एक आरोपी मुकेश गुर्जर को आईटी एक्ट करने के आरोप में दोषी माना गया था. नाबालिग के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस को बेटे के नाबालिग होने के दस्तावेज देने के बाद भी पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की.