ETV Bharat / city

अलवर मंडी में पंजाब के तरबूज और खरबूजे की डिमांड बढ़ी, हर दिन पहुंच रहे 10 से 15 ट्रक

author img

By

Published : Jun 7, 2019, 8:34 PM IST

भीषण गर्मी में अलवर की मंडियों में पंजाब के खरबूजे व तरबूज की डिमांड अच्छी खासी बनी हुई है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में तरबूज और खरबूजा बिकने के लिए अलवर आ रहा है....

अलवर के मंडी में पंजाब के तरबूज और खरबूजे की डिमांड.

अलवर. भीषण गर्मी में शरीर को पानी की कमी पूरी करने वाले तरबूज व खरबूजा की इन दिनों अलवर मंडी में जमकर भरमार है. प्रतिदिन लाखों रुपए के तरबूज व खरबूजा पंजाब के विभिन्न शहरों से बिकने के लिए अलवर आ रहे हैं. वही अलवर के लोग भी इसे खासा पसंद कर रहे हैं.

अलवर के मंडी में पंजाब के तरबूज और खरबूजे की डिमांड.

थोक बाजार में खरबूजा 4 से 5 रुपए किलो दुकानदार को मिल रहा है. वहीं, दुकानदार उसको 10 से 15 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में बेच रहे हैं. वहीं लोग भी इसे खासा पसंद कर रहे हैं. व्यापारियों ने बताया की गर्मियों में यह खरबूजा खराब नहीं होता है. व्यापारियों की मानें तो प्रतिदिन 8 से 10 गाड़ियां खरबूजे के ट्रक अलवर में पंजाब से आ रहे हैं.

प्रत्येक गाड़ी में करीब 11 टन सामान रहता है. इसलिए साफ है कि बड़ी संख्या में अलवर में खरबूजे की डिमांड है. वहीं ऐसी ही स्थिति तरबूज की भी बनी हुई है. अलवर में पंजाब से प्रतिदिन 15 से 20 ट्रक तरबूज के आते हैं. अलवर शहर के अलावा तिजारा, भिवाड़ी, खुशखेड़ा, नीमराना, थानागाजी, राजगढ़, मालाखेड़ा सहित जिले भर में खरबूजा व तरबूज की डिमांड रहती है. क्योंकि यह फल गर्मी में फायदा पहुंचाता है व अन्य फलों की तुलना में यह सस्ता आता है. इसलिए लोग खासा पसंद करते हैं व डिमांड ज्यादा रहती है.

अलवर. भीषण गर्मी में शरीर को पानी की कमी पूरी करने वाले तरबूज व खरबूजा की इन दिनों अलवर मंडी में जमकर भरमार है. प्रतिदिन लाखों रुपए के तरबूज व खरबूजा पंजाब के विभिन्न शहरों से बिकने के लिए अलवर आ रहे हैं. वही अलवर के लोग भी इसे खासा पसंद कर रहे हैं.

अलवर के मंडी में पंजाब के तरबूज और खरबूजे की डिमांड.

थोक बाजार में खरबूजा 4 से 5 रुपए किलो दुकानदार को मिल रहा है. वहीं, दुकानदार उसको 10 से 15 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में बेच रहे हैं. वहीं लोग भी इसे खासा पसंद कर रहे हैं. व्यापारियों ने बताया की गर्मियों में यह खरबूजा खराब नहीं होता है. व्यापारियों की मानें तो प्रतिदिन 8 से 10 गाड़ियां खरबूजे के ट्रक अलवर में पंजाब से आ रहे हैं.

प्रत्येक गाड़ी में करीब 11 टन सामान रहता है. इसलिए साफ है कि बड़ी संख्या में अलवर में खरबूजे की डिमांड है. वहीं ऐसी ही स्थिति तरबूज की भी बनी हुई है. अलवर में पंजाब से प्रतिदिन 15 से 20 ट्रक तरबूज के आते हैं. अलवर शहर के अलावा तिजारा, भिवाड़ी, खुशखेड़ा, नीमराना, थानागाजी, राजगढ़, मालाखेड़ा सहित जिले भर में खरबूजा व तरबूज की डिमांड रहती है. क्योंकि यह फल गर्मी में फायदा पहुंचाता है व अन्य फलों की तुलना में यह सस्ता आता है. इसलिए लोग खासा पसंद करते हैं व डिमांड ज्यादा रहती है.

Intro:भीषण गर्मी में अलवर की मंडियों में पंजाब के खरबूजे व तरबूज की डिमांड चल रही है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में तरबूज खरबूजा बिकने के लिए अलवर आ रहा है। तो वही आवक बेहतर होने के कारण लोगों को भी खासा पसंद आ रहा है।


Body:भीषण गर्मी में शरीर को पानी की कमी पूरी करने वाले तरबूज व खरबूजा की इन दिनों अलवर मंडी में जमकर भरमार है। प्रति लाखों के तरबूज व खरबूजा पंजाब के विभिन्न शहरों से बिकने के लिए अलवर आ रहे हैं। तो वही अलवर के लोग भी इसे खासा पसंद कर रहे हैं।

थोक बाजार में खरबूजा 4 से 5 किलो दुकानदार को मिल रहा है। तो वही दुकानदार उसको 10 से 15 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में बेच रहा है। ऐसे में किसान व्यापारी को दोनों को खासा फायदा मिल रहा है। तो वहीं लोग भी खासा पसंद कर रहे हैं। व्यापारियों ने बताया की गर्मियों में यह खरबूजा खराब नहीं होता है।


Conclusion:व्यापारियों की मानें तो प्रतिदिन 8 से 10 गाड़ियां खरबूजे के ट्रक अलवर में पंजाब से आ रहे हैं। प्रत्येक गाड़ी में करीब 11 टन सामान रहता है। इसलिए साफ है कि बड़ी संख्या में अलवर में खरबूजे की डिमांड है। तो वहीं इसी तरह के हालात तरबूज के भी हैं। अलवर में पंजाब से प्रतिदिन 15 से 20 ट्रक तरबूज के आते हैं। इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों के अलग स्थितियां हैं। अलवर शहर के अलावा तिजारा, भिवाड़ी, खुशखेड़ा, नीमराना, थानागाजी, राजगढ़, मालाखेड़ा सहित जिले भर में खरबूजा व तरबूज की डिमांड रहती है। क्योंकि यह फल गर्मी में फायदा पहुंचाता है व अन्य फलों की तुलना में यह सस्ता आता है। इसलिए लोग खासा पसंद करते हैं व डिमांड ज्यादा रहती है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.