अलवर. कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला कलेक्टर ने प्राइवेट अस्पतालों को 40 प्रतिशत बेड कोविड मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं. 50 से अधिक बेड वाले अस्पतालों पर यह आदेश लागू होगा. साथ ही निजी अस्पतालों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी प्रशासन की तरफ से की जाएगी. दिवाली के बाद से लगातार कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है. अलवर में 200 से अधिक संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. सर्दी के मौसम में भी मरीजों के बढ़ने की आशंका है. इसलिए संक्रमित मरीजों के इलाज की पूरी तैयारी प्रशासन की तरफ से की जा रही है.
वहीं कोई भी निजी अस्पताल कोरोना मरीज के इलाज के लिए मना नहीं कर सकते हैं. यदि उनके यहां बेड उपलब्ध नहीं है, तो उसके अस्पताल के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी होगी कि वो चिकित्सा विभाग के कोऑर्डिनेटर से संपर्क करके मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर आए. जिला कलेक्टर ने 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों की एक बैठक ली. इसमें 40 प्रतिशत बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं. इसमें साफ तौर पर कोविड मरीजों के पहुंचने पर उनका इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सीएमएचओ कंट्रोल रूम और स्वास्थ्य विभाग हेल्पलाइन डेस्क भी इसमें अहम भूमिका निभाएगी.
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जिला कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि अगर सिटी स्कैन जांच के आधार पर मरीज के संक्रमित होने का पता चलता है. तो मरीज और उसके परिजनों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत को क्वॉरेंटाइन की पूरी पालना करना जरूरी है. ऐसे कई मरीज होते हैं, जो एचआईसीटी में संक्रमित होते हैं और आरटीपीसीआर में नेगेटिव आ जाते हैं, लेकिन वो पॉजिटिव ही माने जाएंगे और उसी प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज होगा. दूसरी तरफ जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 24000 से अधिक हो चुका है. लगातार मिल रही मरीजों की संख्या ने प्रशासन में स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ा दी है. जिले में 237 नए मरीज मिले संक्रमण दर का ग्राफ 13.13 प्रतिशत और रिकवरी दर 86.30 प्रतिशत चल रही है.